देश अभी भी कोरोनावायरस के स्थानिक संक्रमण के पड़ाव में – केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का खुलासा

नयी दिल्ली – केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को जारी की मानक कार्यप्रणाली (एसओपी) में किये, ‘देश में मर्यादित समूह संक्रमण (लिमिटेड कम्युनिटी ट्रान्समिशन) है’ इस उल्लेख से खलबली मची है। लेकिन ‘भारत में अभी तक ऐसे संक्रमण की शुरुआत नहीं हुई है। फिलहाल भारत स्थानिक संक्रमण के पड़ाव में ही है’ ऐसा खुलासा इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया। साथ ही, इस संक्रमण पर नियंत्रण पाने के लिए जनता सहयोग करें, ऐसा आवाहन स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने किया।

भारत के कोरोनावायरस के मरीज़ों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। सोमवार को देश में इस संक्रमण के मरीज़ों की संख्या १ हज़ार १५४ पर गयी; वहीं, मृतकों की संख्या ३० हुई है। महाराष्ट्र के कोरोना से संसर्गित मरीज़ों की संख्या २२० तक पहुँच गयी है। केरल में मरीजों की संख्या बढ़कर २०५ पर गयी है। अन्य राज्यों में भी इस संक्रमण के मरीज़ों की संख्या बढ़ती चली जा रही है। उत्तर प्रदेश के मेरठ में आज इस संक्रमण के और ८ मरीज़ पाये गए। इससे मेरठ के मरीज़ों की संख्या १९ पर पहुँची है। इनमें एक ही परिवार के १३ लोग हैं। महाराष्ट्र के सांगली में भी इससे पहले एक ही परिवार के २४ लोग संक्रमित हुए होने की बात सामने आयी थी।

देश में कोरोनावायरस की बढ़ती मरीज़संख्या की पार्श्वभूमि पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को नये मानक कार्यप्रणाली (स्टॅंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर-एसओपी) दिशानिर्देश जारी किये। इस एसओपी के पेपर में ‘मर्यादित समूह संक्रमण’ का एक उल्लेख सामने आने के बाद खलबली मची। इससे ‘देश इस संक्रमण के लीसरे पड़ाव में दाख़िल हुआ होने की’ चर्चा शुरू हुई। उसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने इस मामले में जल्दी से खुलासा किया। भारत में अभी तक कोरोनावायरस के समूह संक्रमण की शुरुआत नहीं हुई है, ऐसा स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा है। भारत अभी तक दूसरे पड़ाव में, स्थानिक संक्रमण के स्तर पर ही है, ऐसा खुलासा उन्होंने दिया। सरकारी दस्तावेज़ों में कहीं पर भी ‘समूह’ ऐसा लिखा, तो उसके भिन्न अर्थ निकाले जाते हैं, ऐसा अग्रवाल ने कहा।

देश में लॉकडाऊन का परिणाम दिखायी दे रहा होकर, हमारे देश में १०० पर से मरीज़ों की संख्या हज़ार तक जाने के लिए १२ दिन लगे। वहीं, विकसित देशों में इतने दिनों में तीन हज़ार से आठ हज़ार मामलें सामने आये, इसपर अग्रवाल ने ग़ौर फ़रमाया। इस संक्रमण को रोकने के लिए हर एक का सहयोग अपेक्षित है। एक व्यक्ति भी यदि इससे छूट गया और उसने सहयोग नहीं किया, तो सारे प्रयास शून्यवत हो सकते हैं। सरकार ने जारी किये मार्गदर्शक नियमों का १०० प्रतिशत पालन होना चाहिए। ९९ प्रतिशत भी यदि हुआ, तो भी सब कुछ नाक़ाम हो जायेगा, ऐसा अग्रवाल ने अधोरेखित किया।

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