यूरोपिय अर्थव्यवस्था को बडे खतरों का सामना करना होगा – अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष का इशारा

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन/ब्रुसेल्स – जागतिक स्तर पर शुरू व्यापारयुद्ध, ‘नो डिल ब्रेक्जीट’ और इटली जैसे देशों पर बढ रहे कर्ज का भार ऐसे बडे खतरे यूरोप की अर्थव्यवस्था की गिरावट के लिए कारण साबित होंगे, यह कडी चेतावनी अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने दिया है| गुरूवार के दिन प्रसिद्ध किए गए एक अहवाल में यह इशारा देते समय यूरोपिय देशों में विकास दर पहले ही कम होने की शुरूआत हुई है, इस और ध्यान आकर्षित किया गया है|

पिछले दशक में अमरिका से दुनियाभर में फैली आर्थिक मंदी का यूरोप को भी बडा झटका लगा था| मंदी के संकट से बाहर निकलने के साथ ही यूरोपिय अर्थव्यवस्था के सामने बडे कर्ज का भार की चुनौती खडी होने की बात सामने आ चुकी है| ‘बेलआउट’ और खर्चे में कपात करने जैसी कडी कोशिश के बाद यूरोपिय अर्थव्यवस्था संकट से पूरी तरह से बाहर निकल सकी थी| लेकिन यूरोपिय देश अभी भी पूरी तरह से संभल नही सके है और शरणार्थियों के झुंडों की वजह से यूरोप के सामने खडी चुनौती भी बढ चुकी है|

इस पृष्ठभूमि पर मुद्राकोष ने रखा नया अहवाल अहम है| मुद्राकोष के इस अहवाल में यूरोझोन को तीन बातों से खतरा होने की बात कही गई है| इस अहवाल में इसका जिक्र ‘ट्रिपल थ्रेट’ के तौर पर किया गया है| यह बातें यूरोपिय अर्थव्यसव्था को गिरावट की दिशा में ले जा सकती है, यह स्पष्ट इशारा भी मुद्राकोष ने दिया है| अहवाल में ‘ट्रिपल थ्रेट’ यानी व्यापारयुद्ध, ब्रेक्जिट और कर्ज का बढता भार संभाल रहे इटली जैसे देशों की आर्थिक नीति की ओर ध्यान दिया गया है|

लंबे समय तक चल रहे व्यापारयुद्ध की वजह से विदेश से सामान की मांग कम हो सकती है| नो डील ब्रेक्जिट का खतरा अभी भी कायम है| इस विकल्प के लिए वित्तसंस्थाओं ने तैयारी की है, फिर भी अन्य क्षेत्र की कंपनियों को बडा झटका लग सकता है, इन शब्दों में मुद्राकोष ने व्यापारयुद्ध और ब्रेक्जिट के खतरे का एहसास दिलाया है|

तिसरा खतरा कर्ज का बढता भार संभाल रहे देशों का है और यह देश आर्थिक झटकों का सामना करने के लिए जरूरी ‘बफर’ तैयार करने में नाकामयाब होने का दावा मुद्राकोष ने किया है| इन देशों ने सही रचनात्मक सुधार भी किए नही है| इस वजह से मंदी आती है तो यह देश जल्द ही तबाह होंगे, यह डर अहवाल में व्यक्त किया गया है|

संभावित मंदी के खतरे की ओर ध्यान केंद्रीत करते समय मुद्राकोष ने यूरोपिय देशों में आर्थिक विकास दरों की गिरावट पिछल वर्ष में ही शुरू होने की बात पर ध्यान दिलाया है| वर्ष २०१८ की दुसरी टर्म में ‘यूरोझोन’ के विकास दर में गिरावट शुरू हुई थी| इसके पीछे मांग में हुई कमी और कुछ स्थानिय मुद्दे जिम्मेदार थे, यह दावा मुद्राकोष ने किया| अहवाल में इटली की अर्थव्यवस्था को लक्ष्य किया गया है और महासंघ ने इस देश ने आर्थिक अनुशासन प्राप्त करने के लिए सही कदम बढाए नही, यह आरोप भी किया है|

पिछले कुछ महिनों में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने चीन के साथ ही यूरोपिय महासंघ को भी व्यापारयुद्ध से लक्ष्य किया है| महासंघ ने अमरिका के साथ व्यापार में बनी कमी कम करने के लिए सही कदम बढाए नही तो उनके पर भी कर लगाने की धमकी ट्रम्प ने दी है| कुछ गिनेचुने सामान पर सीमित कर लगाया गया है फिर भी बडी कार्रवाई अभी की नही है| लेकिन, ट्रम्प और यूरोपिय नेताओं में तनाव से भर संबंध देखे तो नजदिकी दौर में इस तरह की बडी घोषणा होने की संभावना है| ऐसा होता है तो यूरोपिय अर्थव्यवस्था के सामने खडी चुनौती और भी तीव्र हो सकती है| मुद्राकोष का अहवाल इसी के संकेत दे रहा है|

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