फ्रेंच नागरिकों के लिए खतरनाक बने पाकिस्तान से बाहर निकलें – पाकिस्तान स्थित फ्रेंच दूतावास की सूचना

इस्लामाबाद – फ्रेंच नागरिक और फ्रान्स के हितों को पाकिस्तान में गंभीर खतरा निर्माण हुआ है। इस वजह से फ्रेंच नागरीक तुरंत पाकिस्तान छोड़ें, ऐसी सूचना पाकिस्तान स्थित फ्रान्स के दूतावास ने जारी की है। पाकिस्तान में सोमवार से हिंसक प्रदर्शन शुरू हुए हैं और प्रदर्शनकारियों ने पूरे देश को बंधक बनाया हुआ दिख रहा है। तेहरिक ए लबैक नामक संगठन के समर्थकों ने यह प्रदर्शन शुरू किए हैं। पाकिस्तान के मंत्रिमंडल ने लबैक को आतंकी संगठनों की सूचि में शामिल किया है और इस संगठन पर प्रतिबंध भी लगाए हैं।

french-citizens-pakफ्रान्स के राजदूत को पाकिस्तान से बाहर खदेड़ने का आश्‍वासन प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार ने दिया था। इसका पालन नहीं किया गया। यह माँग पूरी करने की कोशिश में जुटे हमारे नेता को पाकिस्तान की सरकार ने गिरफ्तार किया, ऐसा दावा करके ‘लबैक’ के समर्थक पाकिस्तान में कोहराम मचा रहे हैं। उन्हें प्राप्त हो रहा समर्थन बढ़ रहा है। पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा खतरनाक आतंकी संगठन ‘तेहरिक ए तालिबान’ ने लबैक को समर्थन घोषित किया है। इस वजह से पाकिस्तानी सुरक्षा यंत्रणा की मुश्‍किलें काफी बढ़ी हैं और आनेवाले दिनों में पाकिस्तान के सामने बड़ा भीषण संकट खड़ा होगा, यह चिंता व्यक्त की जा रही है।

बीते वर्ष नवंबर में इम्रान खान की सरकार ने ‘लबैक’ के साथ चर्चा के दौरान फ्रान्स के राजदूत को पाकिस्तान से खदेड़ने की माँग स्वीकारी थी। इस पर भरोसा करके ‘लबैक’ ने अपने प्रदर्शन बंद किए थे। लेकिन, इस मुद्दे पर लिखित आश्‍वासन देने के बावजूद पाकिस्तान की सरकार अपना वचन पूरा नहीं कर रही है, ऐसा आरोप ‘लबैक’ के नेता ने लगाया था। इसके विरोध में तीव्र प्रदर्शन शुरू करने के इशारे देने के बाद लबैक के नेता को गिरफ्तार किया गया था। इससे गुस्सा हुए लबैक के समर्थकों ने पाकिस्तान की सड़कों पर उतरकर अपनी ताकत दिखाई। इन प्रदर्शनों में अब हिंसा हो रही है और पाकिस्तान के पंजाब और अन्य प्रांतों में लबैक के समर्थकों ने पुलिस पर हमले किए हैं।

इसके बाद पाकिस्तान की सरकार ने लबैक पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया। साथ ही आनेवाले दिनों में प्रदर्शनकारियों पर सख्त कार्रवाई करने की धमकी भी पाकिस्तान के मंत्री दे रहे हैं। लेकिन, लबैक को प्राप्त हो रहा समर्थन बढ़ रहा है और इन प्रदर्शनों को रोकना पाकिस्तान की सरकार के बस की बात नहीं रही, ऐसा दावा भी किया जा रहा है। पाकिस्तान की सरकार ही नहीं, अब पाकिस्तानी सेना को उतारा जाए तब भी इन प्रदर्शनों को रोकना कठिन होगा, ऐसी चिंता माध्यमों द्वारा व्यक्त की जा रही है। असल में पाकिस्तान की सरकार ने इस चरमपंथी संगठन को फ्रेंच राजदूत को देश से बाहर निकालने का आश्‍वासन ही क्यों दिया, ऐसा सवाल पाकिस्तान के विश्‍लेषक पूछ रहे हैं।

इस वजह से पाकिस्तान में अराजकता का माहौल बना है और प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार टूटकर गिरने की कगार पर होने की स्थिति निर्माण हुई है। फ्रेंच राजदूत को पाकिस्तान से बाहर निकालने का निर्णय किया तो फ्रान्स के साथ ही यूरोपिय महासंघ के अन्य सदस्य देश भी पाकिस्तान के साथ राजनीतिक संबंध तोड़ देंगे, ऐसी चिंता इम्रान खान की सरकार को सता रही है। फिलहाल ‘एफएटीएफ’ की ‘ग्रे लिस्ट’ में शामिल पाकिस्तान के लिए यह बात घातक साबित हो सकती है। इस वजह से यह कार्रवाई करना मुमकिन ना होने की बात पाकिस्तान की सरकार कह रही है। लेकिन, यह मुमकिन नहीं था, तो पाकिस्तान सरकार ने प्रदर्शनकारियों को गुमराह क्यों किया, इस सवाल का जवाब सरकार के पास नहीं है।

सोशल मीडिया पर भी इसकी गूँज सुनाई देने लगी है और इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की बदनामी हो रही है। पाकिस्तान के माध्यम यह बात कबूल कर रहे हैं। भारत में २६ जनवरी के दिन हुए प्रदर्शनों के बाद पाकिस्तान के माध्यमों में और सोशल मीडिया पर जोरदार बयानबाजी की जा रही थी। भारतीय नेटकर इसकी याद पाकिस्तान को दिला रहे हैं। पाकिस्तान में हो रहे यह प्रदर्शन भारत में हुए प्रदर्शनों से कई गुना अधिक भयंकर हैं, इस बात का अहसास दिलाकर भारतीय नेटकर पाकिस्तान में मौजूद भारतद्वेषीयों को कड़े बोल सुना रहे हैं।

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