चीन को शिकस्त देना ही अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा का उद्देश्‍य रहेगा – ‘सीआयए’ के प्रमुख विल्यम बर्न्स

वॉशिंग्टन – आनेवाले कुछ दशकों में चीन को शिकस्त देना ही अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रमुख उद्देश्‍य रहेगा, यह बयान अमरिकी गुप्तचर यंत्रणा ‘सीआयए’ के प्रमुख विल्यम बर्न्स ने किया है। बर्न्स की अमरिकी सिनेट के सामने सुनवाई हो रही है और इस दौरान उन्होंने शी जिनपिंग के नेतृत्व का चीन ही अमरीका का प्रतिद्वंद्वि एवं २१वीं सदी का प्रमुख खतरा होने का इशारा दिया। बायडेन प्रशासन की चीन विरोधी नीति के संकेत बर्न्स दे रहे हैं तभी अमरिकी संसद में भी चीन को लक्ष्य करने के लिए दो नए विधेयक पेश हुए हैं।

‘शी जिनपिंग का चीन कई क्षेत्रों में अमरीका के प्रमुख बैरी के तौर पर सामने आ रहा है। चीन द्वारा अन्य देशों की बौद्धिक संपत्ति की चोरी करने के लिए क्षमता विकसित की जा रही है। अपने पड़ोसी देशों पर धौंस जमा रहा चीन देश के नागरिकों का भी दमन कर रहा है। चीन ने अमरिकी समाज में प्रभाव बढ़ाने की कोशिश जारी रखी है और विश्व स्तर पर भी तेज़ गतिविधियाँ शुरू की हैं’, इन शब्दों में बर्न्स ने चीन के बढ़ते खतरे को लेकर इशारा दिया। चीन की इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए ‘सीआयए’ को अधिक बारिकी से ध्यान देकर चीन से संबंधित विशेषज्ञों की क्षमता भी बढ़ानी होगी, यह बयान भी ‘सीआयए’ के प्रमुख ने किया है।

बर्न्स सिनेट की समिती के सामने चीन से संबंधित भूमिका पेश कर रहे थे तभी अमरिकी सिनेट में चीन को रोकने के लिए नए विधेयक पेश किए गए। सिनेट के रिपब्लिकन नेताओं ने ‘काउंटरिंग चायनीज प्रपोगंडा ऐक्ट’ विधेयक पेश किया है और इसमें चीन के माध्यमों पर प्रतिबंध लगाने के प्रावधान का समावेश है। वहीं दूसरे विधेयक में चीन की सेन्सरशिप और उससे संबंधित नीति के खिलाफ बायडेन प्रशासन ने स्वतंत्र ‘टास्क फोर्स’ गठन करें, यह माँग की गई है।

‘सीआयए’ के प्रमुख और अमरीका की संसद इससे पूर्व राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने चीन के खिलाफ अपनाई नीति कायम रखने के संकेत दे रही हैं, फिर भी असल में राष्ट्राध्यक्ष बायडेन से पुख्ता कार्रवाई होने की संभावना ना होने की बात समझी जा रही है। बायडेन के कार्यकाल में चीन बेकाबू होगा, ऐसा इशारा भी कुछ अमरिकी नेताओं ने दिया है।

बायडेन की सरकार बन रही थी तभी चीन ने म्यांमार में लष्करी विद्रोह करवाया। तैवान की हवाई सीमा में चीन की घुसपैठ बढ़ रही है और ईस्ट चायना सी क्षेत्र में जापान को चुनौती देने के लिए चीन ने गतिविधियाँ शुरू की हैं। इस वजह से बायडेन प्रशासन चीन को लेकर नरम नीति अपना रहा है, अमरीका में ऐसी आलोचना की शुरूआत हुई है। बायडेन चीन के खिलाफ कुछ भी नहीं करेंगे, इस बात से आश्‍वस्त होने के कारण ही चीन यह सबकुछ कर रहा है, ऐसे आरोप भी होने लगे हैं।

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