पांच रफायल विमान भारत में दाखिल – रक्षामंत्री का शत्रुदेशों को इशारा

नई दिल्ली – अतिप्रगत रफायल विमानों का पहला खेमा बुधवार को वायुसेना के अंबाला स्थित हवाईअड्डे पर दाखिल हुआ। इन विमानों का वायुसेना में हो रहा समावेश पूरी तरह से औचित्य से भरा है और भारतीय सुरक्षा को चुनौती देनेवाले अब वायुसेना की ताकत से सावधान रहें, इन शब्दों में रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने शत्रुदेशों को इशारा दिया। किसी भी देश के नाम का ज़िक्र नहीं किया गया, फिर भी रक्षामंत्री का यह इशारा चीन के लिए था, यह दावा किया जा रहा हैं। तभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन विमानों का स्वागत करते समय देश की सुरक्षा से अधिक कोई भी पुण्य, व्रत और यज्ञ बड़ा नहीं है, यह बात कही।

रफायल विमान

‘गेम चेंजर्स’ के तौर पर जाने जा रहे रफायल विमान बुधवार की दोपहर को सात हज़ार किलोमीटर की दूरी की उड़ान भरके भारतीय सीमा में दाखिल हुए। इस दौरान भारतीय नौसेना की ‘आयएनएस कोलकाता’ नामक युद्धपोत ने इन विमानों का स्वागत किया। तभी वायुसेना के ‘सुखोई-30एमकेआय’ इन लड़ाकू विमानों ने रफायल विमानों के साथ अंबाला हवाई अड्डे तक उड़ान भरी। भारतीय वायुसेना ने इससे संबंधित फोटो और वीडियो जारी करने के बाद देश में बड़ा उल्लास किया गया। दोपहर को तकरीबन 3.15 बजे यह पांचो रफायल विमान अंबाला हवाईअड्डे पर उतरे। वायुसेनाप्रमुख एअर चिफ मार्शल आर.के.एस. भदौरीया ने इन विमानों का और वैमानिकों का स्वागत किया।

इन विमानों का आगमन यानी भारतीय सेना के इतिहास में नए पर्व की शुरूआत है और इससे भारतीय वायुसेना के सामर्थ्य में बहुत बड़ी बढ़ोतरी होगी, यह घोषणा रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने की। ‘रफायल विमानों पर तैनात हथियार, राड़ार, सेंसर्स और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध तकनीक की क्षमता ऊंचे दर्जा की है। रफायल के समावेश से भारतीय वायुसेना अब देश के किसी भी ख़तरें क मुकाबला कर सकेगी’, यह घोषणा रक्षामंत्री ने की। देश की सुरक्षा को चुनौती देनेवाले अब भारतीय वायुसेना के बढ़ते सामर्थ्य का ड़र ध्यान में रखें, यह कहकर रक्षामंत्री ने चीन को सूचक संदेश दिया, यह की बात कही जा रही है।

रफायल विमानों का वायुसेना में शामिल होना देश के हवाई सामर्थ्य में बहुत बड़ी बढ़ोतरी साबित होगा, यह विमान ‘गेम चेंजर्स’ साबित होंगे, ऐसी प्रतिक्रिया देश के पूर्व वायुसेनाप्रमुख बी.एस. धनोआ ने एक मुलाकात के दौरान व्यक्त की। चीन दावा कर रहे पांचवी पीढी के ‘जे-20 स्टेल्थ’ विमान और पाकिस्तान के बेड़े में मौजूद चीन में बने ‘जेएप-17’ विमान अब भारत के रफायल विमानों के सामने टिक नहीं सकेंगे, यह बयान धनोआ ने दिया है। साथ ही रफायल विमानों ने पिछले दशक से अफ़गानिस्तान, इराक, सीरिया और हाल ही में लीबिया में अपनी युद्ध की कुशलता दिखाई है। इसकी तुलना में चीन का ‘जे-20 स्टेल्थ’ विमान ‘साउथ चायना सी’ क्षेत्र के बाहर अमरिकी विमानों के सामने भी नहीं आता, इस सच्चाई का एहसास पूर्व वायुसेनाप्रमुख ने दिलाया। तब बालाकोट में हुए हमले के बाद पाकिस्तान में मौजूद चीन के ‘जेएफ-17’ विमानों की मर्यादा स्पष्ट हुई थी, यह बात भी धनोआ ने कही। इसकी वज़ह से रफायल विमानों के सामने चीन के बने विमान टीक नहीं सकते यह बात पूर्व वायुसेनाप्रमुख एवं अन्य लष्करी अधिकारी ड़टकर कह रहे हैं।

इसी बीच अगले चार महीनों में अन्य पांच रफायल विमान भारत पहुँच रहे हैं और वर्ष 2021 के अन्त तक कुल 36 विमान भारतीय वायुसेना के बेड़े में दाखिल होंगे। इसके अलावा अतिरिक्त 36 रफायल विमानों की खरीद के लिए भारत उत्सुक है, यह समाचार प्राप्त हो रहे हैं।

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