अफगानिस्तान में फिर एक बार अमरिकन मरिन्स की तैनाती

काबुल, दि. ३०: अफगानिस्तान में आतंकवादी हमलों का सत्र शुरू करने की तालिबान द्वारा दी गई धमकी को कुछ घंटें बीते नहीं कि अमरीका के ३०० मरिन्स अफगानिस्तान के हेल्मंड प्रांत में दाखिल हुए हैं| इसीके साथ, अफगानी सेना ने हेल्मंड की कमान अमरिकी मरिन्स को सौंप दी है और जल्द ही, तालिबान के खिलाफ़ विशेष मुहिम शुरू करने का ऐलान किया जायेगा| सन २०१४ में अमरीका ने की हुई सेनावापसी के बाद पहली बार अमरिकी मरिन्स अफगानिस्तान में वापस आये हैं|

अफगानिस्तान में आतंकवादी

अफगानिस्तान के हेल्मंड प्रांत की राजधानी ‘लश्कर गह’ के सेना अड्डे पर अमरिकी मरिन्स का जत्था दाखिल हुआ| पिछले कुछ सालों से ‘कैम्प शोराब’ में तैनात रही अफगानी सेना ने पूरी तरह से हेल्मंड प्रांत की ज़िम्मेदारी अमरिकी मरिन्स को सौंप दी है| इस समय अफगानिस्तान में अमरिकी और नाटो कमांड के प्रमुख जनरल जॉन निकोल्सन भी उपस्थित थे| अमरीका और अफगानी सरकार ने हालाँकि मरिन्स की तैनाती के मामले में अधिकृत जानकारी जारी नहीं की है, लेकिन आंतर्राष्ट्रीय अखबारों ने यह खबर दी है|

अमरिकी मरिन्स की यह तैनाती अचानक नहीं हुई है, इससे पहले ही इसके बारे में ऐलान हुआ है, ऐसा अमरिकी सेना वेबसाईट ने कहा है| लेकिन पिछले कुछ हफ्तों से, हेल्मंड प्रांत समेत अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ रहे आतंकवादी कारनामों की पृष्ठभूमि पर, अमरिकी मरिन्स की यह तैनाती महत्त्वपूर्ण मानी जाती है|

पिछले सालभर में तालिबान ने, हेल्मंड प्रांत के १४ में से १० ज़िलों पर कब्ज़ा किया है| इसीके साथ, महीने भर पहले तालिबानी आतंकवादियो ने हेल्मंड प्रांत के गव्हर्नर के घर पर किये हमले में संयुक्त अरब अमिरात के राजनैतिक अधिकारियों के साथ छह कर्मचारियों की जानें गयीं थीं| साथ ही, हेल्मंड प्रांत में नशीली खेती का उत्पादन बढ़ा है, उसकी तस्करी भी बड़े पैमाने पर शुरू होने की खबर प्रकाशित हुई थी|

इसके अलावा, तालिबान का प्रवक्ता झबिउल्लाह मुजाहिद ने तालिबान की नयी मुहिम के बारे में चेतावनी दी| नयी मुहिम में विदेशी सेना को लक्ष्य बनाने की धमकी दी गई थी| तालिबान ने घोषित की नयी मुहिम के पीछे, पिछले कुछ महिनों में आतंकवादी हमलों को मिली कामयाबी, यह कारण बताया जाता है| हफ्ते भर पहले ‘मजार-ए-शरीफ’ सेना अड्डों पर किया गया हमला और उससे पहले राजधानी काबुल में सेना अस्पताल में किये गये विस्फोट ये वारदात तालिबान के बढ़ते प्रभाव को अधोरेखांकित कर रहे हैं| इस पृष्ठभूमि पर, अमरीकी मरिन्स की हेल्मंड प्रांत की यह तैनाती महत्त्वपूर्ण मानी जाती है|

सन २०१४ में अमरीका के तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष बराक ओबामा ने अफगानिस्तान से पूरी तरह से सेनावापसी करने का ऐलान किया था| अफगानिस्तान में अमरीका का उद्देश्य साध्य हुआ है, ऐसा दावा करके ओबामा ने इस सेनावापसी का समर्थन किया था| ओबामा के इस भूमिका का दुनियाभर के नेताओं ने, साथ ही मीडिया ने भी स्वागत किया था| लेकिन दो साल बाद तालिबान ने अफगानिस्तान में फिर एक बार प्रभाव बढ़ाया है, ‘आयएस’के आतंकवादी भी सिर उठा रहे हैं| इसी वजह से अमरीका द्वारा अफगानिस्तान से सेनावापसी की जाने पर अब आलोचना शुरू हुई है|

पिछले हफ्ते में अमरिकी सेना ने, अफगानिस्तान में डेढ़ हजार सैनिक तैनात करने का ऐलान किया था| अमरीका के ‘फर्स्ट ब्रिगेड कॉम्बॅट टीम’ के इन सैनिकों को अफगानिस्तान में तैनात किया जायेगा, ऐसी जानकारी सेना के प्रवक्ता ने दी|

Leave a Reply

Your email address will not be published.