आसियान की आयोजित बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लगाई चीन को फटकार – जैविक आतंकवाद एवं गैर ज़िम्मेदार गतिविधियों का मुद्दा भी उठाया

नई दिल्ली – विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने चीन की बेताल गतिविधियों की वजह से इस देश के साथ भारत के संबंधों में काफी कटुता निर्माण हुई है, ऐसी तीखी आलोचना की थी। इसके बाद भारतीय रक्षामंत्री ने सीधे नाम का ज़िक्र किए बगैर चीन को तीखे शब्दों में इशारा दिया है। आसियान की आयोजित बैठक को संबोधित करते समय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ‘जैविक आतंकवाद’ से बनते खतरों का ज़िक्र भी किया। चीन से फैली कोरोना की महामारी विश्‍वभर में कोहराम मचा रही है और ऐसे में भारतीय रक्षामंत्री का यह बयान ध्यान आकर्षित करता है। साथ ही नियमों से बाहर जाकर किया बर्ताव, परिवहन की स्वतंत्रता में हो रही बाधाएं एवं सायबर गुनाहगारी और आतंकवाद से ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र की सुरक्षा के लिए खतरा बन रहा है, यह बयान राजनाथ सिंह ने किया।

ASEAN-Rajnath-Singh-Chinaभारत ने ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र से संबंधित अपनाई नीति पर रशिया जैसे भारत के परंपरागत मित्रदेश ने सावधानी का इशारा दिया है। चीन के विरोध में पश्‍चिमी देश भारत का इस्तेमाल करेंगे, ऐसा इशारा रशियन विदेशमंत्री सर्जेई लावरोव ने भारत को दिया हैं। सीधे संदर्भ दिए बगैर भारत ऐसी आपत्तियों पर प्रत्युत्तर दे रहा है। विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने ऑस्ट्रेलियन ‘थिंक टैंक’ ने आयोजित किए एक ‘वर्च्युअल’ कार्यक्रम में बोलते समय भारत की भूमिका स्पष्ट शब्दों में रखी। गलवान वैली में चीन ने किए हमले में भारत के २० सैनिक शहीद हुए थे और इसके बाद भारत में चीन के खिलाफ गुस्से की लहर उठी है, इस स्थिति का अहसास भी जयशंकर ने कराया था। साथ ही चीन ने भारत की ‘एलएसी’ पर ५० हज़ार सैनिकों की तैनाती की है, यह याद भी भारतीय विदेशमंत्री ने दिलाई।

ऐसी स्थिति में दोनों देशों के संबंध पहले जैसे होने में कठिनाई हो रही है और इसके लिए चीन ही ज़िम्मेदार होने की चेतावनी विदेशमंत्री जयशंकर ने दी थी। तभी आसियान ने आयोजित की हुई रक्षामंत्रियों की बैठक को संबोधित करते समय भारत के रक्षामंत्री ने ऐसा बयान किया है कि, संयम दिखाए बगैर की हुई गतिविधियों की वजह से दो देशों के संबंध काफी हद तक बिगड़ते हैं। ‘एलएसी’ पर भारत के खिलाफ बेताल कार्रवाईयां कर रहे चीन को लक्ष्य करने की मंशा से ही यह चेतावनी होने की बात स्पष्ट तौर पर दिख रही है। इसके अलावा इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र के लिए ‘जैविक आतंकवाद’ का बड़ा खतरा होने का ज़िक्र करके रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को बेचैन कर छोड़ा है। कोरोना की महामारी विश्‍वभर में कोहराम मचा रही है और तभी यह महामारी यानी चीन के ‘जैविक युद्ध’ का हिस्सा होने का आरोप हो रहा है।

इस पृष्ठभूमि पर भारत के रक्षामंत्री ने ‘जैविक आतंकवाद’ का किया ज़िक्र करना अहमियत रखता है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय नियमों पर आधारित व्यवस्था, परिवहन की आज़ादी का भारत पुरस्कर्ता होने की बात कहकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अप्रत्यक्ष रूप से चीन को फटकार लगाई। प्राचीन समय से ही भारत ‘वसुधैव कुटुंबकम्‌’ यानी संपूर्ण विश्‍व ही अपना परिवार समझता रहा है। इस पर भारत की यही भूमिका रही है, इस बात का दाखिला देकर रक्षामंत्री ने भारत और चीन की नीतियों में फर्क दिखाया। इसी बीच, आसियान के सदस्य १० देशों के अलावा इस परिषद में चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, न्युज़ीलैण्ड, रशिया और अमरीकी रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि भी इस ‘वर्चुअल’ बैठक में शामिल थे।

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