तालिबान-तेहरिक के सहयोग से अफ़गानिस्तान के साथ पाकिस्तान को भी खतरा

संयुक्त राष्ट्रसंघ की रपट से पाकिस्तान में सनसनी

taliban-tehriq-afghan-pak-1न्यूयॉर्क/इस्लामाबाद – अफ़गानिस्तान में आतंक मचा रहे तालिबान ने अल कायदा और पाकिस्तान की ‘तेहरिक ए तालिबान’ एवं अन्य आतंकी संगठनों के साथ सहयोग जारी रखा है। ऐसे लगभग १० हज़ार विदेशी आतंकी अफ़गानिस्तान में ड़ेरा जमाए होने का इशारा संयुक्त राष्ट्रसंघ ने अपनी रपट से दिया है। आतंकी संगठनों का यह सहयोग अफ़गानिस्तान के साथ पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए भी चुनौती साबित होगी, ऐसा इशारा इस रपट में दिया गया है। लेकिन, यह रपट यानी सिर्फ आँखों में धूँल झोंकना है और अफ़गानिस्तान की तालिबान और पाकिस्तान के बीच अविश्‍वास का माहौल निर्माण करने की कोशिश होने का आरोप पाकिस्तानी विश्‍लेषक लगा रहे हैं।

दो दिन पहले ‘ऐनालिटिकल सपोर्ट ऐण्ड सैंक्शन्स मॉनिटरिंग टीम’ नामक गुट ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद के सामने अपनी रपट रखी। विश्‍व के विभिन्न हिस्सों में आतंकी गतिविधियों पर नज़र रखकर इसका अध्ययन करके दर्ज़ की हुई बातें इस रपट के माध्यम से रखी गई हैं। बीते कुछ महीनों से अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों का ध्यान आकर्षित करनेवाली अफ़गानिस्तान की तालिबान को लेकर इस रपट में कुछ विशेष बातें दर्ज़ हैं।

पिछले वर्ष कतार में समझौता करते समय तालिबान ने अल कायदा और अन्य आतंकी संगठनों के साथ संबंध तोड़ने की बात स्वीकारी थी। लेकिन, तालिबान ने इस समझौते का उल्लंघन करके पाकिस्तान के अलग अलग आतंकी संगठनों से सहयोग बढ़ाया है, यह आरोप भी इस रपट में दर्ज़ है। तालिबान ने अल कायदा और पाकिस्तान की तेहरिक ए तालिबान इन दो आतंकी संगठनों के साथ स्थापित किए सहयोग पर इस रपट में चिंता व्यक्त की गई है।

taliban-tehriq-afghan-pak-2इसी दौरान तालिबान और तेहरिक के बीच मतभेद निर्माण हुए थे। लेकिन, दिसंबर २०१९ और अगस्त २०२० के दौरान तालिबान और तेहरिक के बीच सलोखा निर्माण हुआ। इसके लिए अल कायदा के नेतृत्व ने अहम भूमिका निभाने की बात पर संयुक्त राष्ट्रसंघ की रपट ने ध्यान आकर्षित किया। इसी दौर में पाकिस्तान की अन्य संगठनें भी तेहरिक में शामिल हुईं। इनमें ‘लश्‍कर ए ज़ागवी’, ‘जमात उल अहरार’, ‘हिज़्ब उल अहरार’, ‘शहरयार मेहसूद’ के गुट एवं अमजद फारूकी के गुट का समावेश है। इन गुटों के साथ सहयोग स्था्पित होने से तेहरिक एवं तालिबान की ताकत बढ़ी है, यह इशारा राष्ट्रसंघ ने दिया।

तेहरिक के आतंकी बड़ी संख्या में पाकिस्तान की सीमा के करीब अफ़गानिस्तान के नांगरहार प्रांत में ड़ेरा जमाए हैं। अफ़गानिस्तान की गनी सरकार के विरोध में तालिबान की मुहिम का पूरा समर्थन करनेवाली तेहरिक पाकिस्तान विरोधी संगठन होने का स्पष्ट ज़िक्र इस रपट में है। इस वजह से तालिबान और तेहरिक का सहयोग अफ़गानिस्तान के साथ ही पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए भी समान चुनौती देनेवाला है, ऐसा इशारा इस रपट में दिया गया है।

इस हफ्ते के शुरू में तेहरिक के प्रमुख नूर वली मेहसूद ने अमरिकी समाचार चैनल से बातचीत करते समय भी तालिबान की अफ़गान मुहिम का हम समर्थन करेंगे, यह स्पष्ट किया था। ‘अफ़गानिस्तान पर तालिबान का नियंत्रण स्थापित होना तेहरिक को पाकिस्तान में गतिविधियाँ करने के लिए सहायक साबित होगा। अगले दिनों में यह बात स्पष्ट होगी’, ऐसा इशारा नूर वली ने दिया था। तेहरिक के प्रमुख ने यह इशारा देने के बाद पाकिस्तान से तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज़ हो रही थी। इसी बीच राष्ट्रसंघ की रपट ने तालिबान और तेहरिक का सहयोग होने की बात स्पष्ट करते ही पाकिस्तान में सनसनी मची है।

संयुक्त राष्ट्रसंघ की यह रपट यानी पाकिस्तान और तालिबान के बीच संघर्ष शुरू करने के लिए रची हुई साज़िश का आरोप पाकिस्तान के तालिबान समर्थक पत्रकार और विश्‍लेषक लगा रहे हैं। पाकिस्तानी यंत्रणा और तालिबान के बीच अविश्‍वास निर्माण करने की यह कोशिश होने का बयान पाकिस्तानी सेना के समर्थक विश्‍लेषक कर रहे हैं। इस रपट की वजह से पाकिस्तान और तालिबान के संबंधों में फरक नहीं पड़ेगा, यह दावा भी इन विश्‍लेषकों ने किया है।

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