युरोपीय देशों को शरणार्थीयों को बाहर खदेड़ने का अधिकार है- युरोप के सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय

लक्सेम्बर्ग: युरोपीय देशों को अपने देश में घुसनेवाले शरणार्थीयो का आश्रय प्रतिषेध करके देश के बाहर खदेड़ने का अधिकार है, यह महत्वपूर्ण निर्णय युरोप के सर्वोच्च न्यायालय ने दिया है|युरोपीय देशों के महासंघ के सदस्य देश ऑस्ट्रिया और स्लोव्हेनिया ने इस मामले में याचिका दाखिल की थी| इस वजह से अब २०१५-२०१६ में युरोप दाख़िल हुए शरणार्थीयों को बाहर निकलना अब आसन हो गया है|

शरणार्थी

२०१५ से लेकर आगे २ साल तक युरोप में लाखों शरणार्थी दाखिल हुए थे| जर्मन चैन्सेलर एंजेला मार्केलने ‘ओपन डोर पॉलिसी’ घोषित करके शरणार्थीयों के लिए युरोप के दरवाजे खुले कर दिए थे| इस नीती को घोषित करते समय युरोपीय महासंघ के शरणार्थी नीती का भाग ‘डब्लिन रेग्युलेशन’ को ख़ारिज किया था| सिरिया से आनेवाले शरणार्थी ‘अपवादात्मक घटना’ का कारण देते हुए ‘डब्लिन रेग्युलेशन’ का प्रवर्तन स्थगित कर दिया था|

थोड़े समय के बाद जर्मन चैन्सेलर के इस निर्णय के गंभीर परिणाम युरोप के कई देशों पर पड़े| शरणार्थीयों को रोकने के लिए बाड़ खड़े करना, सेना तैनात करना, शरणार्थीयों को बाहर खदेड़ना जैसी आक्रामक घटनाए युरोपीय देशों ने शुरू की| जर्मनी, इटली के साथ दुसरे युरोपीय महासंघ के देशों शरणार्थीयों को रोकने के लिए ने अफ़्रीकी देशों से आर्थिक प्रलोभन देनेवाले करार होने की घटनाए हुई|

जर्मनीने ‘ओपन डोर पॉलिसी’ घोषित करने के बाद लाखों शरणार्थी जर्मनी में घुसने का प्रयास कर रहे थे पर उनमे कई शरणार्थीयों ने युरोप के दुसरे देशों ने आश्रय लेकर वहाँ बसना शुरू किया| हंगेरी, क्रोएशिया और स्लोव्होनिया से लाखो शरणार्थी ऑस्ट्रिया में दाखिल होने लगे| उनमे से लगभग ९० हजार शरणार्थीयों ने अधिकृत बसने का आवेदन दिया|

महासंघ के ‘डब्लिन रेग्युलेशन’ के अनुसार शरणार्थी सबसे पहले जिस देश में दाखिल होता है उस देश को उन्हें आश्रय देने के मामले में निर्णय लेना बंधनकारक होता है|ऑस्ट्रिया में घुसे शरणार्थी पहले क्रोएशिया में दाखिल हुए थे और क्रोएशियाने उन्हें आगे जाने की अनुमति दी थी| तो ऐसे शरणार्थीयों को ऑस्ट्रिया में रहने का अधिकार नहीं और ऑस्ट्रिया उन्हें जब चाहे बाहर खदेड़ सकती है यह निर्णय युरोपियन कोर्ट ऑफ़ जस्टिस ने दिया| ऑस्ट्रिया के साथ स्लोव्होनिया को भी शरणार्थीयों को बाहर करने का अधिकार है यह न्यायालय ने कहा|

शुरूआती समय में शरणार्थीयों के मुद्दे को लेकर युरोप के उदारवादी रवैय्या दिखानेवाले देश अब उन्हें बाहर फैंकने के लिए भागदौड़ करते दिखाई दे रहे है| उसी के साथ शरणार्थीयों को न स्वीकारनेवाले और उनके खिलाफ़ आक्रामक भूमिका रखनेवाले हंगेरी और पोलैंड जैसे देशों को महासंघ से कारवाई की धमकी दी जा रही है| दूसरी तरफ इटली में दाखिल होनेवाले हजारों शरणार्थीयों को अपने देश में दाखिल होने की तैयारी एक भी युरोपीय देश नहीं कर रहा| अब न्यायालय के निर्णय से युरोपियन देशों के मतभेद और दो मुहा व्यवहार फिर से दुनिया के सामने आया है|

 

Leave a Reply

Your email address will not be published.