भारत के रक्षामंत्री की अमरिकी रक्षामंत्री के साथ चर्चा 

नई दिल्ली – चीन सीमा पर बने तनाव की पृष्ठभूमि पर भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने शुक्रवार को अमरीका तथा दक्षिण कोरिया के रक्षामंत्रियों के साथ चर्चा की। अमरीका और दक्षिण कोरिया ये दोनों, भारत को रक्षासामग्री की आपूर्ति करनेवाले शीर्ष देश के तौर पर जाने जाते हैं। भारत ने पिछले कुछ दिनों में चीन सीमा पर रक्षासिद्धता बढ़ाने पर ज़ोर दिया है। इस कारण इन दोनों देशों के साथ हुई चर्चा अहम साबित होती है।

भारत के रक्षामंत्री

पिछले महीने में गलवान वैली में हुए संघर्ष में भारतीय लष्कर ने चीन को ज़बरदस्त झटका दिया था। इस झटके के बाद भारत ने चीन के खिलाफ़ अपनी नीति अधिक आक्रमक की होकर, चीन सीमा पर रक्षातैनाती बढ़ाने पर ज़ोर दिया है। उसके लिए रक्षाक्षेत्र में प्रमुख साझेदार होनेवाले देशों के साथ भारत लगातार संपर्क में है। गलवान वैली के संघर्ष के बाद भारत ने अमरिका, रशिया, इस्रायल तथा फ्रान्स के साथ संवाद करके रक्षासामग्री की आपूर्ति तेज़ी से करने का आवाहन किया था। इन सब देशों ने भारत को सकारात्मक प्रतिसाद भी दिया था।

शुक्रवार को अमरीका तथा दक्षिण कोरिया के रक्षामंत्रियों के साथ हुई चर्चा यह इसी नीति का भाग माना जाता है। गलवान वैली के संघर्ष के बाद अमरीका के रक्षामंत्री मार्क एस्पर तथा भारतीय रक्षामंत्री के बीच यह दूसरी बार चर्चा हुई है। भारत-चीन संघर्ष में अमरीका ने खुलेआम भारत का समर्थन किया होकर, भारत ने की हुई कार्रवाई की प्रशंसा भी की है। अमरीका के विदेशमंत्री के साथ कई वरिष्ठ अधिकारी तथा नेताओं ने, चीनविरोधी संघर्ष के लिए अमरीका भारत को मज़बूत समर्थन देगा, ऐसा यक़ीन भी दिलाया है। शुक्रवार को दोनों देशों के रक्षामंत्रियों के बीच टेलिफोन से हुई बातचीत में भी यही मुद्दा रेखांकित हुआ होने की जानकारी संबंधित सूत्रों ने दी। भारत-अमरीका रक्षा सहयोग अधिक मज़बूत बनाने के बारे में भी चर्चा हुई, ऐसी जानकारी अधिकारियों ने साझा की।

भारत के रक्षामंत्री

इस चर्चा की पृष्ठभूमि पर ही, अमरिकी कंपनी बोईंग ने, भारत के साथ हुए समझौते के अनुसार ३७ लष्करी हेलिकॉप्टर्स भारतीय रक्षादलों को दिए होने की घोषणा की है। इन हेलिकॉप्टर्स में २२ ‘अपाचे अटॅक हेलिकॉप्टर्स’ और १५ ‘चिनुक हेलिकॉप्टर्स’ का समावेश है। सन २०१५ में इस संदर्भ में रक्षासमझौता हुआ था। उसके बाद भारत ने इस साल के फ़रवरी महीने में छ: अतिरिक्त ‘अपाचे अटॅक हेलिकॉप्टर्स’ के लिए नया समझौता किया होने की बात भी बताई जाती है। अमरीका ने सप्लाई किये ये सभी उन्नत हेलिकॉप्टर्स चीन सीमा की प्रत्यक्ष नियंत्रणरेखा पर तैनात किये गए हैं, ऐसी जानकारी रक्षादल के सूत्रों ने दी है।

इसी बीच, दक्षिण कोरिया के रक्षामंत्री ‘जेओंग क्येओंग-दू’ के साथ हुई चर्चा में रक्षामंत्री राजनाथ सिंग ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग तथा अन्य मुद्दों पर चर्चा की, ऐसी जानकारी अधिकारियों ने दी। भारत ने गत वर्ष दक्षिण कोरिया के साथ संयुक्त रूप में ‘लँड अँड नेव्हल सिस्टिम्स’ विकसित करने के संदर्भ में समझौता किया था। चीन के साथ बने तनाव की पृष्ठभूमि पर यह प्रक्रिया तेज़ हों, ऐसी उम्मीद भारत द्वारा जताई गई है।

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