राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के भूतपूर्व सलाहकार बॅनन की तरफ से – यूरोप के राष्ट्रवादियों की ‘द मुव्हमेंट’ की स्थापना

लंडन: परधर्मी शरणार्थियों को नहीं स्वीकारेंगे, ऐसी भूमिका लेनेवाले यूरोपीय देश, राजनीतिक पार्टी और समूहों पर दबाव डालने की कोशिश करनेवालों को जवाब देनेवाले संगठन की स्थापना हुई है। ‘द मुव्हमेंट’ नाम वाले इस संगठन की स्थापना अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के भूतपूर्व सलाहकार ‘स्टिव्ह बॅनन ’ ने की है। शरणार्थियों के पक्ष में यूरोप और अमरिका में लॉबिंग करने वाले धनि निवेशक जॉर्ज सोरस को जवाब देने के लिए ‘द मुव्हमेंट’ काम करनेवाला है।

सन २०१९ के मई महीने में यूरोपीय संसद के चुनाव होने जा रहे हैं। इस चुनाव में शरणार्थियों का विरोध करनेवाले प्रखर राष्ट्रवादी और दक्षिण पंथी समूह के प्रतिनिधि अधिक मात्रा में जीत जाएं, इसके लिए ‘द मुव्हमेंट’ कोशिश करनेवाला है, ऐसी घोषणा बॅनन ने की है। इस चुनाव में शरणार्थियों का समर्थन करने वाला ‘डॅव्हॉस ’ का समूह और यूरोपीय जनता के सच्चे प्रतिनिधि इन दोनों के बीच लड़ाई होगी। यह लड़ाई यूरोप के भविष्य के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण साबित होगी, ऐसा बॅनन ने दावा किया है।

राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प, सलाहकार, बॅनन, यूरोप, राष्ट्रवादियों, द मुव्हमेंट, स्थापनाब्रिटन स्थित यूरोपीय महासंघ के कट्टर विरोधक निगेल फ़ॅराज के सहायक ‘रहीम कासम’ यह बॅनन के साथ इस संगठन का काम संभालने वाले हैं। कासम ने एक साक्षात्कार में इस संगठन के उद्दिष्ट स्पष्ट किए हैं। ‘यूरोप के राष्ट्रवादी और लोकप्रिय संगठनों को उनके देश में बड़ा स्थान प्राप्त करके देना यह ‘द मुव्हमेंट’ का मुख्य कार्य होगा। यहाँ के देशों का सार्वभौमत्व, सीमारेखा का नियंत्रण, रोजगार इन मुद्दों को प्राधान्य देनेवाले व्यक्ति अथवा समूहों को प्रोत्साहन देने पर संगठन ध्यान केन्द्रित करेगा’, ऐसी जानकारी कासम ने दी है।

इस संगठन का निर्माण हुआ है और आगे के उपक्रमों के लिए आर्थिक प्रावधान किए जाने की जानकारी भी कासम ने दी है। इसके अलावा ‘द मुव्हमेंट’ के बारे में कासम ने अधिक जानकारी नहीं दी है। लेकिन कासम ने इस साक्षात्कार में यूरोपीय महासंघ पर हमला किया। ‘वर्तमान में पश्चिमी देशों के प्रजातंत्र को ‘यूरोपीय महासंघ’ जैसे घटक शक्तियों से खतरा बढ़ा है। इस वजह से उनको चुनौती देने के लिए यूरोपीय महासंघ की तरह हमारा संगठन का मुख्यालय भी ब्रुसेल्स में ही होगा’, ऐसी जानकारी कासम ने दी है।

‘पिछले कित्येक दशकों से यूरोप के राजनीतिक व्यवस्था ने निजी संगठनों के लिए हितकारक फैसले लिए हैं। लेकिन इन संगठनों ने गलत नीतियों को ढंककर रखा। लेकिन यूरोपीय जनता के हित के बारे में नहीं सोचा’, ऐसा कहकर कासम ने सोरोस के ‘ओपन सोसायटी फाउंडेशन’ पर निशाना साधा’। अगले वर्ष होनेवाले यूरोपीय महासंघ के चुनाव सबसे बड़ा परीक्षा साबित होने वाला है और इस बार महासंघ के उदारमतवादी और राष्ट्रवादी समूहों में बड़ी प्रतियोगिता होगी, ऐसा कासम ने दावा किया है।

बॅनन ने यूरोप के दक्षिण पंथी समूहों के नेताओं के साथ चर्चा शुरू करने की जानकारी सामने आ रही है। इस संगठन की आगे की नीतियों के लिए बॅनन ने यूरोप के दक्षिण पंथी नेताओं के साथ मुलाकात करना शुरू किया है। पिछले हफ्ते भर में बॅनन ने लंडन में फ़ॅराज और लुईस एलियट से मुलाकात की है। ट्रम्प के समर्थक फ़ॅराज यूरोपीय महासंघ के कट्टर विरोधक के तौर पर पहचाने जाते हैं। लुईस एलियट को फ़्रांस की राष्ट्रवादी नेता ‘मरिन ली पेन’ के नजदीकी माने जाते हैं।

इसके अलावा बॅनन जर्मनी के ‘अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी’ इस पार्टी की नेता अॅलिस विडेल, हंगेरी के प्रधानमंत्री व्हिक्टर ऑर्बन, इटली के विदेश मंत्री सॅल्व्हिनी और यूरोप के अन्य दक्षिण पंथिय नेताओं के संपर्क में होने का दावा किया जा रहा है।

दौरान, लंडन दौरे के समय बॅनन ने ब्रिटन की सुरक्षा यंत्रणा के कब्जे वाले राष्ट्रवादी नेता टॉमी रॉबिनसन यह ब्रिटन का अक्षदंड होने की प्रतिक्रिया दी है। पिछले महीने में रॉबिनसन को ब्रिटन में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने परधर्मी शरणार्थियों के खिलाफ अपनाई आक्रामक भूमिका की वजह से ही उनकी गिरफ़्तारी होने का दावा किया जा रहा है।

यूरोपीय देशों के दक्षिण पंथी समूहों के नेताओं ने रॉबिनसन को रिहा किया जाए, ऐसा आवाहन किया है। इसके लिए ब्रिटन में प्रदर्शन किए जा रहे हैं। आने वाले समय में अन्य यूरोपीय देशों में ‘द मुव्हमेंट’ के समर्थन पर इसी तरह के शरणार्थियों का विरोध करने वाले आंदोलन जारी रहेंगे, ऐसे संकेत मिल रहे हैं।

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