निर्वासितों के संकट के बोझ तले ‘युरोपीय महासंघ’ ढह सकता है

आंतर्राष्ट्रीय निवेशकार जॉर्ज सोरोस की चेतावनी

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अगले दो वर्षों में युरोप में पूरे ४० लाख निर्वासित दाख़िल हो जायेंगे, ऐसा डर आंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष द्वारा ज़ाहिर किया गया है । निर्वासितों के इस बढ़ते रेले के बोझ के तले ‘युरोपीय महासंघ’ ढह जाने की क़गार पर है, ऐसी चेतावनी आंतर्राष्ट्रीय निवेशकार जॉर्ज सोरोस ने दी । जर्मनी की चॅन्सेलर अँजेला मर्केल इस संकट में से युरोपीय महासंघ को बचा सकती हैं, ऐसा दावा भी सोरोस ने किया ।

युरोपीय देशों में निर्वासितों की संख्या गंभीर होती जा रही होकर, गत कुछ दिनों से युरोप मे दाख़िल हो रहे निर्वासितों के रेले के बारे में अलग अलग जानकारियाँ प्रकाशित हो रही हैं । उसमें अब आंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष ने प्रकाशित की जानकारी उपाजित हुई है । मुद्राकोष की जानकारी के अनुसार, सन २०१७ के अंत तक युरोप में तक़रीबन ४० लाख निर्वासित आ धमकेंगे । फ़िलहाल युरोप में आ चुके निर्वासितों की संख्या १३ लाख से ऊपर पहुँच गयी होकर, अगले दो सालों में इसी औसत से निर्वासित युरोप में दाख़िल होंगे, ऐसी चेतावनी मुद्राकोष ने जारी की है ।

निर्वासितों की इस बढ़ती संख्या के कारण युरोपीय देशों में तनाव पैदा हो सकता है, ऐसे संकेत भी आंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष ने दिये हैं । इन निर्वासितों को युरोपीय देशों में कामगारों के रूप में रोजगार मिलेगा । शुरू शुरू में स्थानीय कामगारों की तुलना में निर्वासितों को कम तनख़्वाह मिलेगी, लेकिन आगे चलकर इसमें परिवर्तन भी हो सकता है । इस कारण युरोपीय देशों के ‘सकल राष्ट्रीय उत्पन्न’ में वृद्धि हो सकती है और नज़दीकी समय के लिए यह बात युरोपीय देशों के लिए यक़ीनन ही आशादायी साबित हो सकती है ।

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लेकिन दीर्घकालीन विचार करते हुए, आख़ाती एवं अफ़्रिकी देशों से दाख़िल हो रहे ये निर्वासित क्या युरोपाय देशों की सभ्यता के साथ मेल बिठा सकेंगे, यह बड़ा सवाल है, ऐसा मुद्राकोष ने कहा है । अब तक के अनुभव को मद्देनज़र रखें, तो निर्वासित युरोपीय देशों की सभ्यता के साथ मेल बिठाने में असफल हुए हैं। मुद्राकोष निर्वासितों के बढ़ते रेले के बारे में यह डर जता रहा है, उसी समय आंतर्राष्ट्रीय निवेशकार जॉर्ज सोरोस ने युरोपीय देशों को आगाह किया है ।

कुछ हफ़्तें पहले जर्मनी की चॅन्सेलर मर्केल ने निर्वासितों के मुद्दे को लेकर युरोपीय महासंघ ढह सकता है, ऐसी चेतावनी दी थी । मर्केल की चेतावनी का सोरोस ने समर्थन किया । निर्वासितों के रेले के कारण युरोपीय महासंघ के सामने अस्तित्व बनाये रखने का बड़ा संकट खड़ा हुआ होकर, इस समस्या को सुलझाना आवश्यक बन गया है । चॅन्सेलर मर्केल और जर्मनी की जनता इसपर कुछ उपाय ढूँढ़ सकते हैं ऐसा विश्वास सोरोस ने ज़ाहिर किया । लेकिन उसके लिए जर्मनी को अतिरिक्त ज़िम्मेदारी का स्वीकार करना होगा, ऐसा भी सोरोस ने कहा ।

तो चन्द कुछ घण्टें पूर्व, युरोपीय काऊन्सिल के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने भी, निर्वासितों की समस्या का हल ढूँढ़ने के लिए युरोपीय महासंघ के पास दो महीने की ही अवधि होने की चेतावनी दी थी । इसी दौरान, अब तक युरोपीय महासंघ के देशों ने निर्वासितों के मामले में नर्म रवैया अपनाकर अपनी सीमारेखाओं को खुला रखा था । लेकिन गत कुछ हफ़्त्तों में जर्मनी के साथ साथ बेल्जियम, फिनलंड इन देशों ने निर्वासितों के मामले में सख़्त रवैया अपनाना शुरू कर दिया है ।

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