असम, अरुणाचल और मेघालय में बाढ़ की आफ़त – अरुणाचल में तीन की मृत्यु

दिसपूर – असम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय इन ईशान्य भारत के राज्यों में बाढ़ से बड़ा नुकसान हो रहा हैं। अरुणाचल में भूस्खलन से तीन लोगों की मौत भी हुई हैं। ब्रम्हपुत्रा नदी खतरे की लाईन से उपर बहना शुरू होने से तीनों राज्यों में स्थिति काफी चिंताजनक बनी हैं। इन राज्यों में ढ़ाई लाख लोग विस्थापित हुए हैं और ३५० गाँव बाढ़ की चपेट में फँसें हैं। नैशनल डिज़ास्टर रिस्पॉन्स फोर्स एवं स्टेट डिज़ास्टर फोर्स ने इस क्षेत्र में राहतकार्य शुरू किया है।

असम में लगातार तीन दिन मुसलाधार बारीश हो रही है। इसी बीच ब्रम्हपुत्रा नदी खतरे के स्तर से उपर बहने लगी हैं और इस वज़ह से असम में बाढ़ की स्थिति बनीं हैं। ऐसें में असम के सात जिलों से दो लाख लोग विस्थापित हुए हैं। इनमें से ९ हज़ार लोगों को सुरक्षित स्थल पर रखा गया है और असम में बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए ३५ राहत कैम्प लगाए गए हैं। इस दौरान आसाम में करीबन १००७ हेक्टर क्षेत्र की खेती बाढ़ के पानी में डूब गई है। इसके साथ ही असम में इस बाढ़ से हज़ारों पशुओं को भी झटका लगा हैं। पहले ही असम कोरोना वायरस के संकट का सामना कर रहा है। उसी में अब असम के सामने बाढ़ का नया संकट खड़ा हुआ है।

अरुणाचल के कुछ गाँवों को बाढ़ के साथ भूस्खलन से भी नुकसान हुआ है। इस भूस्खलन में तीन लोगों की मृत्यु हुई होकर, उनमें एक महिला और उसके दो बच्चों का समावेश है। अरुणाचल के मुख्यमंत्री ने इस घटना पर संवेदना व्यक्त करके मृतकों के परिवारजनों को चार लाख रुपयों की सहायता का ऐलान किया है। इसके साथ मेघालय के ११ गाँव इस बाढ़ का शिकार हुए हैं। इन गाँवों के लाखो लोग इस बाढ़ से विस्थापित हुए हैं। वहाँ के कई घर बाढ़ में बह गए हैं। मेघालय सरकार ने वहाँ के सभी लोगों को सुरक्षित ज़गह पर स्थानांतरित करने के लिए तेज़ कदम उठाए हैं। अगले तीन दिन ईशान्य भारत में मुसलाधार बारीश होने का अंदाजा मौसम विभाग ने व्यक्त किया है। उसीमें ब्रह्मपुत्रा नदी खतरें के स्तर से उपर बहना शुरू होने से चिंता में बढ़ोतरी हुई हैं।

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