अमरिका पर होने वाले साइबर हमलों को परमाणु हमलों से प्रत्युत्तर दिया जा सकता है – ‘पेंटॅगॉन’ की रिपोर्ट

वॉशिंग्टन: अमरिका पर बड़ा साइबर हमला हुआ तो उसे परमाणु हमले से प्रत्युत्तर देने का प्रस्ताव अमरिकी रक्षा विभाग ने अपनी रिपोर्ट में दिया है। अमरिका की परमाणु क्षमता और नीति की समीक्षा करने वाली यह रिपोर्ट अभी अभी ‘व्हाईट हाउस’ में भेजी गई है। इस रिपोर्ट के मसौदे का अमरिका की प्रमुख मीडिया के हाथ में लगा है और ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने ‘साइबर हमलों’ के बारे में खबर प्रसिद्ध की है।

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अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प सत्ता पर आने के बाद रक्षा मुख्यालय ‘पेंटॅगॉन’ को अमरिका की परमाणु क्षमता पर रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए थे। उसके अनुसार ‘पेंटॅगॉन’ ने रिपोर्ट तैयार की है और उसे ‘न्यूक्लिअर पोश्चर रिव्ह्यू’ यह नाम दिया गया है। इस रिपोर्ट में अमरिका की ‘टेक्निकल न्यूक्लिअर वेपन्स’ की संख्या बढ़ने के संकेत दिए गए हैं और परमाणु हमले का विकल्प कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है, इस मामले में संभावनाएं स्पष्ट की गई हैं।

“अमरिका, अमरिका के सहकारी और भागीदार देशों के बहुत ही महत्वपूर्ण हितसंबंधों की रक्षा करने के लिए चरम परिस्थिति में परमाणु के इस्तेमाल का विकल्प इस्तेमाल किया जाएगा। चरम परिस्थिति में ‘नॉन-न्यूक्लिअर स्ट्रॅटेजिक अटैक्स’ का समावेश हो सकता है”, इन शब्दों में ‘न्यूक्लिअर पोश्चर रिव्यू’ परमाणु हमलों के बारे में संभावनों का उल्लेख किया गया है। इसमें से ‘नॉन न्यूक्लिअर अटैक’ का उल्लेख साइबर हमलों से संबंधित है, ऐसा दावा ‘पेंटॅगॉन’ के वर्तमान-भूतपूर्व अधिकारी और सूत्रों ने किया है।

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‘न्यूक्लिअर पोश्चर रिव्यू’ में किसी भी प्रकार के हमलों को परमाणु हमलों द्वारा प्रत्युत्तर दिया जा सकता है, यह इसमें लिखा है। इसमें ‘साइबर हमलों’ का सीधे समावेश नहीं किया गया है। लेकिन अमरिकी जनता, अत्यंत महत्वपूर्ण और संवेदनशील बुनियादी सुविधाएँ, इन पर हमलों का इसमें समावेश है। उसीके साथ ही ‘न्यूक्लिअर फोर्सेस’, ‘कमांड और कंट्रोल सेंटर’ और हमलों से संबंधित सूचना, इशारा साथ ही विश्लेषण करने वाली यंत्रणाओं पर होने वाले हमले भी परमाणु हमले के प्रत्युत्तर के लिए काफी होंगे, ऐसा पेंटॅगॉन का कहना है। यह सरे तपशील साइबर हमलों का ही सन्दर्भ देते हैं, ऐसा दावा विश्लेषकों ने किया है।

अमरिका ने पिछले दो तीन वर्षों में साइबर हमलों के बारे में नियमित रूपसे आक्रामक नीति अपनाना शुरू किया है। उसमें ‘साइबर हमलों’ का मुकाबला करने के लिए प्रत्युत्तर देने की नीति का समावेश है। अमरिका के गुप्तचर साथ ही रक्षा विभाग ने ‘साइबरवेपन्स’ विकसित करने की बात भी सामने आई थी। इस ‘साइबरवेपन्स’ का इस्तेमाल ईरान का परमाणु कार्यक्रम साथ ही ‘आईएस’ जैसे आतंकवादी संगठन के खिलाफ करने की बात भी सामने आई थी।

अमरिका पर साइबर हमले करने वाले देशों में चीन, रशिया, उत्तर कोरिया, ईरान इन देशों का समावेश है। इस पृष्ठभूमि पर बड़े साइबर हमलों को प्रत्युत्तर देने के लिए परमाणु हमले का विकल्प खुला रखने के लिए पेंटॅगॉन की सिफारिश लक्षवेधी साबित होती है।

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