दिसंबर का ‘जीएसटी’ संकलन रिकॉर्ड स्तर पर

नई दिल्ली – कोरोना के संकट की वजह से लॉकडाउन के बाद बिगड़ा आर्थिक चक्र ठीक होकर दुबारा पहले के स्त रपर जाने की बात दिसंबर में हुए ‘जीएसटी’ संकलन से रेखांकित हो रही है। दिसंबर में सरकार ने १.१५ लाख करोड़ रुपये ‘जीएसटी’ का संकलन किया है। लगातार तीसरे महीने में सरकार ने ‘जीएसटी’ के ज़रिये १ लाख करोड़ रुपयों से अधिक महसूल प्राप्त किया है। अर्थव्यवस्था तेज़ी से पटरी पर आने से ही यह रिकॉर्ड स्तर का ‘जीएसटी’ संकलन संभव हुआ, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है।

dec-gstवर्ष २०१९ के दिसंबर की तुलना में दिसंबर २०२० में हुए ‘जीएसटी’ संकलन की राशि में १२ प्रतिशत बढ़ोतरी देखी गई है। बीते आर्थिक वर्ष के दिसंबर महीने में ‘जीएसटी’ से १.०३ लाख करोड़ रुपये महसूल प्राप्ति हुई थी। ऐसे में दिसंबर २०२० में सरकार को ‘जीएसटी’ से १ लाख १५ हज़ार १७४ करोड़ रुपये महसूल प्राप्त हुआ है। यह जीएसटी के माध्यम से एक महीने में प्राप्त हुआ अब तक का रिकॉर्ड स्तर का महसूल है। इससे पहले अप्रैल २०१९ में सरकार को १,१३,८८६ करोड़ रुपयो का महसूल ‘जीएसटी’ से प्राप्त हुआ था। ऐसे में दिसंबर २०२० में हुए ‘जीएसटी’ संकलन में देखी गई बढ़ोतरी बीते २१ महीनों की सबसे अधिक बढ़ोतरी भी साबित हुई है। नवंबर में कुल १ लाख ४ हज़ार ९६३ करोड़ रुपयों जीएसटी संकलन हुआ था।

‘जीएसटी’ के महसूल में हुई बढ़ोतरी अर्थव्यवस्था पटरी पर आने की बात दिखाती है। कोरोना के दौर में बंद पड़े आर्थिक कारोबार, व्यापार दुबारा शुरू होने की बात इससे स्पष्ट हो रही है, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है। साथ ही ‘जीएसटी’ की चोरी करनेवालों के खिलाफ की गई कार्रवाई, जीएसटी व्यवस्था में किए गए सुधार भी इसका महसूल बढ़ाने के कारण बने हैं।

दिसंबर में संकलन किए गए ‘जीएसटी’ की राशि से २७,८०४ करोड़ रुपये राज्यों का यानी ‘एसजीएसटी’ का हिस्सा है। साथ ही २१,३६५ करोड़ रुपये केंद्र के ‘सीजीएसटी’ का हिस्सा है। इसके अलावा ६७,४२६ करोड़ रुपयों का महसूल ‘आईजीएसटी’ का हिस्सा है।

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