शरणार्थियों की वजह से जर्मनी में अपराधों में बढ़ोत्तरी जर्मन – पुलिस दल की रिपोर्ट

बर्लिन: पिछले कुछ महीनों में जर्मनी में हुई हत्याओं के पीछे इराक, सीरिया और अफगानी शरणार्थियों का हाथ होने की बात सामने आ रही है और उस वजह से देश में जनमत प्रक्षुब्ध हुआ है। केमनीटझ में लगातार सात दिनों से चल रहे प्रदर्शन से जर्मन नागरिकों में बढ़ते असंतोष के संकेत मिल रहे हैं, ऐसे में जर्मन पुलिस दल की नई रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में जर्मनी होने वाले हिंसक अपराधों में शरणार्थियों का सहभाग बढ़ने की जानकारी दी गई है। इस रिपोर्ट की वजह से शरणार्थियों के खिलाफ असंतोष अधिक तीव्र होने की संभावना है।

जर्मन पुलिस दल ‘फेडरल क्रिमिनल पुलिस ऑफिस’ (बीकेए) की तरफ से सन २०१७ में हुए अपराध के बारे में एक रिपोर्ट प्रसिद्ध की गई है। उसमें सन २०१७ में जर्मनी में ७० से अधिक हत्याएं दर्ज होने की जानकारी दी गई है। उसमें से ८३ हत्त्याओं में शरणार्थी अपराधियों के तौर पर सामने आए हैं। सन २०१६ की तुलना में शरणार्थियों का हिंसक अपराधों में सहभाग लगभग ३३ प्रतिशत से बढ़ गया है।

शरणार्थियों, वजह, जर्मनी, अपराधों, बढ़ोत्तरी, पुलिस दल, रिपोर्ट, बर्लिन, हिंसकजर्मनी में पिछले डेढ़ सालों में प्रसिद्ध हुई विविध रिपोर्ट में बढ़ते अपराध और शरणार्थियों के समूहों का सीधा संबंध होने की बात लगातार सामने आ रही है। पिछले वर्ष ‘गेटस्टोन’ इस अभ्यास समूह ने प्रसिद्ध की एक रिपोर्ट में जर्मनी में लैंगिक अपराध कि तादात बढ़ी है, ऐसा कहकर लगभग ३००० से अधिक अपराधों में शरणार्थियों का सहभाग सामने आने की चौंकाने वाली जानकारी सामने आई थी। इस साल जनवरी महीने में ‘लोअर सैक्सोनी’ प्रान्त ने प्रसिद्ध की रिपोर्ट में अपराध में ९० प्रतिशत बढ़ोत्तरी शरणार्थियों के समूहों की वजह से होने की बात सामने आई थी।

कुछ महीनों पहले जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने शरणार्थियों के समूह और बढ़ते अपराधों की वजह से जर्मनी के कुछ इलाकों में ‘नो गो झोन्स’ निर्माण होने की बात भी कबूल की थी। उसके बाद ‘अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी’ (एएफडी) इस दक्षिण पंथी सोच की राजनीतिक पार्टी ने, मर्केल ने शरणार्थियों के रूप में कट्टर पंथी और आतंकवादियों को जर्मनी में लाने का आरोप करके उनके इस्तीफे की भी माँग की थी।

इसी पृष्ठभूमि पर, पिछले कुछ महीनों में जर्मनी के कुछ शहरों में हुए हिंसक अपराधों में शरणार्थियों का सहभाग सामने आने की वजह से स्थानीय नागरिकों में असंतोष अधिक तीव्र हुआ है। जर्मनी के ‘कैंडल’ शहर में एक अफगानी शरणार्थी ने १५ साल की जर्मन लड़की की हत्या करने का मामला भी चर्चा में आया है और सदर शरणार्थी को सिर्फ साढ़े आठ सालों की सजा देने की वजह से नाराजगी व्यक्त की जा रही है।

केमनीटझ के ‘स्ट्रीट फेस्टिवल’ के बाद डैनिअल हिलिग नाम के ३५ वर्षीय जर्मन नागरिक की इराक और सीरिया से आए शरणार्थियों ने हमला करने की वजह से मृत्यु हुई थी। इस मामले में स्थानीय दक्षिण पंथी समूह और राजनीतिक पार्टियों ने आक्रामक भूमिका लेकर जोरदार आन्दोलन शुरू किया है। इस दौरान शरणार्थी, शरणार्थियों का समर्थन करने वाले समूह और स्थानीय समूहों के बीच जोरदार दंगल होने की वजह से शहर में इमर्जन्सी लागू की गई है।

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