भारतीय सेना के धैर्य की परीक्षा लेने की गलती ना करें – सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे

नई दिल्ली – ‘एकतरफा कार्रवाई करके ‘एलएसी’ पर स्थिति में बदलाव लाने की साज़िश भारतीय सेना ने नाकाम की है। गलवान की घाटी में शहीद हुए २० भारतीय सैनिकों का बलिदान हम व्यर्थ नहीं जाने देंगे। अगले दौर में भी देश की संप्रभुता और सुरक्षा को भारतीय सेना किसी भी तरह से धक्का नहीं लगने नहीं देगी। भारतीय सेना के धैर्य की परिक्षा कोई भी ना करे’, ऐसा इशारा भारतीय सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने दिया है। ‘आर्मी डे परेड’ को संबोधित करते समय सेनाप्रमुख ने यह बयान किया। कश्‍मीर की नियंत्रण रेखा पर ३०० से ४०० आतंकी घुसपैठ करने की तैयारी में होने की जानकारी साझा करके सेनाप्रमुख ने पाकिस्तान के भी कान खींचे।

भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एक दिन पहले ही यह इशारा दिया था कि, विश्‍व की कितनी भी बड़ी ताकत ने भारत के आत्मसम्मान को ठेंस पहँचाई तो उसे जोरदार प्रत्युत्तर मिलेगा। रक्षामंत्री का यह इशारा चीन को लक्ष्य कर रहा था, ऐसा कहा जा रहा है। इसके बाद भारतीय सेनाप्रमुख चीन को इशारा देते हुए दिखाई दे रहे हैं। लद्दाख की ‘एलएसी’ पर एकतरफा कार्रवाई करके वहं की स्थिति में बदलाव लाने की साज़िश भारतीय सैनिकों ने नाकाम की, यह कहकर सेनाप्रमुख ने चीन को लक्ष्य किया। इसके साथ ही भारतीय सेना के धैर्य की परीक्षा ना करें, यह कहकर भारतीय सेनाप्रमुख ने चीन को सटीक शब्दों में संदेश दिया हुआ दिख रहा है। लद्दाख के सरहदी क्षेत्र में चीन की लष्करी गतिविधियों में बीते कुछ दिनों से बढ़ोतरी होती दिखाई दे रही है। इसके साथ चीन इस क्षेत्र में फिर एक बार भारत पर हावी होने की कोशिश करेगा, यह संकेत भी इसके ज़रिये प्राप्त हो रहे हैं और इसी कारण भारत लगातार चीन को इशारे दे रहा है।

लद्दाख की ‘एलएसी’ के विवाद का हल निकालने के लिए चीन के साथ चर्चा के आठ दौर हुए हैं। अब इस विषय पर चर्चा का नौवां दौर जल्द ही होगा। इस विवाद का राजनीतिक बातचीत से हल निकलाने के लिए भारत वचनबद्ध है। लेकिन, एकतरफा कार्रवाई के ज़रिये इस क्षेत्र की स्थिति में बदलाव करने की कोशिश भारत कभी भी बर्दाश्‍त नहीं करेगा, यह इशारा जनरल नरवणे ने दिया है। इसके साथ ही पाकिस्तान की आतंकवाद के इस्तेमाल की गलत आदत अब भी कायम है और इस आदत के कारण यह देश लाचार है। कश्‍मीर की नियंत्रण रेखा के उस ओर करीबन ३०० से ४०० आतंकी घुसपैठ के लिए तैयार बैठे हैं, ड्रोन्स और टनेल के ज़रिये हथियारों की तस्करी करके पाकिस्तान आतंकियों की सहायता करने की कोशिश में जुटा है, ऐसा कड़ा आरोप भी भारतीय सेनाप्रमुख ने इस दौरान किया।

कश्‍मीर की नियंत्रण रेखा पर युद्धविराम का उल्लंघन होने की मात्रा में ४४ प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। लेकिन, भारतीय सेना इस पर जोरदार प्रत्युत्तर दे रही है। भारतीय सेना ने जम्मू-कश्‍मीर में बीते वर्ष की हई आतंकवाद विरोधी कार्रवाई में २०० आतंकी मारे गए। इस वजह से जम्मू-कश्‍मीर में हिंसा काफी कम हुई है, यह कहकर जनरल नरवणे ने इस कामयाबी पर संतोष व्यक्त किया।

इसी बीच, भारतीय सेना को आधुनिक शस्त्र और रक्षा सामान की आपूर्ति हो रही है। ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजन्स’, ‘ब्लॉकचेन’ तकनीक, ‘क्वांटम कॉम्प्युटिंग’, ‘डायरेक्टेड एनर्जी वेपन्स’ और ‘स्वार्म ड्रोन्स’ का रक्षा क्षेत्र में इस्तेमाल बढ़ा है। इसके लिए भारतीय सेना देश की ‘आयआयटीज्‌’ जैसी शिक्षा संस्थाओं के साथ काम कर रही है, यह ध्यान आकर्षित करनेवाली जानकारी भी सेनाप्रमुख ने इस दौरान साझा की।

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