तालिबान की हुकूमत को स्वीकृति प्रदान करने से हुए इन्कार का ‘आयएस’ ने उठाया लाभ – तालिबान के विदेशमंत्री का अजीब दावा

काबुल – अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने तालिबान की हुकूमत को स्वीकृति प्रदान करने से इन्कार करने की वजह से ‘आयएस’ को लाभ हो रहा है, ऐसा अजीब दावा तालिबान के अस्थायी विदेशमंत्री अमीर खान मोत्ताकी ने किया। साथ ही ‘आयएस’ से अफ़गानिस्तान के लिए खतरा ना होने का बयान भी मोत्ताकी ने किया। लेकिन, अफ़गानिस्तान के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ने तालिबान को सच्चाई का अहसास कराया है। तालिबान की हुकूमत को अफ़गान ज़नता वैध करार देगी तभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृति प्राप्त होगी, इन शब्दों में पूर्व राष्ट्राध्यक्ष हमीद करज़ाई ने तालिबान को फटकार लगाई।

taliban-regime-is-1तालिबान ने काबुल की सत्ता हथियाने के बाद आतंकी ‘आयएस’ संगठन ने अफ़गानिस्तान में बड़ी तेज़ीसे सिर उठाया है। बीते दो हफ्तों में ‘आयएस’ ने अफ़गानिस्तान में शियापंथियों के दो प्रार्थना स्थानों पर आत्मघाती हमले करके १६० से अधिक लोगों की हत्या की है। इसके साथ ही अफ़गानिस्तान में शियापंथियों पर आगे भी हमले जारी रहेंगे, ऐसी धमकी ‘आयएस’ ने दी है।

ऐसी स्थिति में अफ़गानिस्तान को आतंकियों का केंद्र नहीं बनने देंगे, यह ऐलान करनेवाली तालिबान की आलोचना हो रही है। तुर्की की शीर्ष वृत्तसंस्था को दिए गए साक्षात्कार के दौरान तालिबान के अस्थायी विदेशमंत्री ने ‘आयएस’ से अफ़गानिस्तान की सुरक्षा के लिए किसी भी तरह का खतरा ना होने का बयान किया। लेकिन, साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय की तालिबान विरोधी नीति ‘आयएस’ के लिए सहायक साबित होने का आरोप भी मोत्ताकी ने लगाया।

taliban-regime-is-2अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने तालिबान की हुकूमत को स्वीकृति प्रदान करने से इन्कार करने की वजह से ‘आयएस’ के आतंकियों ने लाभ उठाया, ऐसा बयान भी मोत्ताकी ने किया। साथ ही अफ़गानिस्तान में ‘आयएस’ के हमलों से अधिक अंतरराष्ट्रीय समुदाय से प्राप्त हो रही आर्थिक सहायता बड़ी अहम होने की बात भी मोत्ताकी ने इस साक्षात्कार में कही। लेकिन, अफ़गानिस्तान के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ने तालिबान की हुकूमत की आलोचना की।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की स्वीकृति प्राप्त करने से पहले अफ़गानिस्तान में चुनाव करके तालिबान अफ़गान जनता की कानूनन स्वीकृति प्राप्त करे। यह मुमकिन हुआ, अफ़गानियों ने तालिबान का स्वीकार किया तो ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तालिबान को स्वीकृति प्राप्त होगी, यह बात पूर्व राष्ट्राध्यक्ष करज़ाई ने अमरिकी समाचार चैनल पर स्पष्ट की। अफ़गानिस्तान फिलहाल कठिन मोड़ पर है और अफ़गान जनता ने देश के और अपने भविष्य के लिए एकजुट होने का बयान करज़ाई ने किया।

साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तालिबान की वकालत कर रहे पाकिस्तान को करज़ाई ने आड़े हाथों लिया। अफ़गानिस्तान के कारोबार में हस्तक्षेप करके चरमपंथी विचारधारा और आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा पाकिस्तान अफ़गानिस्तान की राजनीति में दखलअंदाज़ी ना करें, इन शब्दों में पूर्व राष्ट्राध्यक्ष करज़ाई ने पाकिस्तान को तमाचा जड़ा।

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