‘ईस्टमेड गैस पाईपलाईन’ समझौते पर इस्रायल-ग्रीस-सायप्रस ने किए हस्ताक्षर

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरअथेन्स – इस्रायल से यूरोप को ईंधन प्रदान करने के लिए बनाई जा रही महत्वाकांक्षीईस्टमेड गैस पाईपलाईनके समझौते पर इस्रायल, ग्रीस और सायप्रस ने हस्ताक्षर किए है| गुरूवार के दिन राजधानी अथेन्स में हुई बैठक के लिए इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू मौजूद थे| यह समझौता यानी इस्रायल के लिए ऐतिहासिक क्षण होने का बयान प्रधानमंत्री नेत्यान्याहू ने दिया है| इस्रायल की यह ईंधन पाईपलाईन यूरोपिय देशों की रशिया पर बनी निर्भरता कम करने की कोशिश का हिस्सा होने की बात समझी जा रही है|

वर्ष २०१६ में इस्रायल के समुद्री क्षेत्र में ९०० अरब घनमीटर नैसर्गिक वायु के भंडार की खोज हुई थी| उस समय साझा हुए कुछ रपटों में इस्रायल के नजदिकी समुद्री क्षेत्र में ,२०० अरब घनमीटर नैसर्गिक ईंधन वायू का भंडार होने का अंदाजा व्यक्त किया गया था| इसके बाद इस्रायल ने अपना ईंधन वायू अन्य देशों में निर्यात करेन की कोशिश शुरू की थी| इसमें तुर्की, इजिप्ट और जॉर्डन के साथ ही यूरोपिय देशों का भी समावेश था

इस्रायल और यूरोपिय देशों की वर्ष २०१७ में हुई बैठक मेंईस्टमेड गैस पाईपलाईनकी परियोजना को प्राथमिक मंजुरी प्रदान प्राप्त हुई थी| इसके अनुसार इस्रायल के समुद्र क्षेत्र केलेव्हंटाईन बेसिनसे ग्रीस तक ,८७२ किलोमीटर्स लंबी ईंधन पाईपलाईन लगाने का काम होगा| यह पुरी ईंधन पाईपलाईन गहरे समुद्र के तल पर लगाई जाएगी और यह काम वर्ष २०२५ तक पुरा करने का उद्देश्य रखा गया है| ग्रीसतक लगाई जा रही इस पाईपलाईन का विस्तार आगे इटली एवं बाल्कन देशोंतक करने का प्रस्ताव भी है|

ग्रीस एवं इटली की कंपनियों को इस ईंधन पाईपलाईन के निर्माण का काम दिया गया है| इस ईंधन परियोजना के लिए करीबन . अरब डॉलर्स का खर्च होने की उम्मीद है| ‘ईस्टमेड गैस पाईपलाईनसे प्रतिवर्ष १० अरब घनमीटर ईंधन वायू की आपुर्ति होगी, यह जानकारी सूत्रों ने साझा की| इसके लिए इस्रायल के साथ ही सायप्रस के ईंधन क्षेत्र के गैस का भी इस्तेमाल किया जाएगा| सायप्रस के ईंधन क्षेत्र में १२८ अरब घनमीटर नैसर्गिक वायु का भंडार होने की बात कही जा रही है|

पिछले कुछ महीनों में ग्रीस और सायप्रस इन दोनों देशों का तुर्की के साथ बना तनाव बढ रहा है| भूमध्य समुद्री क्षेत्र में पाए गए ईंधन के भंडारों पर हक जताने के लिए तुर्की ने इस क्षेत्र में अपनी लष्करी गतिविधियां बढाई है और प्रगत युद्धपोतों की तैनाती भी की है| उसी समय ग्रीस और सायप्रस के सीमा का हिस्सा होेवाले क्षेत्र को लेकर लीबिया के साथ सीधे समझौता करके तुर्की ने इन देशों पर दबाव बनाने की कोशिश शुरू की है|

इसी पृष्ठभूमि पर ग्रीस और सायप्रस ने इस्रायल के साथ सहयोग बढाने पर किया निर्णय काफी अहम साबित होता है| ‘ईस्टमेड गैस पाईपलाईनसायप्रस और ग्रीस इन दोनों देशों की समुद्री सीमा से गुजरती है और इसकी सुरक्षा के लिए इस्रायल खास प्लैन भी कर सकता है| यह प्लैन तुर्की के इस क्षेत्र में हमलें करने की साजिश नाकाम करनेवाली साबित होगी, यह दावा विश्लेषक व्यक्त कर रहे है|

 

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