क्या अफगानिस्तान के नेतृत्व के पास तालिबान से लड़ने की इच्छाशक्ति है? – व्हाईट हाऊस के प्रवक्ता का सवाल

वॉशिंग्टन – ‘तालिबान विरोधी संघर्ष के लिए आवश्यक संख्या बल, हथियार और पर्याप्त प्रशिक्षण अफगानिस्तान के रक्षाबलों के पास है। लेकिन क्या इस संघर्ष के लिए अपने पास राजनीतिक इच्छाशक्ति है? इसका फैसला अफगानिस्तान के नेतृत्व को करना होगा। अगर यह इच्छाशक्ति होगी, तो अफगानी एकजुट होकर तालिबान के विरोध में लड़ सकते हैं और वर्तमान समय में इसी की अधिक आवश्यकता है’, ऐसा व्हाईट हाऊस की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा है।

Afghanistan-Ghaniकुछ घंटे पहले अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने, अफगानिस्तान से तेज़ी से की जा रही सेनावापसी का समर्थन किया था। साथ ही बायडेन ने यह भी कहा था कि अफगानिस्तान के संघर्ष में अमरीका ने हज़ारों जवान गंवाये और ट्रिलियन डॉलर्स खर्च किए होकर, इसके आगे इस देश की ज़िम्मेदारी अफगान सरकार पर होगी। तालिबान की तुलना में अफगानी जवानों की संख्या बड़ी होकर, वे ही तालिबान के साथ संघर्ष करेंगे, ऐसी उम्मीद बायडेन ने ज़ाहिर की थी।

व्हाईट हाऊस की प्रवक्ता साकी ने अफगानिस्तान के नेतृत्व से किया सवाल भी, बायडेन के बयानों का समर्थन करनेवाला साबित होता है। अफगानिस्तान के लश्कर को हवाई हमलों के जरिए सहायता प्रदान करना अमेरिका इसके आगे भी जारी रखेगी, ऐसा साकी ने कहा। लेकिन भविष्य में अफगानिस्तान की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेने के लिए अफगानी नेताओं को ही एकजुट करनी पड़ेगी, ऐसा आवाहन साकी ने किया।

Jen-Psakiपिछले हफ्ते भर से अमरीका के लड़ाकू, बॉम्बर विमान और ड्रोन अफगानिस्तान में हमले कर रहे होने का दावा किया जाता है। अमरीका ने हेल्मंड, कंदहार में हवाई हमले करने के लिए बी-१बी स्टेल्थ बॉम्बर और एमक्यू-९ रिपर ड्रोन का इस्तेमाल किया, ऐसा माध्यमों का कहना है। अमरीका ३१ अगस्त के बाद भी अफगानिस्तान में हवाई मुहिम जारी रखें, ऐसा आवाहन अमरीका में नियुक्त अफगानिस्तान के राजदूत अदेला राझ ने किया।

इसी बीच, अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष अश्रफ गनी फिलहाल मझार-ए-शरिफ आए होकर, यहाँ अफगानी नेताओं की इमरजेंसी बैठक शुरू है। वहीं, अफगानिस्तान के संघर्ष की पृष्ठभूमि पर, अमरीका और जर्मनी ने अपने नागरिकों को फौरन यह देश छोड़ने की सूचना की है।

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