देश के सात राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ से नुकसान

नई दिल्ली – कोरोना की महामारी फैल रही है और तभी देश के कई राज्यों में भारी बारिश से बाढ़ का संकट उभर रहा है। गुजरात, बिहार, मध्य प्रदेश के साथ देश के सात राज्यों में हो रही भारी बारिश की वजह से स्थिति बड़ी गंभीर बनी है और कई ज़िलों को बाढ़ से बड़ा नुकसान पहुँचा है। उत्तर पदेश में सैंकड़ों गाँव बाढ़ की चपेट में हैं और बिहार के १६ ज़िले बाढ़ से प्रभावित हैं। गुजरात में १०० से अधिक बांध हाय अलर्ट पर हैं। राजस्थान का करीबन ५० प्रतिशत इलाका बाढ़ में डूबा होने की बात कही जा रही है। तभी उत्तराखंड़ में मुसलाधार बारिश और जमीन खिसकने से १०० मार्ग बंद किए गए हैं।

बीते कुछ दिनों से हो रही मुसलाधार बारिश की वजह से बिहार में स्थिति काफी गंभीर बनी हुई हैं। १६ ज़िलों के १३० तहसिलों को बाढ़ ने नुकसान पहुँचाया है। इससे तकरीबन ८४ लाख लोग प्रभावित हैं। राज्य में अब तक २७ लोगों की मृत्यु हुई है। गंगा नदी खतरें की रेखा से ऊपर बह रही है और इससे कई गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। गंगा के साथ ही बागमती, बूढ़ी, गंड़क, खिरोई के साथ अन्य नदियां भी खतरे की रेखा से ऊपर बहने से स्थिति और भी गंभीर हुई है। प्रशासन ने बाढ़ में फंसे नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश शुरू की है। लेकिन, बाढ़ की वजह से राहत कार्य में बड़ी मुश्‍किलें आ रही हैं।

उत्तर प्रदेश की स्थिति इससे अलग नहीं है। राज्य में तीन नदियां उफान पर हैं और इससे १६ ज़िलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई हैं। मध्य प्रदेश में बीते २ दिनों से मुसलाधार बारिश हो रही है। बंगाल के उपसागर में कम दबाव का क्षेत्र निर्माण होने से मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की है। राजस्थान में हो रही बारिश से बारन और झालावाड ज़िलों की पार्वती और कालीसिंध नदियों का जलस्तर बढ़ चुका है। इससे राज्य का करीबन आधा क्षेत्र जलमय होने की जानकारी सूत्रों ने साझा की।

गुजरात के १०० से अधिक बांधों के क्षेत्र में हाय अलर्ट जारी किया गया है। मुसलाधार बारिश की वजह से ४४ नदियां उफान पर हैं और ४१ तालाब बह निकले हैं। पश्‍चिम बंगाल में भी मुसलाधार बारिश हो रही है और स्थिति काफी गंभीर बनी हुई हैं। उत्तराखंड़ में जारी मुसलाधार बारिश से और ज़मीन खिसकने से चार राष्ट्रीय राजमार्ग और कुल १०० रास्तों की यातात बंद है। ‘एनएच ५८’ बीते २० दिनों से बंद है और इस मार्ग पर यात्री काफी बेहाल हैं। बाढ़ का खतरा देखकर केंद्र सरकार और राज्यों ने एक दूसरे के समन्वय से आपाद स्थिति का सामना करने की कोशिश शुरू की है। मौसम विभाग ने राजस्थान, सौराष्ट्र और कच्छ में भारी बारिश होने की संभावना व्यक्त की है।

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