कोरोना के ‘डबल म्युटेशन’ ने बढ़ाया महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक में संक्रमण – उत्तरी राज्यों में ‘ब्रिटिश वेरियंट’ से संक्रमितों की संख्या अधिक

मुंबई – भारत में मार्च से यकायक बढ़े कोरोना संक्रमण के लिए कोरोना का ‘डबल म्युटेशन’ ‘बी.१.६१७’ विषाणु का प्रकार अधिक संक्रमण बढ़ाने के लिए ज़िम्मेदार होने की बात शोधकर्ताओं ने कही है। इसके साथ ही कोरोना का ‘बी.१’ नामक विषाणु का प्रकार दक्षिणी राज्यों में संक्रमण तेज़ी से बढ़ा रहा है, यह दावा भी शोधकर्ताओं ने किया है। इसके अलावा कोरोना का ‘ब्रिटिश वेरियंट’ उत्तरी इलाके के पंजाब और दिल्ली जैसे राज्यों में संक्रमण बढ़ा रहा है, ऐसा शोधकर्ताओं ने कहा है।

double-mutation-coronaकोरोना की दूसरी लहर में कोरोना संक्रमण तेज़ हो रहा है और इसके लिए ‘बी.१.१६७’ नामक ‘डबल म्युटेशन’ का विषाणु ज़िम्मेदार होने का दावा शोधकर्ताओं ने किया है। कोरोना की नई लहर के लिए ‘डबल म्युटेशन’ वाला कोरोना का विषाणु ज़िम्मेदार होने के दावे इससे पहले भी किए गए थे। लेकिन, कम नमूनों का विश्‍लेषण होने से इससे संबंधित स्पष्ट दावा नहीं किया गया था।

गुरूवार के दिन ‘नैशनल सेंटर फॉर डिसिज कन्ट्रोल’ (एनसीडीसी) के संचालक सुजीत सिंह ने बीते चार महीनों में जिनोम विश्‍लेषण के लिए भेजे गए सभी न्मूनों की बुनियाद पर ‘डबल म्युटेड’ कोरोना देश में अधिक संक्रमण करनेवाला होने की बात स्पष्ट की है। खास तौर पर महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात में सामने आए कोरोना संक्रमित ‘डबल म्युटेशन’ के कोरोना विषाणु से बाधित होने की बात सुजीत सिंह ने कही। दिसंबर से देश की १० प्रमुख सरकारी लैब्स में कुल १८,०५३ नमूने जिनोम सिक्वेन्स के विश्‍लेषण के लिए पहुँचे थे। इस जिनोम विश्‍लेषण के लिए प्राप्त नमूनों की जांच की रपट फ़रवरी में दो बार, मार्च और अप्रैल में चार-चार बार साझा की गई थी। लेकिन, अब तक प्राप्त हुए सभी नमूनों से प्राप्त हुई रपट की जानकारी सुजीत सिंह ने माध्यमों की सामने रखी।

इसके अनुसार उत्तरी भारत में पंजाब और दिल्ली से प्राप्त हुए नमूनों में कोरोना के ब्रिटीश वेरियंट ‘बी.१.१.७’ की मात्रा अधिक थी। पंजाब से प्राप्त हुए नमूनों में ४८२ और दिल्ली के ५१६ नमूने ब्रिटीश वेरियंट के पाए गए हैं। महाराष्ट्र, कनार्टक से प्राप्त हुए नमूनों में ब्रिटीश वेरियंट पाया गया है। लेकिन, इस वेरियंट के नमूनों की संख्या क्रमशः ८३ और ८२ है। वहीं, महाराष्ट्र से प्राप्त हुए ७१६ नमूने ‘बी.१.१६७’ नामक डबल म्युटेशन के विषाणु के होने की बात स्पष्ट हुई। गुजरात, कर्नाटक, पश्‍चिम बंगाल से प्राप्त नमुनों में भी डबल म्युटेशन विषाणुओं की संख्या अधिक है।

दक्षिण अफ्रिकी वेरियंट ‘बी.१.३१५’ विषाणु तेलंगना और दिल्ली से प्राप्त हुए कुछ नमूनों में पाया गया है। इसके अलावा केवल महाराष्ट्र से प्राप्त नमुनों में ‘ब्राज़िल वेरियंट’ का ‘पी १’ विषाणु भी पाया गया है। लेकिन, इस विषाणु के नमूनों की संख्या ना के बराबर है, यह जानकारी सु्जीत सिंह ने प्रदान की। स्वास्थ्य मंत्रालय और एनसीडीसी ने लगातार राज्य सरकारों को उनके राज्यों से प्राप्त हो रहे नमूनों में पाए जा रहे कोरोना के वेरियंट की संख्या प्रदान की है। साथ ही नए वेरियंट को लेकर सावधानी बरतने का सुझाव भी दिया गया है।

इसी बीच, ‘सेंटर फॉर सिक्युलर ऐण्ड मॉलेक्युलर बायोलॉजी’ (सीसीएमबी) के शोधकर्ताओं ने आंध्र प्रदेश में पाया गया कोरोना का विषाणु ‘एन४४०के’ (बी.१.३६) वेरियंट सबसे घातक होने की खबर महज एक अफवाह होने की बात कही है। कोरोना का यह आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगना में पिछले वर्ष ही पाया गया था। इस वजह से इन राज्यों में संक्रमण बढ़ा था। लेकिन, मार्च में यह संक्रमण यकायक कम होता गया। इससे कोरोना का यह वेरियंट जल्द ही खत्म होने की स्थिति में होने का दावा ‘सीसीएमबी’ ने किया है। आंध्र प्रदेश के कोविड कमांड सेंटर के प्रमुख डॉ.के.एस.जवाहर रेड्डी ने भी यह बात स्पष्ट की है।

आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगना में फिलहाल कोरोना का डबल म्युटेशन वाला ‘बी.१.१६७’ नामक विषाणु और ‘बी.१’ विषाणु अधिक मात्रा में संक्रमित हो रहा है। इन दोनों स्ट्रेन्स की संक्रमण बढ़ाने की मात्रा अधिक है। कोरोना के ‘एन४४०के’ नामक वेरियंट के स्थान पर अब यह दो वेरियंट संक्रमित हो रहे है, ऐसा दावा शोधकर्ताओं ने किया है।

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