दिल्ली, गुजरात में ‘कोरोना’ की स्थिति नियंत्रण से बाहर – सर्वोच्च न्यायालय का निरीक्षण/केंद्र और सभी राज्य सरकारों से माँगी रपट

नई दिल्ली – दिल्ली और गुजरात में कोरोना की वजह से स्थिति बिगड़ने की बात का संज्ञान सर्वोच्च न्यायालय ने लिया हैं। दिल्ली और गुजरात में स्थिति नियंत्रण से बाहर जाने का निरिक्षण दर्ज़ करके सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र और सभी राज्यों की सरकार से रपट माँगी हैं। कोरोना की महामारी रोकने के लिए कौन से कदम उठाए हैं, ऐसा स्पष्ट सवाल न्यायालय ने भी सरकारों से किया हैं। महाराष्ट्र सरकार को भी दिसंबर में स्थिति अधिक खराब होने की संभावना की पृष्ठभूमि पर की गई तैयारी का ब्यौरा देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा हैं।

corona-india-delhi-gujaratबीते कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण दुबारा तेज़ हो रहा हैं। दिल्ली में बीते दो सप्ताहों से इस महामारी के संक्रमित और मृतकों की यकायक बढ़ोतरी होने लगी हैं। इस वजह से दिल्ली के कुछ हिस्सों में दुबारा प्रतिबंध लगाने की नौबत का गिरी हैं। चार हज़ार से भी अधिक कन्टेन्मेंट झोन तैयार किए गए हैं।

दिवाली के बाद देश के अन्य राज्यों में भी कोरोना संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई हैं। गुजरात के कुछ शहरों में रात के समय कर्फ्यु घोषित किया गया हैं। महाराष्ट्र में भी प्रति दिन देखें जा रहें कोरोना के नए मामलों की संख्या पांच हज़ार से अधिक हुई हैं। देश में कोरोना से बिगड़ रही स्थिति का संज्ञान सर्वोच्च न्यायालय ने लिया हैं। इससे खराब स्थिति निर्माण होने पर क्या तैयारी रखी गई हैं, इसकी रपट दो दिनों में पेश करने के आदेश सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार और सभी राज्यों की सरकार को दिए हैं।

इस दौरान सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली सरकार को मौजूदा स्थिति में कोरोना परीक्षण की संख्या कम क्यो हो रही हैं, यह सवाल भी किया हैं। इस मामले में केंद्र सरकार के पक्ष में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने सर्वोच्च न्यायालय ने इससे पहले जारी किए निदेशों के पालन किया हैं, यह जानकारी अदालत के सामने रखी। इसके अनुसार विशेष समिती भी गठित की गई हैं, यह जानकारी भी केंद्र सरकार ने अदालत से साझा की।

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