नाईल नदी बाँध के मुद्दे पर ईजिप्ट-इथिओपिया विवाद तीव्र – ईजिप्ट द्वारा इथिओपियन राजदूत तलब

कैरो – नाईल नदी पर बाँधे जा रहे बाँध को लेकर इथिओपिया के प्रवक्ता ने किये बयान पर ईजिप्ट से तीव्र प्रतिक्रिया आयी है। ईजिप्ट के विदेश मंत्रालय ने इथिओपिया के राजदूत को तलब किया होकर, पूरा खुलासा देने की माँग की है। कुछ दिन पहले सुदान ने इथिओपिया के विरोध में शुरू किये संघर्ष के पीछे ईजिप्ट का बहकावा होने के आरोप इथिओपिया द्वारा किये गये थे। उसके बाद अब नाईल के मुद्दे पर ईजिप्ट के विरोध में किये बयानों के कारण इस क्षेत्र में तनाव अधिक तीव्र होने के संकेत मिल रहे हैं।

egypt-ethiopiaइथिओपिया ने सन २०११ में नाईल नदी पर बाँध बाँधने का फ़ैसला किया था। इस फ़ैसले पर ईजिप्ट एवं सुदान ने तीव्र ऐतराज़ जताया। लेकिन इन ऐतराज़ों को ठुकराकर इथिओपिया ने बाँध के निर्माण की शुरुआत की थी। ‘द ग्रँड इथिओपियन रेनेसान्स डॅम’ नामक इस बाँध के लिए ४.६ अरब डॉलर्स खर्च होनेवाले होकर, फिलहाल बाँध का लगभग ७० प्रतिशत से अधिक काम पूरा हुआ माना जा रहा है। इस बाँध का जलसम्भरण क्षेत्र १,८७४ किलोमीटर्स इतना प्रचंड होकर, उसमें ७४ अरब घन मीटर पानी का संग्रहण किया जानेवाला है। बाँध पर जलविद्युत परियोजना का निर्माण भी किया जा रहा होकर, लगभग छ: हज़ार मेगावैट इतनी ऊर्जा का निर्माण होगा, ऐसा बताया जाता है।

इथिओपिया का बाँध पूर्ण होकर वह पूरी क्षमता से कार्यरत होने पर ईजिप्ट और सुदान को उससे ज़बरदस्त नुकसान होगा, ऐसा दावा दोनों देशों द्वारा किया जा रहा है। ईजिप्ट की तक़रीबन ९० प्रतिशत खेती नाईल नदी के पानी पर निर्भर होकर, इथिओपिया के बाँध के कारण एक तिहाई खेती ख़तरे में पड़ सकती है, ऐसा ईजिप्ट ने कहा है। सुदान में खेती का नुकसान होने के साथ ही, जनता को बड़े पैमाने पर पानी की किल्लत का सामना करना पड़ेगा, ऐसा डर जताया जा रहा है। इस कारण इन देशों ने पिछले कुछ सालों में बाँध को होनेवाला उनका विरोध अधिक ही तीव्र किया है। उन्होंने यह माँग की है कि इथिओपिया लिखित रूप में समझौता करके नदी के पाने की धारा कायम रहेगी, इसकी गारंटी दे दें।

egypt-ethiopiaलेकिन गत दशकभर से जारी रही चर्चा के बाद भी इथिओपिया ने लिखित गारंटी देने की तैयारी नहीं दर्शायी है। इस कारण ईजिप्ट और सुदान अधिक आक्रामक हुए हैं। ईजिप्ट और सुदान की इस भूमिका पर इथिओपिया के विदेश विभाग से प्रतिक्रिया आयी है। ‘इथिओपिया में बाँधे जा रहे बाँध से उन्हें कुछ भी ख़तरा नहीं है, यह बात इजिप्त और सुदान ये दोनों देश जानते हैं। लेकिन वे देशांतर्गत समस्याओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए बाँध के मुद्दे का इस्तेमाल कर रहे हैं। ईजिप्ट और सुदान के शासकों के सामने कई अंतर्गत गंभीर मुद्दें होकर, उनका कभी भी विस्फोट हो सकता है। ख़ासकर ईजिप्ट में कई मुद्दों पर स्थिति ख़राब हो सकती है। इस कारण जनता को विचलित करने के लिए बाँध के मुद्दे का इस्तेमाल किया जा रहा है’, ऐसा आरोप इथिओपिया के विदेश विभाग के प्रवक्ता दिना मुफ्ती ने किया।

egypt-ethiopiaमुफ्ती के इस बयान पर ईजिप्ट ने तीव्र नाराज़गी ज़ाहिर की। यह बयान यानी ईजिप्ट पर हमला होकर, इथिओपियन हुक़ूमत अपनी असफलता छिपाने के लिए ऐसी बकबक कर रही है, ऐसी फटकार ईजिप्ट के विदेश मंत्रालय ने लगाई। इस आलोचना के बाद इथिओपिया के राजदूत को समन्स भेजकर ईजिप्ट ने इस बयान पर गंभीरता से ग़ौर फ़रमाया होने के संकेत दिये हैं। इस साल में बाँध के मुद्दे पर तीनों देशों में हुईं चर्चाएँ असफल साबित हुईं हैं। उसी समय, तिगरे प्रांत में चल रही कार्रवाई के मुद्दे पर इथिओपिया की सरकार फिलहाल मुश्किल में फँसी होकर, आन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें ज़बरदस्त आलोचना सहनी पड़ रही है।

इस बात को मद्देनज़र रखते हुए ईजिप्ट ने सुदान की सहायता से इथिओपिया पर दबाव डालने की कोशिशें शुरू कीं हैं। उसके लिए गत कुछ महीनों में सुदान के साथ राजनीतिक तथा लष्करी सहयोग मज़बूत करने पर भी ईजिप्ट ज़ोर दे रहा है, ऐसा सामने आया है। इस सारी पृष्ठभूमि पर, इथिओपिया के बाँध का मुद्दा अफ़्रीका में नये संघर्ष की शुरुआत साबित हो सकता है, ऐसा दावा विश्लेषकों द्वारा किया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.