नशीले पदार्थों की तस्करी और हिंसा को रोकने के लिए इक्वेडोर में आपातकाल का ऐलान

क्विटो – इक्वेडोर का एक ही शत्रु है और वह नशीले पदार्थों की तस्करी का बयान करके इक्वेडोर के राष्ट्राध्यक्ष गुलिर्मो लैसो ने देश में आपातकाल का ऐलान किया। अगले दो महीनों के लिए यह आपातकाल जारी रहेगा और देश के विभिन्न हिस्सों में सेना की तैनाती रहेगी। इक्वेडोर के एक जेल में बीते महीने नशीले पदार्थों की तस्करी में जुटे दो गिरोहों के बीच जोरदार संघर्ष हुआ था। इस संघर्ष में तकरीबन १२० लोग मारे गए थे। इस पृष्ठभूमि पर देश में आपातकाल का ऐलान किया हुआ दिख रहा है।

ecuador-emergency-2‘पहले इक्वेडोर नशीले पदार्थों की तस्करी का एक अहम हिस्सा माना जाता था। लेकिन, अब सिर्फ तस्करी ही नहीं, बल्कि नशीले पदार्थों का बड़ा इस्तेमाल कर रहे देशों में भी इस देश का समावेश हुआ है। देश में नशीले पदार्थों का व्यापार और बिक्री काफी बड़ी मात्रा में बढ़ गई है। साथ ही देश में बढ़ रहे अपराधिक मामलों में भी नशीले पदार्थों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध दिखाई दिया है’, इन शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष गुलिर्मो लैसो ने आपातकाल का समर्थन किया। सरकार ने देश के अलग अलग हिस्सों में अतिरिक्त सुरक्षा प्रणाली के साथ लष्करी दलों को भी तैनात करने का निर्णय किया है।

इनको अतिरिक्त अधिकार भी प्रदान किए गए हैं और स्वतंत्र ‘लीगल डिफेन्स युनिट’ का भी गठन किया जाएगा। नशीले पदार्थों से जुड़े गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई करनेवाली यंत्रणाओं को किसी भी तरह से कानूनन मुश्‍किलों का सामना करने की स्थिति ना बने, इसके लिए यह युनिट काम करेगी, ऐसा बयान राष्ट्राध्यक्ष गुलिर्मो लैसो ने किया है। अपराधिक गिरोह कहीं भी छुपकर रहता हो तो उन्हें भी खोज़कर सरकार उनसे संघर्ष करेगी, यह इशारा भी राष्ट्राध्यक्ष ने दिया।

ecuador-emergency-1बीते कुछ महीनों में विश्‍व के कई देशों में नशीले पदार्थों के बड़े भंड़ार जब्त किए गए हैं। यह बात नशीले पदार्थों के व्यापार में फिर से बढ़ोतरी होने के संकेत देती है। अमरीका में भूतपूर्व सरकार ने नशीले पदार्थों के खिलाफ आक्रामक मुहिम चलाई थी। लेकिन, नए राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन इस बात को नजरअंदाज़ कर रहे हैं। इसी बीच अफ़गानिस्तान में तालिबान की हुकूमत स्थापित होने के बाद नशीले पदार्थों का उत्पादन और तस्करी को अधिक गति प्राप्त होने की बात भी सामने आ रही है।

अफीम की खेती और नशीले पदार्थों का व्यापार ही तालिबान की आर्थिक सहायता के प्रमुख घटक होने की बात अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई रपटों से सामने आयी है। अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने तालिबान के खिलाफ चलाई आक्रामक मुहिम के दौरान अफ़गानिस्तान में अफीम की खेती वाले हिस्सों पर एवं कारखानों पर हमले किए थे। लेकिन, इसके बाद तालिबान ने फिर से नशीले पदार्थों के व्यापार में वर्चस्व हासिल किया है और इसे पाकिस्तानी यंत्रणाओं की भी सहायता प्राप्त होने की बात इससे पहले भी कई बार स्पष्ट हुई थी।

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