विदेश मंत्री एवं रक्षा मंत्रियों के दौरे की पृष्ठभूमि पर – चीन के घुसपैठ की तीव्रता बढ़ेगी

नई दिल्ली: डोकलाम का विवाद पीछे छोड़ते हुए भारत और चीन के उत्तम संबंध प्रस्थापित करने के लिए प्रयत्न हो रहे है। दोनों देशों के नेताओं के मार्गदर्शन में भारत और चीन के विभिन्न स्तरों पर चर्चा और संवाद की प्रक्रिया शुरू हुई है, ऐसा दावा चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने किया है। पर इन सारे संवाद की प्रक्रिया शुरू रहते चीन की भारत के सीमा में घुसपैठ रुकी नहीं है, यह बात इंडो टिबेटन बॉर्डर पुलिस के ‘आयटीबीपी’ के रिपोर्ट से स्पष्ट हो रही है।

चीन के घुसपैठ, तीव्रता बढ़ेगी, सुषमा स्वराज, निर्मला सीतारामन, चीन को भेंट,  दौरे, भारत, अजीत डोवलभारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल ने हालही में चीन को भेंट दी थी। विदेशमंत्री सुषमा स्वराज और रक्षामंत्री निर्मला सीतारामन जल्द ही चीन को भेंट देने वाले हैं। उनके इस दौरे की पृष्ठभूमि पर डोवल ने चीन को भेट दी थी। उसके बाद चीन से इस दौरे का वातावरण निर्माण किया जा रहे हैं, ऐसा दिखाई दे रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने अपना देश भारत के साथ विभिन्न स्तर पर चर्चा और संवाद प्रस्तावित कर रहा है, ऐसा कहा है।

चीन भारत के साथ अपने संबंधों को महत्व दे रहा है और यह द्विपक्षीय संबंध योग्य मार्ग से आगे जाएं, ऐसी चीन की अपेक्षा होने की बात चुनयिंग ने कही है। दोनों देशों के सहयोग को बहुत संभाव्य होने की बात उस समय चुनयिंग ने स्पष्ट की है। पर चुनयिंग यह विधान करते समय आयटीबीपी द्वारा केंद्रीय गृह मंत्रालय के रिपोर्ट की जानकारी सामने आई है। पिछले ३० दिनों में ३५ बार तथा पिछले १७ दिनों में २१ बार चीन के लष्कर ने लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में घुसपैठ की है। २९ और ३० मार्च के रोज अरुणाचल प्रदेश के जिला में चीन के जवान लगभग ४ किलोमीटर अंदर घुसने की बात इस रिपोर्ट में कही गई है। उसमें आईटीबीपी के सैनिकों ने चीन के जवानों को रोका और वहीं से वापस भेजा है, ऐसा भी इस रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है।

इससे पहले भी भारत के नेताओं के चीन यात्रा के दौरान अथवा चीनी नेताओं के भारत दौरे से पहले चीन के जवानों ने भारत के सीमा में घुसपैठ करने की खबरें प्रसिद्ध हुई थी। इसके पीछे चीन का सुनियोजित षड्यंत्र होने की बात अनेक बार उजागर हुई है। लगातार भारतीय सीमा में घुसपैठ करके यह भाग अपना ही होने का दावा करने का चीन प्रयत्न कर रहा है। पर भारतीय लष्कर तथा निमलष्करी दल की सतर्कता की वजह से चीन के प्रयत्नों को सफलता नहीं मिल रही है।

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