छत्तीसगड़ में माओवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में पांच सैनिक शहीद – १२ घायल

रायपूर – छत्तीसगड़ के बिजापुर जिले के तररेम के जंगल में शनिवार के दिन माओवादी और सुरक्षा बलों के बीच जोरदार मुठभेड़ हुई। इस दौरान पांच सैनिक शहीद हुए और १२ घायल हुए। इस मुठभेड़ में कुछ माओवादी भी मारे गए हैं और उन्हें बड़ा नुकसान होने की खबरें प्राप्त हुई हैं। लेकिन, इससे संबंधित अधिक जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई हैं। इस इलाके में अभी भी मुठभेड़ जारी है और बड़ी मात्रा में सर्च ऑपरेशन भी शुरू होने का वृत्त है।

chhatisgarh-maoistsबिजापुर जिले के तररेम के जंगल में गश्‍त लगा रहे ‘सीआरपीएफ’ के ‘कोब्रा’ दल के सैनिक, स्पेशल टास्क फोर्स और ‘डिस्ट्रिक्ट रिज़र्व फोर्स’ (डीआरजी) के सैनिकों की माओवादियों से मुठभेड़ हुई। दोपहर १२ बजे गश्‍त दल को देखकर माओवादियों ने गालीबारी शुरू की और साथ ही मुठभेड़ की शुरूआत हुई। माओवादियों के हमले को सुरक्षा बल के सैनिकों ने मुँहतोड़ जवाब दिया। लेकिन, दुर्गम जंगल में बड़ी संख्या में माओवादी छुपे हुए थे और उन्होंने यकायक हमला करने से शुरू में सुरक्षा बल को नुकसान उठाना पड़ा, यह जानकारी सामने आ रही है।

‘सीआरपीएफ’ के तीन और ‘डीआरजी’ के दो सैनिक इस मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए। साथ ही १२ सैनिक घायल हुए। इस मुठभेड़ के स्थान से डेढ़ किलोमीर दूरी पर स्थित तिम्मपुरम तक घायल सैनिकों को पहुँचाकर वहां से ‘एमआय-१७’ हेलिकॉप्टर्स से उन्हें अस्पताल पहुँचाया गया। अब इस इलाके में अतिरिक्त सैनिकों को रवाना किए जाने की जानकारी पुलिस ने प्रदान की।

इस मुठभेड़ की पृष्ठभूमि पर पुलिस महासंचालक डी.एम.अवस्थी, माओवादियों के खिलाफ जारी मुहिम के विशेष संचालक अशोक जुनेजा और अन्य वरिष्ठ अफ़सरों की शीघ्र ही बैठक हुई। तररेम के जंगल में अभी भी मुठभेड़ जारी है। इस मुठभेड़ में कुछ माओवादियों के मारे जाने का भी वृत्त है। साथ ही कुछ माओवादी जंगल में भाग निकले हैं। इस वजह से इस क्षेत्र में व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है, ऐसी जानकारी वरिष्ठ अफसरों ने साझा की।

इसी बीच छत्तीसगड़ के बिजापुर, सुकमा और दक्षिणी बस्तर में एक ही समय पर माओवादियों के खिलाफ मुहिम शुरू की गई है। लगभग दो हज़ार सैनिक इस मुहिम में शामिल हैं। बीते कुछ दिनों में माओवादियों की हिंसक घटनाएं भी सामने आयी हैं। इसके बाद यह मुहिम शुरू की गई है, यह जानकारी अफसर ने प्रदान की। तररेम के जंगल में जारी इसी मु्हिम के तहत गश्‍त लगाई जा रही थी, यह जानकारी भी इस अफसर ने प्रदान की।

दो हफ्ते पहले ही छत्तीसगड़ के नारायणपुर में माओवादियों ने आयईडी का विस्फोट करवाया था। इस दौरान ‘डीआरजी’ के पांच सैनिक शहीद हुए थे। बीते महीने बिजापुर में माओवादियों ने एक जिला पंचायत सदस्य की हत्या की थी और धनोरा क्षेत्र में ११ गाड़ियाँ आग के हवाले की थीं।

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