‘एड़नॉक’ करेगी ‘स्ट्रैटेजिक रिज़र्व’ से इंधन की निर्यात – केंद्र सरकार की मंजूरी

नई दिल्ली – संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की ‘अबुधाबी नैशनल ऑईल कंपनी’ (एड़नॉक) को मंगलुरू स्थित इंधन के ‘स्ट्रैटेजिक रिज़र्व’ में उन्होंने रखे इंधन की निर्यात के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है। इसके लिए सरकार ने अपनी नीति लचिली की है। आपाद स्थिति के दौरान इस भंड़ारण पर पहला अधिकार भारत का रहेगा, फिर भी अन्य समय पर यहां के इंधन के कारोबार के लिए इस्तेमाल करना इस कंपनी को संभव होगा। इस निर्णय की वजह से भारत के ‘स्ट्रैटेजिक रिज़र्व’ में अधिक निवेश होगा, यह दावा किया जा रहा है।

fuel-strategic-reserveप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार के दिन हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया। यह निर्णय देश की इंधनसुरक्षा के नज़रिये से फायदेमंद साबित होगा, यह दावा किया जा रहा है। भारत ने आपाद स्थिति के दौरान इंधन की आपूर्ति बंद होने पर इस्तेमाल करना संभव होगा, ऐसे इंधन का ‘स्ट्रैटेजिक रिज़र्व’ निर्माण शुरू किया है। देश में विशाखापट्टणम्‌, मंगलुरू, पाडूर और ओड़िशा के चंड़ीखोल में यह ‘रिज़र्व’ निर्माण किए गए हैं। इन ‘रिज़र्व’ में इंधन के भंड़ारण के लिए भारत विभिन्न कंपनियों के साथ समझौते करने की कोशिश कर रहा है।

विदेशी इंधन कंपनियों ने इन रिज़र्व में भंड़ारण किया तो आपादस्थिति में या युद्ध के दौरान इन रिज़र्व के इंधन पर पहला अधिकार भारत का होगा और इसके साथ ही एक पैसा खर्च किए बिना भारत को इंधन सुरक्षा प्राप्त होगी। ‘एडनॉक’ के साथ इसी तरह से समझौता हुआ है और इसके अनुसार मंगलुरू के ‘स्ट्रैजेजिक रिज़र्व’ में ५० प्रतिशत व्यवस्था अपने इंधन के भंड़ारण के लिए ‘एड़नॉक’ ने भाड़े पर प्राप्त किया है।

इसके अनुसार ‘एड़नॉक’ ने मंगलुरू स्थित ‘रिज़र्व’ का ५० प्रतिशत भंड़ारण किया है। इनमें से ३५ प्रतिशत इंधन के निर्यात की कंपनी को अनुमति थी, शेष इंधन का कारोबार करने के लिए कंपनी को भारत सरकार से अनुमति प्राप्त करने की आवश्‍यकता थी। लेकिन, अब सरकार ने यह शर्त हटाई है। इससे एड़नॉक को भारत स्थित स्ट्रैटेजिक रिज़र्व में अधिक इंधन के भंड़ारण के लिए प्रोत्साहन मिलेगा, यह विश्‍वास व्यक्त किया जा रहा है।

fuel-strategic-reserveएड़नॉक ने मंगलुरू की तरह ही पाडूर स्थित स्ट्रैटेजिक रिज़र्व के ५० प्रतिशत भंड़ार भाड़े पर प्राप्त करने के लिए पहले ही समझौता किया है। लेकिन, अभी पाडूर में कंपनी ने भंड़ारण नहीं किया है। लेकिन, भारत सरकार की लचिली नीति की वजह से भविष्य में एड़नॉक के साथ अन्य कंपनियां भी स्ट्रैटेजिक रिज़र्व में निवेश के लिए आगे आएगी, यह विश्‍वास व्यक्त किया जा रहा है।

कोरोना की वजह से विश्‍वभर में इंधन की माँग में गिरावट हुई थी। रशिया और खाड़ी के देशों में बने विवाद की वजह से इंधन की किमत गिरकर प्रति बैरल १९ डॉलर्स तक जा पहुँची थी। ऐसे में भारत ने अपने सभी स्ट्रैजेजिक रिज़र्व इंधन से भर दिए। इस वजह से देश के ५ हज़ार करोड़ रुपयों की बचत हुई। इसके लिए केंद्र सरकार ने कुल ३,८७४ करोड़ रुपये खर्च करने की मंजूरी दी थी। वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंधन की किमत प्रति बैरल ४२ डॉलर्स तक जा पहुँची है।

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