भारत और अमरीका के विदेश मंत्रियों के बीच चर्चा

वॉशिंग्टन – भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ अमरीका के नए विदेश मंत्री ऍन्थनी ब्लिंकन ने फोन पर चर्चा की। इसकी जानकारी देते हुए अमरीका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राईस ने यह स्पष्ट किया कि अमरीका की विदेश नीति में भारत को असाधारण स्थान होगा। ‘जागतिक शक्ति के रूप में उदयित हो रहा और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सुरक्षा प्रदान करने वाला देश’ इन शब्दों में प्राईस ने भारत की सराहना की। उदयित हो रही जागतिक शक्ति, इन शब्दों में प्राईस ने भारत की प्रशंसा की है।

चर्चा

पिछले कुछ दिनों से बायडेन प्रशासन की विदेश नीति पर चर्चा शुरू हुई है। ट्रम्प के प्रशासन में बहुत ही अहम भूमिका निभाने वाले माईक पॉम्पिओ और निक्की हॅले ने बायडेन की विदेश नीति की आलोचना करने की शुरुआत की है। एक न्यूज़ चैनल को दिए इंटरव्यू में पूर्व विदेश मंत्री माईक पॉम्पिओ ने याद दिलाई कि ट्रम्प प्रशासन ने अमरीका के निकटतम सहयोगी देश होने वाले भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ घनिष्ठ सहयोग स्थापित किया था। लेकिन बायडेन का प्रशासन इस मोरचे पर उदासीन है और चीन की ओर रुझान दिखा रहा है, ऐसा दोषारोपण पॉम्पिओ ने किया था। उनकी आलोचना के परिणाम दिखने लगे हैं ।

अमरीका के विदेश मंत्री ब्लिंकन ने भारत के विदेश मंत्री के साथ फोन पर चर्चा की। इसमें द्विपक्षीय सहयोग के साथ ही, क्वाड तथा म्यानमार में चल रही गतिविधियों का समावेश था, ऐसी जानकारी अमरीका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राईस ने दी। इसी के साथ इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत और अमरीका के सहयोग पर भी जयशंकर और ब्लिंकन के बीच संवाद संपन्न हुआ, ऐसा प्राईस ने आगे कहा। कोरोना की महामारी और हवामानबदलाव के कारण पैदा हुईं चुनौतियों पर भी दोनों नेताओं में विचारविनिमय हुआ, ऐसा प्राईस ने बताया।

भारत और अमरीका की सामरिक साझेदारी बहुत ही व्यापक और बहुस्तरीय होने का दावा इस समय प्राईस ने किया। साथ ही, अमरीका भारत के साथ उच्च स्तर पर चर्चा करती रहेगी, ऐसा आश्वासन भी प्राईस ने दिया। पिछले महीने में भारत संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में सहभागी हुआ है, इसका ब्लिंकन ने स्वागत किया। भारत और अमरीका एक दूसरे के बड़े व्यापारी साझेदार हैं और सन २०१९ में दोनों देशों के बीच का व्यापार १४६ अरब डॉलर्स पर पहुंचा था, इसकी भी याद नेड प्राईस ने कराई।

लद्दाख की एलएसी पर भारत और चीन के बीच निर्माण हुआ तनाव चिंताजनक साबित होता है। खासकर चीन का अपने पड़ोसी देशों के साथ बर्ताव यह चिंता बढ़ानेवाला विषय है। भारत और चीन की सीमा पर विद्यमान परिस्थिति पर अमरीका नजर रखे है, ऐसा भी प्राईस ने कहा है।

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