जम्मू-कश्मीर की यंत्रणाओं का अलगाववादियों की मुश्कें कसनेवाला फैसला

नई दिल्ली – जम्मू और कश्मीर में पथराव करके उपद्रव मचानेवालों को इसके बाद सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी। साथ ही, विदेश प्रवास के लिए आवश्यक अनुमति भी पथराव करनेवालों को नहीं दी जाएगी। जम्मू और कश्मीर के प्रशासन ने ये सख्त नियम बनाने की तैयारी की होकर, इससे अलगाववादियों का साथ देनेवालों के पैरों तले की जमीन खिसक गई है। पाकिस्तान के इशारे पर काम करनेवाले अलगाववादियों को नकेल डालना इससे अधिक आसान होगा। इसकी सूचना संबंधित विभागों को मिली होने के दावे किए जाते हैं।

पिछले कुछ सालों से सुरक्षाबलों ने जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों के विरोध में आक्रामक कार्रवाई शुरू की थी। लेकिन आतंकवादियों के साथ सुरक्षा बलों के जवानों की मुठभेड़ जारी रहते समय, कुछ गिने-चुने अलगाववादी पथराव करके आतंकवादियों की सहायता कर रहे थे। ऐसी घटनाएँ बार-बार होने लगने के बाद, भारतीय लष्कर ने इसके विरोध में चेतावनी दी थी। पथराव करके चुनौती देनेवालों पर बहुत ही संयमपूर्वक कार्रवाई की जा रही है, लेकिन हमारे संयम को भी मर्यादा है, ऐसा लष्करी अधिकारी बार-बार बता रहे थे। फिर भी पथराव की ये घटनाएँ कम नहीं हुईं थीं।

साथ ही, सुरक्षा बल और स्थानीय प्रशासन के विरोध में दंगे भड़काकर पथराव करने के वाकये पाकिस्तान के उकसावे से होते हैं, यह बात सामने आई थी। पथराव करनेवालों को इसके लिए बड़ी रकम दी जाती है, यह बात भी स्पष्ट हुई थी। जम्मू-कश्मीर के सरकारी विभाग में नौकरी पाने के लिए कोशिशें करनेवाले कुछ युवा, केवल पैसे मिलते हैं इसके लिए पथराव करने सड़कों पर उतरने के कुछ उदाहरण सामने आए थे। ऐसे युवाओं का सहानुभूतिपूर्वक विचार करके, उनके विरोध में लगाये अपराध खारिज करने की उदारता तत्कालीन जम्मू कश्मीर की सरकार ने दिखाई थी।

लेकिन आनेवाले समय में जम्मू और कश्मीर में उपद्रव मचाने के लिए पथराव का खतरा संभव है। साथ ही, पथराव करनेवालों पर अगर कार्रवाई की गई, तो भारत के सुरक्षा बलों द्वारा कश्मीरी जनता पर अत्याचार यह जाते हैं, ऐसे झूठे आरोप करने की सारी तैयारी पाकिस्तान ने की है। साथ ही, भारत द्वारा दुखाए गए मानवाधिकार संगठन भी पाकिस्तान के प्रचार तंत्र का साथ देने की गहरी संभावना है। लेकिन वैसी परिस्थिति ही उद्भवित ना हों, इसके लिए आवश्यक एहतियात बरते जा रहे हैं।

पथराव तथा देशविरोधी कारनामे करने के खिलाफ डिजिटल सबूत इकट्ठा करें और ऐसे लोगों को किसी भी बात के लिए ‘सिक्युरिटी क्लिअरन्स’ ना दें, ऐसी सूचना जम्मू और कश्मीर के अपराध अन्वेषण विभाग ने की है।

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