‘डार्कनेट’ की चुनौती – ‘नार्कोटिक्स कन्ट्रोल ब्युरो’ की क्षमता बढ़ाने के लिए सरकार की गतिविधियां शुरू

नई दिल्ली – देश में नशीले पदार्थों की तस्करी और बिक्री बढ़ाने के लिए हो रहा ‘डार्कनेट’ का इस्तेमाल देखकर केंद्रीय जाँच एजन्सी ‘नार्कोटिक्स कन्ट्रोल ब्युरो’ (एनसीबी) में बड़े बदलाव करने की योजना केंद्र सरकार ने बनाई है। ‘एनसीबी’ के सायबर और गुप्तचर विभाग में नए पद निर्माण किए जाएंगे। साथ ही अदालती मामलों को संभालने के लिए अलग विभाग तैयार करने का विचार भी केंद्र सरकार कर रही है। इसके लिए ‘एनसीपी’ में कुल ३,६८९ नए पद निर्माण करने की दिशा में काम हो रहा है। इस वजह से यह केंद्रीय जाँच एजन्सी अधिक प्रभावी तरीके से काम कर पाएगी, ऐसा दावा किया जा रहा है।

नशीले पदार्थों के कारोबार पर रोक लगाने के लिए काम कर रही ‘एनसीबी’ में बड़े सुधार करने की तैयारी केंद्र सरकार द्वारा किए जाने की बात कही जा रही है। संसद की स्थायी समिती ने भी इन सुधारों की सिफारिश की है। संसदीय स्थायी समिती के संबंधित रपट में नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए ‘डार्कनेट’ का इस्तेमाल बढ़ने की बात पर ध्यान आकर्षित किया गया है। इस माध्यम से नशीले पदार्थ बेचनेवालों तथा खरीदनेवालों की जानकारी सामने आने में कठिनाई होने से तस्कर इस माध्यम का बड़ी मात्रा में इस्तेमाल करने लगे हैं। ‘डार्कनेट’ के लिए इस्तेमाल हो रहे ‘ओनियन राउटर’, क्रिप्टोकरन्सी और प्रिटी गुड प्रायवसी एन्क्रिप्शन (पीजीपी) जैसे साधनों के कारण इससे संबंधित अपराधिक मामलों के तह तक पहुँचना बड़ी चुनौती साबित हो रही है।

इस वजह से ‘एनसीबी’ में ऐसी चुनौतियों का मुकाबला करने में सक्षम विशेषज्ञों की आवश्‍यकता निर्माण हुई है। साथ ही ‘एनसीबी’ को अपनी क्षमता का विस्तार करना भी आवश्‍यक हुआ है। इसके लिए ‘एनसीबी’ का विस्तार करना ही पड़ेगा, ऐसी सिफारिश संसदीय समिती ने की है। मौजूदा क्षमता के साथ भी ‘एनसीबी’ ने इन नई चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया है। कुछ महीने पहले ‘डार्कनेट’ के माध्यम से चलाया जा रहा एक रैकेट ‘एनसीबी’ ने ध्वस्त किया था। ‘डार्कनेट’ के ज़रिये नशीले पदार्थों की बिक्री के मामले में फ़रवरी महीने में एक की गिरफ्तारी की गई थी। यह गिरफ्तारी भारत में ‘डार्कनेट’ के माध्यम से नशीले पदार्थों की तस्करी करनेवालों के खिलाफ की गई पहली कार्रवाई थी। इस मामले से संबंधित एक अंतरराष्ट्रीय ‘रैकेट’ का भी पता चला था। इस माध्यम से अमरीका, यूरोपिय देशों में प्रतिबंधित ‘सायकोट्रॉपिक पिल्स’ पहुँचाई गई थीं। इसके अलावा, गुनाहगार के ठिकाने से १२ हज़ार पिल्स भी बरामद की गई थीं।

इस पृष्ठभूमि पर ‘एनसीबी’ के विस्तार और सुधार के लिए सरकार काम कर रही है। ‘एनसीबी’ में लगभग ३,६८९ नए पद निर्माण किए जा रहे हैं। अलग अलग वर्ग के पदों का निर्माण किया जाएगा। फिलहाल ‘एनसीबी’ में १,१०७ अधिकारी एवं कर्मचारी अलग अलग पदों पर कार्यरत हैं। यह संख्या बढ़ाकर ४,७५१ करने की योजना है। इसके अलावा ‘एनसीबी’ चार नए प्रादेशिक दफ्तर भी खोल रही है। इसके साथ ही प्रादेशिक कार्यालयों की संख्या तीन से बढकर सात होगी, ऐसा वृत्त है।

इसके अलावा, १७ नए मंड़ल कार्यालय शुरू किए जाएंगे और मौजूदा कार्यरत १२ उप-विभागीय दफ्तर भी मंड़ल कार्यालय में तब्दील करने की योजना है। इस वजह से ‘एनसीबी’ के मंड़ल कार्यालयों की संख्या १३ से बढकर ४२ हो जाएगी।

‘एनसीबी’ के लिए सायबर टेक्निकल विभाग गठित किया जाएगा। नई प्रगत तकनीक भी इस एजन्सी को प्रदान की जाएगी। साथ ही कानूनी मशवरा और अदालती मामले संभालने के लिए स्वतंत्र विभाग गठित किया जाएगा। ‘एनसीबी’ में होनेवाले इन सुधारों के बाद इस एजन्सी की जाँच करने की एवं खुफिया जानकारी प्राप्त करने की क्षमता बढ़ेगी। साथ ही ‘एनसीबी’ अधिक व्यावसायिक पद्धती से और अधिक प्रभावी तरीके से काम कर सकेगी, ऐसा दावा किया जा रहा है।

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