विदेश मंत्री जयशंकर ग्रीस के दौरे पर – इंटरनॅशनल सोलर अलायन्स में ग्रीस का सहभाग

नई दिल्ली – भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ग्रीस के दौरे पर हैं । उन्होंने ग्रीस के प्रधानमंत्री केरियाकोस मित्सोताकिस और विदेश मंत्री निकोस देंदियस से भेंट करके चर्चा की। आतंकवाद के साथ ही हिंसक कट्टरतावाद से बहुत बड़ा खतरा संभव है, इस पर दोनों देशों का एकमत हुआ, ऐसी जानकारी भारत के विदेश मंत्रालय ने दी है। उसी समय भारत ने पहल करके स्थापन किए ‘इंटरनॅशनल सोलर अलायन्स’ में ग्रीस ने भी सहभाग लिया होकर, इस पर भारत के विदेश मंत्री ने संतोष ज़ाहिर किया है । 

पाकिस्तान और तुर्की इन देशों ने मजबूत राजनीतिक और लष्करी मोरचे का गठन करने का फैसला किया है। इसका बहुत बड़ा असर ग्रीस पर हो सकता है। तुर्की के साथ चल रहे सागरी विवाद के कारण ग्रीस की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। ग्रीस के विरोध में लष्करी कार्रवाई की जा सकती है, ऐसा तुर्की धमका रहा है। उसी समय, अफ्रीकी तथा अन्य देशों से अपने भूभाग में प्रवेश करनेवाले शरणार्थियों के झुंड, ग्रीस में छोड़ देने की धमकी भी तुर्की द्वारा दी जा रही है। ऐसी परिस्थिति में ग्रीस ने भारत के साथ सहयोग बढ़ाने का सामरिक निर्णय किया। भारत ने भी उसे प्रतिसाद दिया होकर, विदेश मंत्री जयशंकर के इस ग्रीस दौरे में उसका प्रतिबिंब दिखाई दे रहा है।

विदेश मंत्री जयशंकर के इस दौरे में ग्रीस ने इंटरनॅशनल सोलर अलायन्स (आयएसए) में सहभागी होने का फैसला किया और उसके समझौते पर हस्ताक्षर किए। विदेश मंत्री जयशंकर ने इसका स्वागत किया। ‘आयएसए’ यह भारत ने पहल करके स्थापन किया संगठन होकर, पर्यावरणपूरक सौर उर्जा का पुरस्कार करना और इसके लिए मोरचा बनाना यह इसका प्रमुख ध्येय माना जाता है। उसी समय, इस संगठन के पास राजनीतिक प्रभाव जमाने की क्षमता होने के दावे कुछ लोगों द्वारा किए जा रहे हैं। ख़ासकर भारत का अन्तर्राष्ट्रीय प्रभाव इससे अधोरेखांकित होने की बात स्पष्ट होने के संकेत दिए जा रहे हैं।

इसी बीच, अन्तर्राष्ट्रीय नियमों पर आधारित व्यवस्था का इस समय भारत और ग्रीस के विदेश मंत्रियों ने पुरस्कार किया। दूसरे देश की सार्वभौमिकता तथा क्षेत्रीय अखंडता इसका सभी लोग आदर करें और अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों की चौखट ना तोडें, ऐसी उम्मीद भारत और ग्रीस के विदेश मंत्रियों ने ज़ाहिर की। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में मगरूरी करनेवाला चीन और ग्रीस की सागरी सीमा पर दावा जतानेवाला तुर्की, इन दोनों देशों को भारत और ग्रीस ने इसके जरिए लक्ष्य किया दिख रहा है। इन दिनों पूर्वीय मेडिटेरियन सागरी क्षेत्र में जो कुछ गतिविधियाँ शुरू हैं, उसकी दखल लेकर इस विषय पर भारत और ग्रीस के विदेश मंत्रियों की चर्चा संपन्न हुई। भारत के विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी साझा की।

उसी समय, आतंकवाद और हिंसक कट्टरतावाद इनसे दुनिया को बहुत बड़ा खतरा संभव है, इसपर भारत और ग्रीस के विदेश मंत्रियों का एकमत हुआ है। साथ ही, इसमें सीमा के उस पार से निर्यात किए जानेवाले आतंकवाद का भी समावेश है, यह दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने मान्य किया। आतंकवाद का किसी भी प्रकार से समर्थन नहीं किया जा सकता, ऐसा विदेश मंत्री जयशंकर और विदेश मंत्री देंदियस ने डटकर कहा।

पाकिस्तान और तुर्की जैसे गैरज़िम्मेदार देश, लोकतंत्रवादी भारत और ग्रीस इन देशों के विरोध में मोरचा बना रहे हैं, ऐसे में भारत और ग्रीस अपना सहयोग मजबूत करके उसे प्रत्युत्तर दें, ऐसा आवाहन ग्रीस के विश्लेषक कर रहे हैं। साथ ही, दोनों देशों के बीच हज़ारों सालों से सांस्कृतिक तथा व्यापारिक संबंध होने की याद भी ग्रीस के विश्लेषक करा दे रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.