न्यूयॉर्क टाईम्स और वॉशिंग्टन पोस्ट की व्हाईट हाऊस द्वारा कड़ी आलोचना

वॉशिंग्टन – ‘राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प और रशिया इनके बारे में लगातार झूठीं ख़बरें देनेवाले ‘द न्यूयॉर्क टाईम्स’ आणि ‘द वॉशिंग्टन पोस्ट’ ने अपने पुलित्झर पुरस्कार वापस करने का समय आया है’, ऐसी तीख़ी आलोचना व्हाईट हाऊस की प्रवक्ता कायले मॅकनॅनी ने की। कुछ दिन पहले न्यूयॉर्क टाईम्स और वॉशिंग्टन पोस्ट इन दोनों अख़बारों ने, रशिया ने अफगानिस्तान में अमरिकी सैनिकों को मारने के लिए तालिबान को सुपारी दी थी, ऐसा दावा करनेवाली ख़बर प्रकाशित की थी। इस ख़बर में ऐसा आरोप भी किया गया था कि राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प को इसकी जानकारी होने के बावजूद भी उन्होंने कार्रवाई नहीं की। ट्रम्प ने तथा रशिया ने भी इन दावों को स्पष्ट शब्दों में ठुकरा दिया था।

white house‘अपनी ख़बरें बार बार झूठीं क्यों साबित होतीं हैं इसके बारे में अब न्यूयॉर्क टाईम्स जैसे अख़बार ने आत्मपरीक्षण करने का समय आया है’, ऐसे शब्दों में व्हाईट हाऊस की प्रवक्ता ने हाल ही में प्रकाशित हुई ख़बर को लेकर उस अख़बार को खरी खरी सुनाई। इस समय प्रवक्ता कायले मॅकनॅनी ने, सन २०१७ के फ़रवरी और जून महीनों में, साथ ही मार्च २०१९ में छपीं ख़बरों पर ग़ौर फ़रमाया। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प और रशिया इनके बीच के कथित संबंधों की जानकारी देनेवालीं इन ख़बरों में किये दावें झूठ साबित हुए थे। ये ख़बरें यानी अपने ख़िलाफ़ रची गयी साज़िश है, ऐसा बताकर राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने उनका उल्लेख ‘फेक न्यूज’ ऐसा किया था।

कुछ दिन पहले न्यूयॉर्क टाईम्स और वॉशिंग्टन पोस्ट इन दोनों अख़बारों ने फिर एक बार राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प और रशिया इनके संदर्भ में दावें करनेवाली ख़बर प्रकाशित की थी। रशियन गुप्तचर यंत्रणाओं ने ‘तालिबान’ इस आतंकवादी संगठन के साथ मिलीभगत करके अफगानिस्तान में कई अमरिकी सैनिकों की हत्या करायी। अमरीका की यंत्रणाओं के पास इसकी जानकारी होकर, कुछ महीने पहले उन्होंने यह जानकारी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प को दी। लेकिन रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतीन के साथ साँठगाँठ होने के कारण अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने इस बारे में कोई भी कार्रवाई नहीं की, ऐसा आरोप ‘न्यूयॉर्क टाईम्स’ और ‘वॉशिंग्टन पोस्ट’ में किया गया था।

white houseअमरीका के अख़बारों में किये गए इन आरोपों को राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के विरोधकों का समर्थन प्राप्त हुआ है। अमरिकी गुप्तचर यंत्रणाओं के साथ ही, व्हाईट हाऊस भी इस बारे में स्पष्टीकरण दें, ऐसी माँग होने लगी है। लेकिन ट्रम्प ने उनपर हुए आरोप स्पष्ट शब्दों में ठुकराये हैं। ‘न्यूयॉर्क टाईम्स ने किये दावों में किसी भी प्रकार की सच्चाई ना होने के कारण उस बारे में जानकारी राष्ट्राध्यक्ष को अथवा उपराष्ट्राध्यक्ष पेन्स को नहीं दी गयी, ऐसा खुलासा गुप्तचर यंत्रणाओं ने किया है। फेक न्यूज होनेवाले न्यूयॉर्क टाईम्स के दावें यानी उन्होंने तैयार की हुईं रशियन अफवाहों का भाग है। न्यूयॉर्क टाईम्स उनका सोर्स घोषित करें। लेकिन वे ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि मूलत: ऐसा कोई सोर्स अस्तित्व में ही नहीं है’, ऐसे शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने फ़टकार लगाई।

अमरीका की प्रमुख गुप्तचर यंत्रणा ‘नॅशनल इंटेलिजन्स’ के प्रमुख जॉन रॅटक्लिफ ने भी ट्रम्प के बयान की पुष्टि की है। टाइम्स तथा अन्य अख़बारों ने किये दावें सरासर ग़लत हैं, ऐसा रॅटक्लिफ ने अपने निवेदन में स्पष्ट किया। अमरीका के पूर्व गुप्तचर प्रमुख रिचर्ड ग्रेनेल ने भी रशिया और तालिबान से संबंधित जानकारी ठुकरायी है। उसी समय, इसका राजनीतिक फ़ायदा उठाने की कोशिश करनेवाले विरोधकों को भी उन्होंने खरी खरी सुनायी है। रशिया ने भी उसपर हुए आरोप ठुकराये होकर, ऐसे दावें करनेवालों की कल्पनाशक्ति बहुत ही अपर्याप्त होनी चाहिए, ऐसी फ़टकार लगाई है।

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