संसद सदस्य पर हुए हमले की पृष्ठभूमि पर ब्रिटेन में ‘लोन वुल्फ’ आतंकवादी हमले बढ़ने का ख़तरा – गुप्तचर यंत्रणाओं की चेतावनी

लंडन – पिछले हफ्ते ब्रिटेन के वरिष्ठ संसद सदस्य पर हुए हमले के बाद देश में ‘लोन वुल्फ’ श्रेणी के आतंकवादी हमले बढ़ सकते हैं, ऐसी चेतावनी गुप्तचर यंत्रणाओं तथा विश्लेषकों ने दी। कोरोना महामारी के दौर में घर में बैठे लोगों द्वारा इंटरनेट का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर बढ़ा था और उसमें से कई कट्टरपंथीय तैयार हुए होंगे, इस संभावना पर भी इस चेतावनी में गौर फरमाया गया। पिछले शुक्रवार को ब्रिटेन के साउथ एंड के सांसद सर डेव्हिड अ‍ॅमेस की हत्या कर दी गई थी। यह हत्या सोमाली वंश के अली हरबी अली इस २५ वर्षीय ‘लोन वुल्फ’ आतंकी ने की होने की बात सामने आई है।

‘लोन वुल्फ’सर अ‍ॅमेस की हत्या के बाद ब्रिटेन के संसद सदस्यों की सुरक्षा और आतंकवाद का ख़तरा, यह मुद्दा फिर एक बार चर्चा में आया है। कुछ महीने पहले ब्रिटेन के आतंकवाद विरोधी बल के पूर्व प्रमुख ने एक रिपोर्ट संसद को प्रस्तुत की थी। इस रिपोर्ट में, कट्टरपंथियों के गुटों के खिलाफ अधिक आक्रामक प्रावधानों की सिफ़ारिश की गई थी। लेकिन इस रिपोर्ट पर आगे कोई भी कदम उठाए नहीं गए हैं। इसी पृष्ठभूमि पर, संसद सदस्य पर हुए आतंकवादी हमले से ब्रिटेन के राजनीतिक तथा सुरक्षा दायरे में हलचल मची है।

‘लोन वुल्फ’‘‘कोरोना के दौरान देश में घोषित किए लॉकडाउन की वजह से कई लोग घर में बैठे थे। इस कालावधी में घरों से इंटरनेट का इस्तेमाल भी बड़े पैमाने पर बढ़ा था। इंटरनेट पर मिलनेवाली जानकारी और वीडियोज के माध्यम से कई लोग कट्टरवादी हुए होने की संभावना है। इसी में से ‘लोन वुल्फ’ श्रेणी के आतंकवादी भी तैयार होने का डर है। ये ‘लोन वुल्फ’ आतंकवादी आनेवाले समय में ब्रिटेन में हमले कर सकते हैं’’, ऐसी चेतावनी देश के गुप्तचर यंत्रणाओं ने दी है।

आतंकवाद विरोधी बल तथा ‘एमआई 5’ इन दोनों यंत्रणाओं ने इस पर तीव्र चिंता ज़ाहिर की, ऐसा सुरक्षा विषयक सूत्रों ने कहा है। संसद सदस्य सर अ‍ॅमेस पर हमला करनेवाले अली इस सोमाली वंश के आतंकवादी ने भी इंटरनेट पर जारी कट्टरपंथीय धर्मगुरु के वीडियो से प्रेरणा ली थी, ऐसा प्राथमिक जाँच से सामने आ रहा है। इस कारण गुप्तचर यंत्रणाओं की चेतावनी गौरतलब साबित हो रही है।

अली को कुछ साल पहले सुरक्षा यंत्रणाओं द्वारा चलाए जानेवाले ‘प्रिव्हेंट’ इस आतंकवादविरोधी उपक्रम में भी सहभागी करा लिया था। लेकिन फिर भी उसका खतरा पहचानने में ब्रिटिश यंत्रणाएँ कम पड़ीं बताईं जातीं हैं।

इसी पृष्ठभूमि पर, ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल ने, आतंकवाद विरोधी मुहिम की व्याप्ति बढ़ाने के संकेत दिए। ‘प्रिव्हेंट’ जैसे उपक्रम में अगर कच्ची कड़ियाँ हैं, तो उन्हें दूर करने को प्राथमिकता दी जाएगी, ऐसा पटेल ने स्पष्ट किया। उसी समय, संसद सदस्यों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कदम उठाए जायेंगे, ऐसा भी ब्रिटिश गृहमंत्री ने नमूद किया।

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