यूरोपीय देश ईरान के मामले में खुद को ही धोखा दे रहे हैं- इस्राइल के रक्षा मंत्री का इशारा

जेरूसलेम: अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने कांग्रेस के सामने ईरान के खिलाफ साहसी भूमिका अपनाई है, ऐसा कहकर इस्राइल के रक्षा मंत्री एविग्दोर लिबरमन ने ट्रम्प की भूमिका का स्वागत किया है। लेकिन ‘ईरान के परमाणु अनुबंध का समर्थन करने वाले यूरोपीय देशों ने दूसरे महायुद्ध के पहले भी इसी प्रकार से खुदको ही धोखा दिया था’, ऐसा इशारा लिबरमन ने दिया है।

ईरान

सन २०१५ में अमरिका, ब्रिटेन, रशिया, फ़्रांस, चीन और जर्मनी इन देशों ने ईरान के साथ ‘जॉइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ़ एक्शन’ (जेसीपीओए) यह अनुबंध किया था। इस अनुबंध के अनुसार ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम १५ साल के लिए रोकने वाला था। उसके बदले में पश्चिमी देशों ने ईरान पर लगाए प्रतिबन्ध पीछे लेने के नियम का समावेश था।

अमरिका के तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने किए इस अनुबंध को कांग्रेस ने भी अनुमति दी थी। उसके बाद यह अनुबंध सम्मत हुआ था। लेकिन आनेवाले १५ अक्टूबर को अमरिकन कांग्रेस के इस अनुबंध अवधि समाप्त होने वाली थी। इसलिए इस अवधि से पहले अनुबंध जारी रखेंगे या पीछे हटेंगे इस पर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प को अपनी भूमिका स्पष्ट करनी थी।

इस पृष्ठभूमि पर, ट्रम्प ने शनिवार को इस परमाणु अनुबंध पर जोरदार टीका की है। ईरान की राजवट कट्टर है और इस राजवट ने अपने परमाणु अनुबंध का उल्लंघन किया है, ऐसा आरोप ट्रम्प ने लगाया है। साथ ही किसी भी हालत में ईरान को परमाणुधारी नहीं होने देंगे, ऐसा इरादा भी व्यक्त किया है। लेकिन ईरान पर नियंत्रण रखने निर्णय अमरिकी संसद ने लेना चाहिए, ऐसा आवाहन ट्रम्प ने किया है।

ट्रम्प की इस प्रतिक्रिया पर पश्चिमी मित्र देशों ने नाराजगी जताई है। ब्रिटन, जर्मनी और फ़्रांस इन देशों ने ईरान के साथ किए परमाणु अनुबंध पर निश्चित रहने की बात स्पष्ट की है। साथ ही इस अनुबंध को तोड़ने का ट्रम्प को कोई अधिकार नहीं है, ऐसी टीका भी यूरोपीय महासंघ के विदेश नीति की प्रमुख मेघरिनी ने किया है।

इस पर इस्राइल के रक्षा मंत्री लिबरमन ने अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने ईरान के परमाणु अनुबंध के मामले में अपनाई भूमिका उचित है, ऐसा कहा है। साथ ही राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ईरान पर प्रतिबन्ध लगाने का निर्णय अमरिकी कांग्रेस पर छोड़ा है, इसका भी लिबरमन ने समर्थन किया है। लेकिन अभी भी ईरान के इस परमाणु अनुबंध का समर्थन करने वाले यूरोपीय महासंघ पर लिबरमन ने गुस्सा व्यक्त किया है।

ईरान ने खुलकर अपने बैलेस्टिक मिसाइलों की निर्मिती शुरू रखने की घोषणा की थी। इन बैलेस्टिक मिसाइलों का निर्माण मतलब संयुक्त राष्ट्रसंघ के नियमों का उल्लंघन है। ऐसा होते हुए भी यूरोपीय देश ईरान की इस घोषणा की तरफ नजरअंदाज करके, अपने सर को मिट्टी में गाढ़ा है। दूसरे विश्वयुद्ध के पहले भी यूरोपीय देशों ने ऐसी ही भूमिका अपनाई थी’, इसकी याद लिबरमन ने करके दी है। ‘यूरोप में जब कोई अनकट आता है, तब यूरोपीय नेता वास्तवता की तरफ नजरअंदाज करते हैं। अब भी ईरान के मामले में यूरोपीय नेता ऐसा ही कर रहे हैं’, ऐसा आरोप लिबरमन ने लगाया है।

साथ ही ईरान का परमाणु कार्यक्रम खाड़ी की अस्थिरता के लिए भी जिम्मेदार होने का आरोप लिबरमन ने लगाया है और इसके लिए उन्होंने सीरिया के संघर्ष का प्रमाण दिया है।

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