चीन-यूरोप के निवेश समझौते पर अमरीका और तैवान की आलोचना

ब्रुसेल्स – ‘झिंजियांग प्रांत में बड़े कारखाने स्थापीत करके वहां पर उइगरवंशियों से गुलाम कामगारों के तौर पर बर्ताव करनेवाला चीन कामगारों के अधिकारों का सम्मान करेगा, ऐसा कहकर कुछ लोग अपना बचपना छुपाने की कोशिश कर रहे हैं। चीन के हुकूमत से हो रहें मानव अधिकारों के उल्लंघन की कल्पना होते हुए भी यूरोपिय महासंघ उनके साथ भागीदारी करने की कोशिश कर रहा हैं। यह बात यूरोप का मखौटा फाड़कर रखनेवाली साबित होती है’, ऐसा जोरदार तमाचा अमरीका के राष्ट्रीय उप-सलाहकार मैथ्यू पॉटिंगर ने लगाया हैं। तैवान के उप-राष्ट्राध्यक्ष ने भी इस समझौते पर नाराज़गी व्यक्त करते समय यह इशारा दिया है कि, यूरोपिय देश क्या खो रहे हैं, इस बात की कल्पना अभी तक उन्हें नही हुई हैं।

यूरोपिय महासंघ की प्रमुख उर्सुला वॉन डर लेयेन ने बुधवार के दिन ‘ईयू-चायना कॉम्प्रेहेन्सिव्ह ऐग्रीमेंट ऑन इन्व्हेस्टमेंट’ को लेकर प्राथमिक स्तर की सहमति होने की जानकारी साझा की। यूरोपिय महासंघ के प्रमुख चार्ल्स मिशेल, जर्मन चान्सेलर एंजेला मर्केल, फ्रेंच राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन और चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग के बीच हुई चर्चा के बाद यह सहमति होने का बयान लेयेन ने किया। एक-दुसरें से समान व्यवहार, स्पर्धा के लिए उचित माहौल और मुल्यों का सम्मान करने के मुद्दों पर यूरोप चीन के साथ भागीदारी करने के लिए तैयार हैं, यह बात महासंघ ने इस दौरान स्पष्ट की। चीन ने यूरोप के साथ हुए समझौते का स्वागत किया हैं और अगले दिनों में अमरीका के साथ संबधों में सुधार करके इसे पहले जैसे करने के लिए गति मिलेगी, यह उम्मीद भी जताई।

लेकिन, अमरीका में इस समझौते पर नाराज़गी का स्वर उठा हैं। यह समझौता अमरीका और यूरोप के व्यापारी संबंधों को झटका देनेवाले साबित हो सकते हैं, यह दावा अमरीका के विश्‍लेषकों ने किया हैं। इसके आगे अमरीका के साथ व्यापार और निवेश क्षेत्र में कारोबार करते समय यूरोप को चीन समझौते का पालन कर रहा हैं, यह साबित करना होगा, ऐसा दावा भी विश्‍लेषकों ने किया हैं। अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा उप-सलाहकार ने यूरोप का मुखौटा फटा हैं, ऐसी आलोचना करने के साथ ही राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ यूरोप से जताई जा रही आपत्ति गलत सबित होने का दावा भी किया है।

अमरीका के साथ संबंध सुधारने के मार्ग में ट्रम्प प्रशासन बड़ा बड़ा अडंगा होने का बयान यूरोपिय महासंघ लगातार कर रहा था। लेकिन, ‘ट्रम्प’ यह मुद्दा नही हैं बल्कि असल में यूरोपियन नेतृत्व और उनकी भूमिका ही इसके पीछे प्रमुख कारण था, यही बात चीन के साथ किया यह समझौता दिखा रहा हैं’, यह आरोप भी राष्ट्रीय सुरक्षा उप-सलाहकार मैथ्यू पॉटिंगर ने किया। अमरीका के बाद तैवान ने भी यूरोप-चीन के समझौते पर यूरोप को फटकार लगाई हैं। यह समझौता हुआ हो, फिर भी गुलाम कामगारों का इस्तेमाल, बाज़ार की उपलब्धता, शाश्‍वत विकास, बुद्धिसंपदा के अधिकार जैसें मुद्दों पर क्या निर्णय होते हैं, इस ओर ध्यान देना होगा, यह इशारा तैवान के विदेश मंत्रालय ने दिया हैं।

‘चीन के साथ किए इस समझौते से क्या हासिल होता है, यही सीर्फ दिखता है, लेकिन क्या खोया जाता हैं यह बात समझ नही आती’, इन शब्दों में तैवान के उप-राष्ट्राध्यक्ष लाय चिंग-ते ने यूरोप को सावधानी बरतने का इशारा दिया। यह समझौता यूरोप जैसीं जनतांत्रिक व्यवस्था के लिए काफी बड़े संकेत हैं, ऐसा सूचक बयान भी तैवान के उप-राष्ट्राध्यक्ष ने किया हैं।

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