आर्टिफिशल इंटेलिजन्स क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत-अमरीका के ‘युएसआयएआय’ की स्थापना

नई दिल्ली – ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ अर्थात् एआय क्षेत्र में सहयोग करने के लिए भारत और अमरीका ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। ‘इंडो-युएस सायन्स अँड टेक्नॉलॉजी फोरम’ (आययुएसएसटीएफ) ने इसके लिए ‘युएस इंडिया आर्टिफिशल इंटेलिजन्स इनिशिएटिव्ह’ (युएसआयएआय) की स्थापना का ऐलान किया। आर्टिफिशल इंटेलिजन्स क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए ‘युएसआयएआय’ की स्थापना की गई है, ऐसा भारत के ‘डिपार्टमेंट ऑफ सायन्स अँड टेक्नॉलॉजी’ ने कहा।

आर्टिफिशल इंटेलिजन्स-एआय’ अर्थात् कृत्रिम बुद्धिमत्ता का क्षेत्र तेज़ी से विकसित हो रहा है। आनेवाले समय में, एआय में अग्रसर होनेवाला देश दुनिया पर अधिराज्य करेगा, ऐसे दावे किए जाते हैं। जीवन के लगभग हर क्षेत्र में एआय का इस्तेमाल होगा और देश की रक्षा से लेकर दैनंदिन जीवन की बातों में एआय बहुत ही अहम भूमिका निभाएगा, ऐसे निष्कर्ष अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर दर्ज किए जा रहे हैं। दुनियाभर के प्रमुख देश एआय के लिए बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे होकर, इस संदर्भ में संशोधन को बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में, भारत और अमरीका के बीच एआय के संदर्भ में हो रहा यह सहयोग बहुत ही अहम साबित होता है।

भारत के डिपार्टमेंट ऑफ सायन्स अँड टेक्नॉलॉजी के सचिव आशुतोष शर्मा ने, दोनों देशों के बीच हो रहे इस सहयोग का महत्व अधोरेखांकित किया। भारत और अमरीका के सामने खड़ी समस्याएँ दूर करने के लिए तथा विकास के मार्ग में आनेवाले रोड़ों को मात देने के लिए यह सहयोग बहुत आवश्यक है, ऐसा शर्मा ने कहा। देश में एआय के विकास के लिए २५ टेक्नॉलॉजी हब अर्थात् केंद्र विकसित किए गए हैं, ऐसी जानकारी भी इस समय आशुतोष शर्मा ने दी।

अमरीका के ‘ओशन अँड इंटरनॅशनल एन्व्हार्यन्मेंटल अँड सायंटिफिक अफेअर्स’ के उपमंत्री जोनाथन मार्गोलिस ने इस भारत-अमरीका सहयोग का स्वागत किया। लोकतंत्रवादी देशों के बीच यह सहयोग खुलापन, पारदर्शिता और सामंजस्य के साथ ही संशोधन को प्रोत्साहन इन मुद्दों पर आधारित है, ऐसा मार्गोलिस ने कहा। भारत और अमरीका ये दो बड़े लोकतंत्रवादी देश एकत्रित होकर चमत्कार कर सकते हैं। इसीलिए एआय क्षेत्र में भारत और अमरीका के बीच सहयोग की शुरुआत करने के लिए यह सर्वोत्तम समय साबित होता है, ऐसा दावा भारत के ‘नॅशनल सायन्स फाऊंडेशन’ के संचालक सेतूरामन ‘पंच’ पंचनाथन ने किया है।

दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को गति प्रदान करने के लिए तथा रोजगार निर्माण के जरिए समृद्धि प्राप्त करने के लिए भारत और अमरीका के बीच का यह सहयोग बहुत ही महत्वपूर्ण है, ऐसा दावा पंचनाथन ने किया। जागतिक आबादी का २० प्रतिशत इतना हिस्सा होनेवाले भारत के सहभाग के बिना कोई भी संशोधन अधूरा होगा, ऐसा एक्सिलर व्हेंचर्स इस कंपनी के अध्यक्ष ख्रिस गोपालकृष्णन ने कहा है।

अत्याधुनिक तंत्रज्ञान के मोरचे पर भारत और अमरीका के बीच सहयोग स्थापित करके ‘आययुएसएसटीएफ’ ने अपना बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया है, ऐसा दावा ‘युएसआयएआय’ की कार्यकारी संचालिका नंदिनी कन्नन ने किया है।

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