पर्शियन खाड़ी में आपदा टली

बगदाद – पर्शियन खाड़ी में बारूदी सुरूंग लगाकर ऑईल टैंकर को उड़ाने की बड़ी साज़िश नाकाम की गई है। बीते दो दिनों की कोशिशों के बाद इराक की नौसेना ने यह सुरंग नाकाम करके टैंकर पर मौजूद कामगारों को सुरक्षित रिहा किया। इस घटना की वजह से खाड़ी क्षेत्र से ईंधन की आवाजाही करनेवाले टैंकरों की सुरक्षा को लेकर फिर से चिंता जताई जा रही है। इससे कुछ हफ्ते पहले से ही अमरीका और ईरान के बीच तनाव की वजह से इस क्षेत्र में लष्करी गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है।

persian-gulfइराक के तट से ५२ किलोमीटर दूरी पर अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में खड़े लाइबेरिया के ‘एमटी पोला’ ऑईल टैंकर के मुख्य हिस्सों पर ‘लिंपेट माईन’ यानी बारूदी सुरंग लगाए गए थे। इराक के ईंधन टैंकर से ‘एमटी पोला’ में ईंधन भरा जा रहा था तभी इस टैंकर के कर्मचारियों का इस बारूदी सुरूंग की ओर ध्यान गया। इन कर्मचारियों ने संबंधित खतरे से टैंकर के कप्तान को अवगत कराया। ईंधन टैंकर पर सुरूंग लगाए जाने से पर्शियन खाड़ी की सुरक्षा के लिए कुछ समय तक खतरा बना हुआ था।

समुद्री लहरों की वजह से इस टैंकर की गतिविधियां भी इस पर लगे सुरूंग का विस्फोट होने के लिए कारण बन सकती थी। इससे बड़ी आपदा हो सकती थी। साथ ही पर्शियन खाड़ी में बड़ी मात्रा में ईंधन का रिसाव भी हुआ होता। टैंकर पर बारूदी सुरूंग की जानकारी प्राप्त होते ही इराकी सेना ने शीघ्र ही हेलिकॉप्टर की सहायता से टैंकर पर मौजूद सभी कामगारों को सुरक्षित रिहा किया। इसके बाद शनिवार शाम के समय इराक की नौसेना ने यह सुरूंग नाकाम की।

persian-gulfईंधन टैंकर के बड़े हिस्से पर सुरूंग लगाना बड़ा कठिन काम समझा जाता है। नौसेना के ‘स्पेशल फोर्सेस’ ही ऐसी सुरूंगें लगाने की क्षमता रखते हैं, यह दावा अंतरराष्ट्रीय माध्यम कर रहे हैं। इस वजह से किसी देश के ‘स्पेशल फोर्सेस’ ने या खास प्रशिक्षण वाले आतंकियों ने ही ‘एमटी पोला’ टैंकर को सुरूंग लगाई होगी, ऐसी संभावना जताई जा रही है। अभी कोई भी आतंकी संगठन ने इस साज़िश का ज़िम्मा नहीं उठाया है।

बीते कुछ महीनों से पर्शियन खाड़ी और रेड़ सी क्षेत्र में ईंधन टैंकर्स पर हमले या इनका अपहरण होने की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। दिसंबर में रेड़ सी क्षेत्र में सौदी अरब के जेद्दाह बंदरगाह में एक ईंधन टैंकर पर आतंकी हमला हुआ था। इस हमले के लिए येमन में स्थित ईरान से जुड़े हौथी बागी ज़िम्मेदार होंगे, ऐसी आशंका जताई गई थी। तभी, इस हमले से पहले ईरान ने पर्शियन खाड़ी में एक ईंधन टैंकर का अपहरण किया था। बीते वर्ष संयुक्त अरब अमीराती (यूएई) के बंदराह में भी ईंधन टैंकर्स पर हमले होने की घटनाएं हुई थीं। इन हमलों के लिए ईरान ही ज़िम्मेदार होने का आरोप सौदी और यूएई ने किया था।

persian-gulfइसी दौरान, नवंबर में ईरान की राजधानी तेहरान में परमाणु वैज्ञानिक फखरीज़ादेह की हत्या हुई थी और इसके बाद आगबबुला हुए ईरान ने अमरीका और अमरीका का साथ दे रहे देशों को सबक सिखाने की धमकी दी थी। यह धमकी देने के साथ ही ईरान ने होर्मुज़ की खाड़ी में नौसेना की तैनाती बढ़ाई। ईरान की इस धमकी के बाद अमरीका ने पर्शियन खाड़ी में अपनी परमाणु पनडुब्बी और युद्धपोत रवाना किए हैं। साथ ही बीते डेढ़ महीनों में अमरीका ने इस क्षेत्र में कम से कम छह ‘बी-५२एच बॉम्बर्स’ भी तैनात किए हैं। मित्रदेशों की सुरक्षा के लिए ही यह तैनाती हेोने की बात अमरीका ने स्पष्ट की थी।

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