गुटनिरपेक्षता का दौर ख़त्म हुआ हैं; भारत को जोखिम उठानी होगी – विदेशमंत्री एस. जयशंकर

नई दिल्ली – ‘गुटनिरपेक्षता का दौर अब ख़त्म हुआ है। यह विचारधारा अब कालबाह्य हो चुकी है। साथ ही, एक या दो शक्तिमान देशों से केंद्रित व्यवस्था का भी अन्त हुआ है’, ऐसा बयान विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने किया है। लेकिन, भारत को लेकर उम्मीदों में भी बढ़ोतरी हुई हैं। भारत अब बड़े मुद्दों पर अधिक से अधिक सक्रिय भूमिका अपनाएँ, यह उम्मीद व्यक्त की जा रही है। इस वज़ह से भारत को अधिक ज़ोख़म उठाना आवश्‍यक बना है, यह बात भी विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने कही है। ऐसा होते हुए भी भारत किसी भी मोरचे में शामिल नहीं होगा, यह बात भी जयशंकर ने रेखांकित की है।

India-Jayshankarचीन के साथ जारी तनाव और रणनीतिक स्तर पर अमरीका के साथ मज़बूत हो रहे संबंधों की पृष्ठभूमि पर विदेशमंत्री का यह बयान काफ़ी अहम साबित होता हैं, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है। विदेशमंत्री जयशंकर ने इससे, एक ही समय पर चीन एवं अमरीका को संदेशा दिया होने की बात कही जा रही है। भारत की विदेशी नीति स्वतंत्र थी और स्वतंत्र रहेगी, यह संदेशा इसमें है। लेकिन, साथ ही भारत और अमरीका के संबंध पिछले कुछ समय में मज़बूत हुए हैं, लेकिन फिर भी भारत ने आँख बंद करके किसी पर भी भरोसा नहीं किया है। देश के हित की आवश्‍यकता ध्यान में रखकर ज़रूरी ज़ोख़म उठाने के लिए भारत तैयार होने के संकेत विदेशमंत्री जयशंकर ने इससे दिए हैं, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है।

वर्तमान में विश्‍व अधिक चुनौतीपूर्ण बना है। पिछले चालीस वर्षों में बड़ा असंतुलन दिखाई दिया था। इसमें अब बदलाव हुआ है। साथ ही, देशों में एक-दूसरें पर निर्भरता भी बढ़ी है। साथ ही प्रभाव, शक्ति, कूटनीतिक समीकरणों में भी बदलाव हुए हैं, ऐसा विदेशमंत्री जयशंकर ने कहा हैं। फिलहाल हम बहुकेंद्रित विश्‍व की दिशा में यात्रा कर रहे हैं। ‘जी-20’ देश अब अधिक अहम भूमिका निभाने की स्थिति में हैं, यह बात भी जयशंकर ने रेखांकित की।

India-America-Chinaगुटनिरपेक्षता यह विशिष्ट समय के लिए ही थी। १९५०-६० के दशक में भारत कमज़ोर था। लेकिन, अब भारत की ओर बड़ी उम्मीद से देखा जा रहा है। इस वजह से भारत दर्शक बनकर नहीं रहेगा। समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद, कनेक्टिव्हिटी जैसें मुद्दों पर भारत अधिक सक्रिय भूमिका अपनाएँ, ऐसी उम्मीद भारत से रखी जा रही है। इस वजह से भारत के लिए ज़ोख़म उठाना आवश्‍यक बना है, यह बात विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने कही।

मुक्त व्यापारी समझौते से भारत की अर्थव्यवस्था को विशेष लाभ नहीं हुआ है, यह बात भी एस.जयशंकर ने स्पष्ट की। विश्‍व से जुड़े रहने के लिए अलग अलग रास्ते हैं। इस कारण, मुक्त व्यापारी समझौता यह एक ही मार्ग नहीं रहा। भारत को जागतिक सप्लाई श्रृंखला का हिस्सा होने के लिए अधिक कोशिश करनी होगी। इससे अर्थव्यवस्था को अधिक लाभ होगा, यह कहकर विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने कोरोना की महामारी के बाद विश्‍व अधिक सुरक्षात्मक अर्थव्यवस्था की दिशा में आगे बढ़ने का दावा भी किया।

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