अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही आलोचना नजरअंदाज हो इसी लिए चीन की हुकूमत कर रही है ‘ग्लोबल प्रोपागंडा वॉर’ – अमरिका के रपट में आरोप दर्ज

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंग्टन/बीजिंग: उघुरवंशियों पर हो रहे अत्याचारों से हॉंगकॉंग में हो रहे दमन तक के हर एक मुद्दे पर हो रही आलोचना रोकने के लिए चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने ‘ग्लोबल प्रोपागंडा वॉर’ शुरू किया है, अमरिका के रपट में ही यह आरोप किया गया है| ‘फ्रीडम हाउस’ इस अमरिकी गुट ने प्रसिद्ध किए रपट में यह आरोप रखा गया है| इसमें चीन की हुकूमत प्रसार माध्यम और सोशल मीडिया के जरिए अपनी व्यवस्था यानी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘मॉडेल’ होने की दिखाने की कोशिश कर रही है, यह दावा भी इस रपट में किया गया है|

फ्रीडम हाउस’ इस स्वयंसेवी गुट ने ‘बीजिंग्ज् ग्लोबल मेगाफोन’ नाम का एक रपट हाल ही में जारी किया| इस रपट में चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी ‘सॉफ्ट पॉवर’ निर्माण करने के लिए कर रही गतिविधियों की जानकारी रखी गई है| इसमें दुनिया भर के प्रसार माध्यमों समेत चीन में प्रतिबंधित सोशल मीडिया के प्रभावी इस्तेमाल की ओर ध्यान आकर्षित किया गया है|

फिलहाल दुनिया की शीर्ष माध्यम कंपनियों को आर्थिक समस्या का सामना करना पड रहा है और उन्हें जाल में खिंचने के लिए चीन काफी निवेश कर रहा है| इससे उघुरवंशियों पर हो रहे अत्याचार और छल को ‘डिरैडिकलायझेशन’ यानी चरमतावाद जैसे नाम देकर जागतिक स्तर पर राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग और कम्युनिस्ट पार्टी की अलग प्रतिमा खडी करने का ध्यान रखा जा रहा है|

हॉंगकॉंग और तैवान की घटनाओं को भी अमरिका की साजिश का हिस्सा कहकर इस पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बातचीत हो, इस दिशा में बडी कोशिश की जा रहीहै| चीन का समाचार पत्र चायना डेलि और सीजीटीएन यह समाचार चैनल इसमें अहम भूमिका निभाने की बात सामने आयी है|

इसके लिए प्रसार माध्यमों के साथ ही सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल हो रहा है| चीन की हुकूमत ने देश में प्रतिबंध लगाए ट्विटर समेत अन्य सोशल मीडिया का विदेश में काफी बडा इस्तेमाल हो रहा है| विदेश में कार्यरत चीन के राजनयिक अधिकारी और प्रभावी व्यक्तियों को सोशल मीडिया के जरिए चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत की सकारात्मक प्रतिमा खडी करने के निदेश भी दिए गए है|

चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग को चीन के बाहर की जनकारी पर नियंत्रण रखने की महत्वाकांक्षा है और इसी कारण यह कोशिश हो रही है, यह मत संबंधित अमरिकी रपट में दर्ज की गई है| चीन की हुकूमत ने शुरू किए इस माहिती युद्ध पर विदेश में ध्यान दिया जा रहा है और इसका एहसास कराने के रपट लगातार सामने आ रहे है|

कुछ महीने पहले ही ‘द ग्लोबल डिसइन्फोर्मेशन ऑर्डर’ नाम का रपट प्रसिद्ध किया गया था| इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोशल मीडिया और प्रसारमाध्यमों का इस्तेमाल करके चीन जागतिक दुष्प्रचार की महासत्ता बना है, यह दावा ब्रिटीश अभ्यासगुट ने किया था|

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