हाँगकाँग के मुद्दे पर यूरोपिय महासंघ ने किया नए प्रतिबंधों का ऐलान

ब्रुसेल्स/हाँगकाँग – चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत द्वारा हाँगकाँग पर थोपे गए सुरक्षा कानून के विरोध में यूरोपिय महासंघ ने नई कार्रवाई का ऐलान किया है। हाँगकाँग को निर्यात किए जा रहे रक्षा एवं संपर्क प्रणालियों के साथ-साथ संवेदनशील तकनीक की निर्यात करने पर पाबंदी लगाई गई है। हाँगकाँग के नए सुरक्षा कानून के विरोध में लड़ रहे गुटों को भी अधिक सहायता प्रदान की जाएगी। हाँगकाँग से यूरोप में बसनेवाले नागरिकों के लिए भी नियम शिथिल करने के संकेत यूरोपिय महासंघ ने दिए। इसी पृष्ठभूमि पर न्यूज़िलैंड ने हाँगकाँग के साथ किया गया प्रत्यर्पण समझौता रद करने का ऐलान किया।

प्रतिबंधों का ऐलान

हाँगकाँग के लिए बनाए गए ‘नैशनल सिक्युरिटी लॉ’ का अमल 1 जुलाई से शुरू किया गया। इस कानून के अनुसार चीन के विरोध में की जानेवाली कोई भी हरकत गैरकानूनी और राष्ट्रविरोधी मानी जाएगी और ऐसा कृत्य करनेवालों को उम्रकैद की सज़ा दिए जाने का प्रावधान है। इस कानून के तहत गिरफ़्तार किए गए हाँगकाँग के नागरिकों के लिए कोई भी स्थानिय कानून लागू नहीं होगा। नए कानून के तहत दर्ज किए जानेवाले मुकदमे गुप्त पद्धती से चलाने की अनुमति भी संबंधित प्रणालियों को दी गई है। चीन द्वारा थोपे गए इस नए कानून के विरोध में हाँगकाँग समेत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीव्र प्रतिक्रिया उमड़ रही थी।

अमरीका द्वारा हाँगकाँग को प्रदान किया गया ‘स्पेशल स्टेटस’ रद करके अब हाँगकाँग पर भी चीन की तरह ही नियम लागू होंगे, यह इशारा दिया गया था। हाँगकाँग स्थित वित्तसंस्था और हाँगकाँग समेत चीन के अधिकारियों पर प्रतिबंध भी लगाए गए थे। तब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरीस जॉन्सन ने हाँगकाँग का नया कानून ब्रिटेन और चीन के बीच हुए समझौते का उल्लंघन है और हाँगकाँग के नागरिकों से किए गए वादे का ब्रिटेन पालन करेगा, इन शब्दों में नागरिकता का प्रस्ताव लागू होने का ऐलान किया था। अमरीका और ब्रिटेन के साथ-साथ अब ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जापान और तैवान ने भी चीन को झटका देनेवाले निर्णय लिए हैं। यूरोपिय महासंघ द्वारा किया गया ऐलान भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उमड़ी प्रतिक्रिया का हिस्सा है।

चीन का थोपा गया कानून हाँगकाँग का हक और आज़ादी छीननेवाला है, इस भूमिका का दुबारा उल्लेख करके यूरोपिय महासंघ ने मंगलवार को कार्रवाई का ऐलान किया। इसके अनुसार हाँगकाँग के नागरिकों के विरोध में इस्तेमाल होनेवाली किसी भी सुरक्षा, निगरानी या संपर्क प्रणाली के निर्यात पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई गई है। सायबर क्षेत्र के साथ अन्य संवेदनशील तकनीकी उपकरणों पर भी यह पाबंदी लागू होगी। निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के साथ ही हाँगकाँग के जनतांत्रिक गुट एवं कार्यकर्ताओं को अधिकाधिक सहायता प्रदान की जाएगी, यह जानकारी महासंघ ने साझा की। यूरोप में अध्ययन या बसने के लिए पहुँच रहे हाँगकाँग के नागरिकों के लिए नियम शिथिल करने के संकेत भी दिए गए हैं। महासंघ की इस कारवाई के लिए जर्मनी और फ्रान्स ने पहल की थी, यह जानकारी सूत्रों ने साझा की।

इसी बीच न्यूझिलैंड ने हाँगकाँग के साथ किया गया प्रत्यर्पण समझौता रद करने का ऐलान किया गया है। यह निर्णय लेनेवाला न्यूज़िलैंड विश्‍व में चौथा देश है। इससे पहले ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा ने हाँगकाँग के साथ किया गया प्रत्यर्पण समझौता रद कर दिया है। इस कार्रवाई के प्रत्युत्तर में चीन ने भी हाँगकाँग द्वारा संबंधित देशों के साथ किए गए प्रत्यर्पण समझौते रद करने की बात कही है।

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