बेरोजगारी और विकास दर की गिरावट से अरब जगत में असंतोष – अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष का इशारा

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वॉशिंगटन – बढती बेरोजगारी और विकास दर में लगातार हो रही गिरावट की वजह से अरब जगत में सामाजिक तनाव बढ रहा है और इन देशों में असंतोष की मात्रा भी काफी बढने लगी है, ऐसी चेतावनी अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने दी है| इराक, लेबनान, इजिप्ट, अल्जेरिया इन देशों में शुरू प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि पर मुद्राकोष ने दिया यह इसारा ध्यान आकर्षित कर रहा है| पिछले वर्ष खाडी क्षेत्र की समाचार चैनल ने आयोजित किए एक परिसंवाद में खाडी क्षेत्र के विश्‍लेषकों ने भी दुसरे ‘अरब स्प्रिंग’ की संभावना होने की चेतावनी दी थी|

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने हाल ही में प्रसिद्ध किए रपट में ‘मिडल ईस्ट एवं नॉर्थ अफ्रीका’ क्षेत्र की ‘एमईएनए-मेना’ अर्थव्यवस्था की पूरी जानकारी दर्ज की है| इसमें ईंधन में दिख रही अनिश्‍चितता, जागतिक व्यापार में बना तनाव, ब्रेक्जिट जैसे मुद्दों के साथ ही अरब देशों में बढ रहे असंतोष का भी जिक्र किया है| वर्ष २०१९ में अरब देशों का आर्थिक विकास दर मात्र ०.१ प्रतिशत होगा, यह दावा मुद्राकोष ने किया| पिछले वर्ष यही दर १.१ प्रतिशत था| रपट में सौदी अरब, संयुक्त अरब अमिरात और ईरान इन तीनों प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को काफी बडे झटके लगने की संभावना भी व्यक्त की गई है|  

‘मिडल ईस्ट और नॉर्थ अफ्रीका’ क्षेत्र के युवकों में बेरोजगारी का दर २५ से ३० प्रतिशत से भी अधिक है और इसे कम करना हो तो विकास दर कम से कम १ से २ प्रतिशत से बढाना जरूरी है, यह दावा मुद्राकोष के खाडी एवं सेंट्रल एशिया विभाग के संचालक जिहाद अझौर ने किया| पर, फिलहाल मेना रिजन का विकास दर बेरोजगारी से कम हो सकता है, ऐसे स्तर से निचे ही है और वहीं रहने की संभावना है, यह इशारा अझौर ने दिया| बेरोजगारी के बढते प्रमाण की वजह से अरब देशों में सामाजिक तनाव और भी बढने की चेतावनी भी मुद्राकोष ने दी है|

मुद्राकोष के संचालक अझौर ने लेबनान में शुरू प्रदर्शनों का जिक्र करते समय पिछले कुछ वर्ष से इस देश का आर्थिक विकास दर काफी कम होने की ओर ध्यान आकर्षित किया| देश का असंतुलन दूर करना है तो सरकार ने आर्थिक समस्याओं की ओर सही तरीके से ध्यान देने की जरूरत है, यह सलाह भी अझौर ने लेबनान को दी| मुद्राकोष ने अपने रपट में अरब देशों पर बने कर्ज के भार का भी एहसास कराया| लेबनान एवं सुदान जैसे देश में जीडीपी के १५० प्रतिशत से भी अधिक कर्ज का भार अर्थव्यवस्था पर बना है, यह बात मुद्राकोष के रपट में रेखांकित की गई है| 

ईरान की अर्थव्यवस्था मंदी में है और वर्ष २०१९ खतम होने तक इस देश की अर्थव्यवस्था नकारात्मक ९.५ प्रतिशत तक गिरेगी, यह दावा मुद्राकोष ने किया| पिछले वर्ष ईरान की?अर्थव्यवस्था में ४.८ प्रतिशत की गिरावट देखी गई है| ईरान के साथ ही खाडी क्षेत्र में सौदी अरब और सहयोगी अरब देशों की अर्थव्यवस्था को भी गिरावट का सामना करना होगा, यह इशारा अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने दिया है|

वर्ष २०११ में ट्युनिशिया इस उत्तर अफ्रीकी देश से ‘अरब स्प्रिंग’ की शुरूआत हुई थी| इस देश में चार दशकों से हुकूमत कर रही सेना का तख्ता असंतोष से शुरू हुए प्रदर्शनों में पलट गया था| इसके बाद ट्युनिशिया के पडोसी इजिप्ट में भी इन प्रदर्शनों का फैलाव हुआ और इजिप्ट के राष्ट्राध्यक्ष होस्नी मुबारक की हुकूमत भी खतम हुई थी| अगले दिनों में लीरिया, सीरिया, यमन इन देशों की सरकार को भी ‘अरब स्प्रिंग’ ने काफी बडे झटके दिए है|

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