तेजस की दूसरी परियोजना का रक्षा मंत्री के हाथों’ उद्घाटन

बंगळुरू – ‘तेजस’ लड़ाकू विमानों के निर्माण की गति दुगनी करने के लिए ‘हिंदुस्तान एरोनॉटिकल लिमिटेड’ (एचएएल) ने शुरू की दूसरी परियोजना का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंग के हाथों उद्घाटन संपन्न हुआ। इस परियोजना के कारण ‘एचएएल’ द्वारा प्रतिवर्ष १६ तेजस का निर्माण संभव होगा। इसका स्वागत करके रक्षा मंत्री राजनाथ सिंग ने यह विश्वास व्यक्त किया है कि आने वाले समय में अन्य देश भी ‘तेजस’ की मांग करेंगे। उसी समय रक्षा मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि आने वाले कुछ सालों में, रक्षा क्षेत्र के उत्पादन के लिए लगभग १.७५ लाख करोड़ रुपयों की निवेश का लक्ष्य सरकार के सामने है।

तेजस

१३ जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल के सुरक्षाविषयक मंत्रीगुट ने लगभग ८३ ‘तेजस’ विमानों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी । यह ४८ हजार करोड़ रुपयों का व्यवहार यानी रक्षा के क्षेत्र में देशांतर्गत स्तर पर हुआ सबसे बड़ा व्यवहार साबित होता है, ऐसा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंग ने कहा । इस पृष्ठभूमि पर, तेजस की निर्माण के लिए एक और परियोजना की स्थापना की गई है। बंगळुरू में ३५ एकर जमीन पर बनाई गई परियोजना में तेजस का निर्माण किया जाएगा। इससे साल भर में वायुसेना को १६ तेजस की सप्लाई करना एचएएल के लिए संभव होगा।

इससे पहले वायु सेना ने एचएएल को ४० तेजस का आर्डर दिया होकर उनमें से कुछ विमान वायुसेना के बेड़े में आ चुके हैं। अब ८३ विमानों के नये आर्डर के अनुसार सन २०२४ से तेजस की सप्लाई शुरू होगी। ५ सालों में यह मांग पूरी की जाएगी। लेकिन हमने ३ साल में ही इस आर्डर को पूरा करने का लक्ष्य सामने रखा है, ऐसा विश्वास एचएएल के अध्यक्ष आर. माधवन ने जाहिर किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंग ने भी, एचएएल समय से पहले ही यह आर्डर पूरा करेगा, ऐसा कहा है।

रक्षा के मोर्चे पर भारत दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रह सकता। आत्मनिर्भर भारत अभियान के अनुसार, देश अपनी रक्षा विषयक क्षमता में अधिक से अधिक वृद्धि करता चला जा रहा है। इस मोर्चे पर एचएएल ने बहुत बड़ा योगदान दिया है, ऐसा बताकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंग ने एचएएल की सराहना की। उसी समय, वायु सेना से एचएएल को मिला ४८ हजार करोड रुपए का कॉन्ट्रैक्ट, यह भारत के हवाई क्षेत्र को बहुत बड़ी ताकत देने वाली ऐतिहासिक घटना होने का दावा राजनाथ सिंग ने किया।

तेजस केवल देसी बनावट का विमान नहीं है, बल्कि अपने विदेशी स्पर्धक विमानों की तुलना में तेजस कई मोर्चों पर सरस और वाजिब दामों में तैयार होने वाला विमान है। इस कारण कई देशों ने तेजस को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है, ऐसी जानकारी राजनाथ सिंग ने दी। अगले २ सालों में अन्य देशों से भी तेजस की मांग की जाएगी, ऐसा विश्वास भी रक्षा मंत्री ने इस समय जाहिर किया।

कोरोना की महामारी के दौर में देश के सामने खड़े संकट का रूपांतरण अवसर में किया गया है। इस दौर में अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाएँ बुरी स्थिति में फंस गई हैं, ऐसे में भारतीय अर्थव्यवस्था ११.५ प्रतिशत इतनी विकासदर से प्रगती करेगी, ऐसा आन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है, इसकी याद राजनाथ सिंग ने कराई। एचएएल ने भी कोरोना की महामारी का अपनी कार्यक्षमता पर असर नहीं होने दिया, यह बहुत बड़ी बात है, इन शब्दों में रक्षा मंत्री ने एचएएल की प्रशंसा की।

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