स्पेन सरकार के दबाव की वजह से कॅटालोनिया में आपातकालीन जैसी स्थिति

बार्सिलोना: ‘स्पेनिश राजवट ने दबाव की सभी मर्यादाएं पार की हैं। स्पेन ने कॅटालोनिया की लोकतंत्रवादी सरकार को अवैध रूप से बर्खास्त करके आपातकालीन जैसी परिस्थिति निर्माण की है। इसे कदापि स्वीकार नहीं किया जा सकता। स्पेन सरकार की कार्रवाई मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन है’, ऐसा घनघोर आरोप कॅटालोनिया प्रान्त ने अध्यक्ष ने किया है।

आपातकालीन

१ अक्टूबर को कॅटालोनिया में स्वातंत्र्य के मुद्दे पर जनमत आयोजित किया गया है। स्पेन के वरिष्ठ न्यायालय ने यह प्रक्रिया बाहरी घटना होने का निर्णय दिया है और कॅटालोनिया में आक्रामक कार्रवाई शुरू की है।

स्पेन के सबसे संपन्न प्रान्त के तौर पर पहचाने जाने वाले कॅटालोनिया में पिछले कुछ वर्षों में आजादी की मांग ने बहुत ज्यादा जोर पकड़ा है। यूरोपीय महासंघ का आर्थिक संकट, ब्रिटन ने महासंघ से ली हुई ‘एग्जिट’, अमरिका में डोनाल्ड ट्रम्प का हुआ चुनाव। इस पृष्ठभूमि पर कॅटालोनिया सरकार ने अधिक आक्रामक भूमिका ली थी। कुछ महीनों पहले ही अगले महीने में होने वाला जनमत कॅटालोनिया के लिए निर्णायक होगा, ऐसी घोषणा स्थानीय सरकार ने की थी।

इस घोषणा की वजह से स्पेन सरकार में खलबली मची है और जनमत की प्रक्रिया रोकने के लिए सभी प्रकार की कोशिशें की जा रही हैं। न्यायालय ने आदेश देने के बाद भी कॅटालोनिया सरकार मान नहीं रही, इसलिए स्पेन के प्रधानमंत्री मरिआनो राजोय ने आक्रामक मुहीम शुरू की है। स्पेन की सुरक्षा यंत्रणाएं कॅटालोनिया में तैनात की गई हैं और स्थानीय सरकारी अधिकारयों की धरपकड़ शुरू की गई है।

बुधवार को केन्द्रीय सुरक्षा दलों ने कॅटालोनिया के कनिष्ठ बाणिज्य मंत्री जोसेप मरिआ जोव्ह के साथ १३ सरकारी अधिकारीयों को कब्जे में लिया है। उसके पहले जनमत के लिए छापी गई लाखों मतपत्रिकाएँ भी जब्त की गई हैं। कॅटालोनिया के स्थानीय सरकार के विविध विभागों पर छापे मारे गए हैं और जनता जनमत में सहभाग न ले, ऐसा इशारा दिया गया है। लेकिन स्पेनिश राजवट का यह दबाव कॅटालोनिया की जनता ने ठुकराया है और स्थानीय सरकार और जनमत को समर्थन देने के लिए हर रोज हजारों के मोर्चे निकाले जा रहे हैं।

स्पेन में स्वतंत्र भाषा और संस्कृति वाले प्रांत के तौर पर कॅटालोनिया को पहचाना जाता है। स्पेन में १९७० में लोकतंत्र की पुनर्स्थापना होने के बाद इस इलाके में हमेशा प्रान्तिक राजनितिक समूह का वर्चस्व रहा है। स्पेन की राजवट हमसे दुय्यम व्यवहार करती है, ऐसा कॅटालोनिया जनता का दावा है और जनमत के माध्यम से उसे प्रत्युत्तर दिया जाने वाला है, ऐसा माना जा रहा है। यूरोप के आर्थिक संकट के बाद स्पेन से आजाद होने की मांग को ज्यादा मजबूती मिली है और केंद्र सरकार की ओर से सरकारी कर का ज्यादा हिस्सा मिले, ऐसी आग्रही मांग की जा रही है। लेकिन स्पेन सरकार ने मांग अस्वीकार करने की वजह से जनमत का मुद्दा आक्रामक रूप से हाथों में लेने का दावा, स्थानीय और यूरोपीय विश्लेषक कर रहे हैं।

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