गतिमान लश्करी गतिविधियों के लिए नाटो की ओर से यूरोप में ‘लष्करी शेंगेन जोन’ की माँग

ब्रुसेल्स: अगर यूरोप में दाखिल हुए शरणार्थी आसानी से विविध देशों में सफ़र कर सकते हैं, तो यही सुविधा नाटो की टुकड़ियों को क्यूँ नहीं, ऐसा सवाल उठाकर नाटो ने ‘मिलिट्री शेंगेन जोन’ की माँग आगे की है। यूरोप के विविध देशों में गतिमान लश्करी गतिविधियों के लिए नाटो को भी ‘शेंगेन जोन’ उपलब्ध कराया जाए, ऐसा इस माँग में कहा गया है। नेदरलैंड के रक्षा मंत्री, यूरोप के वरिष्ठ अमरिकी सेना अधिकारी और नाटो प्रमुखों ने इसके लिए पहल की है।

यूरोप में, यूरोपीय महासंघ के सदस्य देशों के लिए सन १९९५ से ‘शेंगेन झोन’ उपलब्ध है। इसके तहत महासंघ के सदस्य देशों के अंतर्गत सफ़र करने के लिए पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं है, साथ ही सीमापर कई नियंत्रणों को कम किया गया है। वर्तमान में महासंघ के २६ सदस्य देशों में यह सुविधा कार्यरत है। खाड़ी, अफ्रीका के साथ साथ एशियाई देशों से यूरोप में दाखिल हुए शरणार्थी इसी सुविधा का लाभ उठाकर विविध देशों में दाखिल होने की बात सामने आई है।

शेंगेन जोन’ कुछ दिनों पहले नाटो की एक बैठक में नेदरलैंड के रक्षा मंत्री जेनाइन हेनिसप्लास्केर्ट ने ‘शेंगेन जोन’ की संकल्पना रखी। ‘एक देश से दूसरे देश में सेना की टुकडियां और शस्त्रसामग्री ले जाना बहुत ही समय खर्च होने वाला काम है। इस प्रकार के परिवहन में लाइसेंस के साथ साथ कई तांत्रिक, आर्थिक और अन्य प्रकार की कठिनाइयाँ आती हैं। यह अच्छा नहीं है, अगर किसी इलाके में धोखा निर्माण हुआ तो उस इलाके में तुरंत सेना भेजना आवश्यक है। इस लिए यूरोप में मिलिट्री शेंगेन एरिया तैयार करना आवश्यक है’, इन शब्दों में नेदरलैंड के रक्षा मंत्री ने सेना की गतिविधियों के लिए स्वतंत्र इलाके की माँग आगे की।

नाटो या यूरोपीय महासंघ इनमें से किसी भी यंत्रणा के लिए सेना तैनात करनी हो, उसके लिए सेना की यूरोप की गतिविधियों में समन्वय चाहिए और सेना की टुकडियां और हथियार उचित समय पर उचित जगह पहुंचने चाहिए, इन शब्दों में रक्षा मंत्री जेनाइन हेनिसप्लास्केर्ट ने सेना के लिए ‘शेंगेन जोन’ का समर्थन किया। उन्होंने यूरोपीय महासंघ के विदेश विभाग, डिफेन्स एजेंसी और नाटो के प्रमुखों से इस सन्दर्भ में जल्द ही प्रस्ताव लाने का आवाहन भी किया है। नेदरलैंड के रक्षा मंत्री ने रखे इस प्रस्ताव को जर्मनी, फ़्रांस, ब्रिटन और अमरीका ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देने की बात सामने आई है।

शेंगेन जोन’ यूरोप में अमरिकी सेना के प्रमुख जनरल बेन होजेस ने भी ‘मिलिट्री शेंगेन जोन’ का मुद्दा आगे किया है। ‘यूरोप में नाटो सेना की टुकडियां शरणार्थियों की तरह ही तेजी से सफ़र करनी चाहिए। उसके लिए महासंघ के कानून और सदस्य देशों का सार्वभौमत्व इनका आदर रखने का ख्याल रखा जाएगा। यूरोपीय महासंघ के देशों में अमरीका के अन्तरराज्य राजमार्गों की तरह तेजी से सफ़र करने की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए’, इन शब्दों में जनरल बेन होजेस ने अपनी माँग रखी। वर्तमान में सेना की टुकड़ियों की गतिविधियों को बहुत समय और अन्य कठिनाइयों का सामना करना पड रहा है, ऐसी नाराजगी भी जताई।

नाटो के प्रमुख जेन्स स्टोल्टनबर्ग ने ‘मिलिट्री शेंगेन जोन’ के प्रस्ताव पर काम चल रहा है, ऐसे संकेत दिए हैं। सेना की गतिविधियों में आने वाली कठिनाईयों को दूर करने के लिए विविध देशों से चर्चा करके हल निकलने में सफलता मिल रही है, ऐसा दावा उन्होंने किया है। यूरोपियन डिफेन्स एजेंसी के प्रवक्ता ने भी ‘मिलिट्री शेंगेन जोन’ का प्रस्ताव जल्द ही कमीशन के सामने रखकर उसे मान्यता दी जाएगी, इस बात को स्पष्ट किया।

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