भारत-चीन तनाव की पृष्ठभूमि पर रक्षामंत्री ने बुलाई उच्चस्तरीय बैठक

नई दिल्ली – भारत-चीन तनाव की पृष्ठभूमि पर शनिवार के दिन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल, रक्षादलप्रमुख बिपिन रावत, सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, नौसेनाप्रमुख ऐडमिरल करमबिर सिंह, वायुसेनाप्रमुख एअर चीफ मार्शल आर.के.एस.भदौरिया की अहम बैठक हुई। इस दौरान लद्दाख की सुरक्षा का जाएज़ा लिया गया। साथ ही लद्दाख में चीन की सेना की वापसी के मुद्दे पर भी चर्चा होने की जानकारी सामने आ रही है।

India-defenceलद्दाख की प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा से सेना की वापसी करने के मुद्दे पर भारत और चीन के लष्करी अधिकारियों की चर्चा किसी भी पुख्ता निर्णय के बिना खत्म हुई है। साथ ही लद्दाख की सीमा पर तैनात सैनिकों की तैनाती का मुद्दा भी दिन प्रति दिन अधिक गंभीर हो रहा है। चीन की सेना पीछे हटने के लिए तैयार हुई है, फिर भी इस देश पर भरोसा नहीं कर सकते। इसी कारण रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में इस उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन हुआ।

इस दौरान लद्दाख की सुरक्षा का जाएज़ा लिया गया। साथ ही भारत-चीन सेना की वापसी के मुद्दे पर भी इस दौरान चर्चा हुई। तभी, उत्तराखंड़, हिमाचल प्रदेश, सिक्कीम, अरुणाचल प्रदेश की सीमा के करीब चीन की लष्करी गतिविधियों की पृष्ठभूमि पर भी इस बैठक की ओर देखा जा रहा है। इस बैठक का पूरा ब्यौरा अभी सामने नहीं आया है। दो दिन पहले ही भारत के विदेश मंत्रालय ने लद्दाख की प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा से सेना की वापसी करने के मुद्दे पर सहमति होने का बयान किया था। इसके बाद हुई यह बैठक ध्यान आकर्षित कर रही है। साथ ही राजधानी दिल्ली में सेना के कमांडर्स की भी बैठक हुई। इस दौरान चीन और पाकिस्तान की सीमा की सुरक्षा और युद्ध की तैयारी का भी जाएज़ा लिया गया।

India-defenceदगाबाज़ चीन ने लद्दाख के गलवान वैली में २० भारतीय सैनिकों की हत्या करने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा था। इसके बाद चीन ने लद्दाख की सेना तैनाती बढ़ाकर इस क्षेत्र में पैर जमाए थे। भारत ने भी अपनी सेना की मौजूदगी बड़ी मात्रा में बढ़ाकर लड़ाकू विमान और टैंक की तैनाती भी की थी। यहां की सेना तैनाती हटाने के मुद्दे पर दोनों देशों के लष्करी अधिकारियों की पांच बार बैठक हुई। लेकिन, पांचो बार यह चर्चा नाकाम साबित हुई। ऐसे में दो दिन पहले ही भारत और चीन के लष्करी अधिकारियों की बैठक हुई। इसके बाद सेना की वापसी को लेकर दोनों देशों की सहमति होने की जानकारी भारत के विदेश मंत्रालय ने साझा की थी। इस पृष्ठभूमि पर रक्षा मंत्रालय और रक्षाबलों के अधिकारियों की बैठक हुई है।

इसी बीच, यह बैठक हो रही थी तभी चीन ने कैलास-मानसरोवर के इलाके में अपनी गतिविधियां बढ़ाने की जानकारी सामने आयी है। चीन ने कैलास-मानसरोवर के इलाके में जमीन से हवा में हमला करनेवाले मिसाइल्स तैनात किए हैं। साथ ही इस इलाके के में चीन ने सैनिकों का जमावड़ा भी किया है। सैटेलाईट से प्राप्त फोटो से यह तैनाती सामने आयी है। कुछ दिन पहले चीन ने भारत-नेपाल सीमा पर स्थित लिपुलेख के करीब सेना तैनाती बढ़ाना शुरू किया था।

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