भारत के प्रधानमंत्री और सऊदी के क्राऊन प्रिन्स की चर्चा

नई दिल्ली – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सऊदी अरब के क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान के साथ फोन पर चर्चा संपन्न हुई। इस चर्चा में भारत और सऊदी के बीच बढ़ते सहयोग पर दोनों नेताओं ने संतोष जाहिर किया। साथ ही, यह सहयोग अधिक व्यापक करने पर प्रधानमंत्री मोदी और सऊदी के क्राऊन प्रिन्स का एकमत हुआ है। उसी के साथ, कोरोना की महामारी के विरोध में एक-दूसरे के साथ सहयोग करने की बात भी दोनों नेताओं ने इस चर्चा में मान्य की।

भारत और सऊदी के बीच सन २०१९ में द्विपक्षीय सामरिक साझेदारी विषयक आयोग (बायलॅटरल स्ट्रॅटेजिक पार्टनरशिप काऊन्सिल) की स्थापना की गई थी। दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और रक्षा विशेष सहयोग गतिमान करने के लिए स्थापन किए गए इस आयोग की प्रगति का जायजा प्रधानमंत्री मोदी और क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान ने लिया। साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी ने इस समय, भारतीय अर्थव्यवस्था गति पकड़ रही होते समय, सऊदी निवेशकों के सामने होने वाले नए अवसरों की जानकारी दी।

भारत और सऊदी के बीच व्यापार बढ़ रहा है। सन २०१८-१९ में २७ अरब डॉलर्स पर होनेवाला दोनों देशों के बीच का वार्षिक व्यापार सन २०१९-२० में ३४ अरब डॉलर्स तक पहुँचा है। आनेवाले समय में यह द्विपक्षीय व्यापार अधिक ही तेज हो जाएगा, ऐसे दावे किए जाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी और क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान ने दोनों देशों के बीच के बढ़ते सहयोग को लेकर संतोष जाहिर किया। साथ ही, कोरोना की महामारी के विरोध में दोनों देशों के बीच सहयोग को अधिक मात्रा में बढ़ाने की बात भी दोनों नेताओं ने मान्य की।

इसी के साथ, क्षेत्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय मुद्दों पर तथा दोनों देशों के बीच के संबंधों पर भी, भारत के प्रधानमंत्री की सऊदी के क्राउन प्रिन्स के साथ चर्चा हुई। दोनों देशों के बीच संबंध अधिक दृढ़ बनाने के लिए दोनों देशों के नागरिकों में संवाद बढ़ाने पर भी प्रधानमंत्री मोदी और क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान ने ज़ोर दिया। इस चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने, सऊदी के क्राऊन प्रिन्स को भारत दौरे का निमंत्रण दिया होने की जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक निवेदन के द्वारा दी।

इन दिनों खाड़ी क्षेत्र में बहुत बड़ी राजनीतिक उथल-पुथल शुरू है। सऊदी अरब और सऊदीसमर्थक मित्रदेश फिलहाल इस्रायल के साथ सहयोग दृढ़ कर रहे हैं। खासकर युएई जैसे देश ने इस्रायल के साथ संबंध बनाने को विशेष अहमियत दी होने की बात सामने आ रही है और उसके पीछे सऊदी अरब होने के दावे किए जाते हैं। उसी समय, यह सहयोग अपने विरोध में है, ऐसा ईरान का कहना है। वहीं, अमरीका का बायडेन प्रशासन भी, इस्रायल और सऊदी तथा खाड़ी क्षेत्र के अन्य देशों के सहयोग की ओर शक की निगाह से देखने के दावे किए जाते हैं।

ऐसी स्थिति में सऊदी के क्राऊन प्रिन्स की भारत के प्रधानमंत्री के साथ हुई चर्चा गौरतलब साबित होती है। भारत का सऊदी अरब के साथ सहयोग अधिक से अधिक दृढ़ बनता चला जा रहा होकर, भारत के लष्करप्रमुख ने कुछ महीने पहले सऊदी का दौरा किया था। इस दौरे के बाद दोनों देशों के संयुक्त लष्करी अभ्यास की घोषणा हुई थी। भारत और सऊदी की नौसेनाएँ भी अभ्यास करनेवालीं थीं, लेकिन कोरोना महामारी के कारण यह अभ्यास स्थगित करना पड़ा था। भारत का सऊदी अरब के साथ यह सहयोग पाकिस्तान के लिए घातक साबित होगा, इसी चिंता पाकिस्तान के विश्लेषक जता रहे हैं।

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