कर्ज में डूबा पाकिस्तान कर्मचारियों का वेतन रोकें – अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की माँग

इस्लामाबाद – आंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष से और पंधरा अरब डॉलर्स कर्ज की माँग कर रहे पाकिस्तान को आंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष ने क़रारा तमाचा लगाया है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के अनुपात में कर्ज की मात्रा ९० प्रतिशत तक जा पहुँची है और आर्थिक संकट से बचने के लिए पाकिस्तान अपने कर्मचारियों का वेतन रोक दें, ऐसी कड़ी सलाह मुद्राकोष ने प्रदान की है। साथ ही, जून महीने में पेश हो रहे अपने अर्थसंकल्प में, पाकिस्तान १८० अरब रुपयों के खर्च की कटौती करने का लक्ष्य रखें, यह माँग भी मुद्राकोष ने की है। पाकिस्तान ने यदि यह माँग ठुकराई, तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और भी बड़ी गिरावट का सामना करेगी, यह चित्र स्पष्ट हो रहा है।

पाकिस्तान, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष

कोरोना वायरस की महामारी फैलने के बाद, इस महामारी से अपनी जनता का बचाव करने के लिए पाकिस्तान ने आंतर्राष्ट्रीय वित्तसंस्था एवं विश्‍व के अन्य प्रमुख देशों के सामने सहायता के लिए हाथ फैलाए थे। इसके बाद प्राप्त हुई निधि का इस्तेमाल, पाकिस्तान की सरकार ने कोरोना की महामारी रोकने के लिए न करते हुए, कर्ज का भुगतान और बिजली का बिल चुकाने के लिए किया था, यह भी अब स्पष्ट हुआ है। इससे यह स्पष्ट हो चुका है कि कोरोना वायरस की महामारी का इस्तेमाल पाकिस्तान अपनी आर्थिक जिम्मेदारियों से दूर भागने के लिए कर रहा है, यह भी स्पष्ट हो चुका है। पाकिस्तान की सरकार, खर्च में कटौती करने के बजाय अनावश्‍यक ऐसे अनुत्पादक कामों पर खर्च कर रही है, इसकी गंभीर दखल आंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष ने ली है।

देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से डूबने की कगार पर होते हुए भी, पाकिस्तानी सेना ने सरकार के पास, वेतन में २० प्रतिशत बढ़ोतरी करने की माँग रखी है। उसी समय, पाकिस्तान की सरकार ने अपने प्रचारकार्य के लिए करोड़ों रुपयों का खर्च किया होने की बात भी स्पष्ट हुई थी। ऐसी आर्थिक विशेषताओं के कारण, पाकिस्तान पर बनें कर्ज की मात्रा अर्थव्यवस्था के ९० प्रतिशत तक जा पहुँची है और अब खर्च में कटौती करने के सिवा पाकिस्तान के पास और कोई चारा नहीं है, ऐसी तीख़ी बात मुद्राकोष ने पाकिस्तान को सुनाई है।

पाकिस्तान, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष

जून महीने में पाकिस्तान का अर्थसंकल्प पेश किया जाएगा और इस अर्थसंकल्प में पाकिस्तान की सरकार अपने खर्च में १८० अरब रुपयों की कटौती करने का निर्णय करें, यह चेतावनी मुद्राकोष ने दी है। इतना ही नहीं, बल्कि मुद्राकोष ने पाकिस्तान को लष्करी खर्च में कटौती करने की कड़ी सूचना भी की है। पाकिस्तान की सरकार को इसके आगे गैस और बिजली के दर में बड़ी बढ़ोतरी करनी होगी, यह मुद्राकोष ने की हुई सूचना पाकिस्तान की सरकार के लिए कँपकँपी पैदा करनेवाली साबित होगी, ऐसा कहा जा रहा है। इस अर्थसंकल्प में ऐसा प्रावधान करना संभव नहीं होगा, दिसंबर महीने में हम यह निर्णय करेंगे, ऐसी बिनती पाकिस्तान की सरकार ने मुद्राकोष के सामने की है।

मुद्राकोष के सूचनाओं का पालन करने पर पाकिस्तान में महँगाई का विस्फोट होगा और उससे, पहले ही अप्रिय बनी प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार के विरोध में असंतोष और भी भड़क उठेगा, ऐसे आसार दिखाई दे रहें हैं। लेकिन, मुद्राकोष की सूचनाओं का पालन नहीं किया, तो देश चलाने के लिए इम्रान खान को और कर्ज प्राप्त होने की संभावना नहीं हैं। इसी बीच, कोरोना वायरस की महामारी पाकिस्तान में कोहराम मचा रही हैं। इस कारण, इम्रान खान की सरकार अधिक समय तक टिक नहीं सकेगी, यह चर्चा शुरू हुई है। जब इम्रान खान विपक्ष के नेता थे, तब उन्होंने – ‘हम प्रधानमंत्री होने के बाद मुद्राकोष के सामने हात नहीं फैलाएंगे। यह करने के बजाय मरना स्वीकार करेंगे’ ऐसा अभिमानी रूख़ प्रदर्शित किया था। उसका क्या हुआ, यह सवाल अब इम्रान खान के आलोचक और समर्थक करने लगे हैं।

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