देश की प्रगति में रोड़ा डालने के लिए साइबर हमलों का इस्तेमाल होगा – ‘एनसीसीसी’ के प्रमुख की चेतावनी

जयपूर – ‘पिछले वर्ष में साइबर अपराधों के कारण लगभग छः लाख करोड़ डॉलर्स का नुकसान दुनिया को सहना पड़ा था। यदि दूसरा देश भारत की प्रगति में रोड़ा डालना चाहता है, तो भारत के साइबर क्षेत्र में दखलअंदाजी करने का विकल्प उस देश के सामने हो सकता है’, ऐसे चुनिंदा शब्दों में ‘नॅशनल सायबर कोऑर्डिनेशन सेंटर’ (एनसीसीसी) के प्रमुख ने चेतावनी दी है। पिछले साल चीन से हुए साइबर हमले के कारण मुंबई की बिजली सप्लाई खंडित होने के दावे हाल ही में सामने आए थे। वहीं, इस साल देश के साइबर क्षेत्र पर हमले अधिक ही तीव्र हुए दिखाई दे रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर, देश की साइबर सुरक्षा विषयक नीति तय करने की तैयारी शुरू हुई है। इसी कारण ‘एनसीसीसी’ के प्रमुख ने दी यह चेतावनी औचित्यपूर्ण साबित हो रही है।

india-cyber-attacks‘एनसीसीसी’ के प्रमुख लेफ्टनंट जनरल (निवृत्त) राजेश पंत ने साइबर सुरक्षा का मुद्दा महत्व अधोरेखांकित किया। ‘मिलिटरियाऽजयपूर 2021’ इस परिसंवाद में ‘इन्फॉर्मेशन वॉरफेअर’ यानी ‘जानकारी युद्ध’ इस विषय पर पंत बात कर रहे थे। ‘किसी देश की प्रगति में रोड़ा डालने के लिए उस देश के साइबर क्षेत्र को लक्ष्य किया जा सकता है। सन २०२० में साइबर अपराधों के कारण दुनिया को छः लाख करोड़ डॉलर्स का नुकसान सहना पड़ा था। कोरोना की महामारी शुरू होने के बाद सभी क्षेत्रों में ऑटोमायझेशन और डिजिटायझेशन शुरू हुआ है। इस कारण साइबर सुरक्षा का महत्व अधिक ही बढ़ा है’, ऐसा दावा पंत ने इस समय किया।

देश के उद्योग क्षेत्र को बढ़ावा मिला होकर नए-नए स्टार्टअप्स शुरू हो रहे हैं। ऐसे दौर में साइबर हमलों का खतरा अधिक ही बढ़ा है, यह बहुत ही गंभीर बात है, ऐसा पंत ने स्पष्ट किया। उसी समय, पश्चिमी देश और चीन इनके बीच के तीव्र मतभेदों के कारण इंटरनेट का दो भागों में बँटवारा हुआ है। इससे साइबर अपराधों की तलाश करना अधिक ही मुश्किल बना होने का सूचक बयान पंत ने किया। ऐसी परिस्थिति में भारत को अपनी साइबर सुरक्षा के लिए अधिक व्यापक स्तर पर प्रयास करने पड़ेंगे, ऐसा बता कर ‘एनसीसीसी’ के प्रमुख ने, इसकी शुरुआत होने के संकेत दिए हैं।

देश के तीनों रक्षा बलों समेत, साइबर सुरक्षा का हैंडलिंग नौं एजेंसियों द्वारा किया जाता है। इनमें ‘एसीसीसी’ का समावेश है। अत्यधिक संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा के लिए ‘नॅशनल क्रिटिकल इन्फॉर्मेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर’ (एनसीआयआयपीसी); वहीं, साइबर क्षेत्र के खतरों को ढूंढने के लिए ‘इंडियन साइबर क्राईम कोऑर्डिनेशन सेंटर’ इनका भी इसमें समावेश है, ऐसा पंत ने कहा।

इसी बीच, इस साल से भारत के साइबर क्षेत्र पर होनेवाले हमले अधिक ही तीव्र होने की खबरें आ रही हैं। इस कारण भारत को साइबर सुरक्षा के बारे में नीति तैयार करनी पड़ेगी, ऐसी माँग शुरू हुई है और इस दिशा में गतिविधियाँ होने की खबरें आ रही हैं। पिछले साल मुंबई की बिजली सप्लाई पर हुआ साइबर हमला तथा देश के शेयर बाजार पर हुआ साइबर हमला, इनकी मिसाल देकर पंत ने, कुछ दिन पहले, साइबर क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय रणनीति बनाने की जरूरत है, ऐसा कहा था।

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