स्व-संरक्षण के लिए युरोप अमरीका पर निर्भर नहीं रह सकता – युरोपीय कमीशन के प्रमुख जंकर का इशारा

ब्रूसेल्स: भविष्य का विचार करते हुए युरोपीय महासंघ ने दीर्घकाल के लिए अमरीका की लष्करी सहायता पर निर्भर नहीं रह सकते यह इशारा युरोपीय कमीशन के प्रमुख जंकरने दिया है। अमरीका को अब युरोपीय सहयोगियों की सुरक्षा का भार सहन नहीं हो रहा और युरोपीय देशों ने ही अपने हित संभालने के लिए कदम उठाने चाहिए, यह आवाहन जंकर ने किया है। ब्रिटन ने महासंघ से बाहर निकलने का निर्णय लेकर और अमरीका में हुई ट्रम्प की नियुक्ति इस पृष्ठभूमि पर युरोप में स्व-संरक्षण एवं स्वतंत्र लष्कर की मांग जोर पकड़ रही है यह कमीशन के प्रमुख ने किए वक्तव्य का भाग है।

युरोपीय महासंघ के दीर्घकालीन भविष्य का विचार करते हुए, आगे चलते युरोपीय देशों को अमरीका से होनेवाले संरक्षण सहयोग पर निर्भर नहीं रहेंगे, यह स्पष्ट हुआ है। युरोपीय देशों के संरक्षण के लिए बहुत बड़ा आर्थिक भार सहन करने पड़ता है यह अमरीका का मानना है। इसे ध्यान में रखते हुए, अब युरोपीय महासंघ ने खुद के हित को संभालते हुए, अधिक आक्रामक कदम उठाने होंगे यह जीन क्लौड जंकर ने कहा है।

स्व-संरक्षण

सन २०१५ में शुरु हुए शरणार्थियों की घुसपैठ, २०१६ में हुआ ब्रेक्झिट का निर्णय एवं अमरीका के राष्ट्रध्यक्ष पद पर डोनाल्ड ट्रम्प की हुई नियुक्ति जैसे आवाहन को युरोपीय महासंघ ने सफलतापूर्वक झेला है, यह दावा कमीशन के प्रमुख ने किया है। इसी समय, महासंघ अधिक सामर्थ्यशाली और एकजुट होने की बात जंकर ने कही है। एक ऑस्ट्रियन दैनिक को दी मुलाकात में जंकर ने अपनी भूमिका व्यक्त की।

जंकर के इस वक्तव्य से, भविष्य में अमरीका पुरस्कृत नाटो को स्वतंत्र युरोपीयन लष्कर यह पर्याय होने का स्पष्ट संकेत माना जा रहा हैं। युरोपीयन कमीशन के प्रमुख के तौर पर जंकरने पिछले साल लगातार युरोपीय लश्कर की मांग का समर्थन किया है। उनकी इस मांग को जर्मनी, फ्रांस, हंगेरी जैसे देशों के साथ विदेश विभाग की प्रमुख फेडरिका मौघेरिनी और महासंघ के वरिष्ठ नेताओं का भी समर्थन है आगे चलते युरोप के भविष्य, युरोपीय देशों के हाथ रहना ही जरुरी है। युरोपीय देशों को ही युरोप के भविष्य के लिए संघर्ष करना होगा, यह एहसास आवश्यक है। ‘युरोपीयन्स के तौर पर अपना भविष्य स्वयं ही संरक्षित करेंगे’ इन शब्दों में जर्मनी के चांसलर मर्केल ने कुछ दिनों पहले, युरोप आगे चलकर अमरीका अथवा ब्रिटन पर निर्भर नहीं रहेगा यह स्पष्ट संकेत दिए थे। विदेश प्रमुख ‘मौघेरिनी’ने युरोपीय महासंघ स्वयं की सुरक्षा और संरक्षण सज्जता मजबूत करने के लिए वचनबद्ध है, यह बयान दिया।

जर्मनी एवं फ्रांस ने पहल लेते हुए संयुक्त लष्कर की पूर्व तैयारी के लिए विविध युरोपीय देशों के साथ संरक्षण करार करना शुरू किया है। महासंघ ने महात्वाकांक्षी ‘युरोपीयन डिफेंस फंड’ को स्थापित करके संरक्षण सज्जता के लिए प्रतिवर्ष ५.५ अब्ज यूरो का प्रावधान करने का निर्णय घोषित किया है।

रशियन खतरे की पृष्ठभूमि पर स्वीडन के संरक्षण खर्च में बढोतरी

स्टॉकहोम: रशिया से शुरू रहे आक्रामक लष्करी गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर स्वीडनने अपने स्व-संरक्षण खर्च में बढोतरी करने का निर्णय लिया है। स्वीडन सरकारने लिए इस निर्णय अनुसार, इस साल करीब २० करोड़ यूरो और सन २०२० तक ६३ करोड़ यूरो अतिरिक्त प्रावधान किया हैं। ५ महीनों पहले स्वीडनने लष्करी सेवा अनिवार्य करने की घोषणा की थी। स्वीडन के संरक्षण दल में फिलहाल ५२ हजार सैनिक है, जिनमे १० हजार जवान आरक्षित टुकड़ी का भाग है।

 

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